सांपों से जुड़ी ये बातें जो आपको जाननी चाहिए

सांपों को लेकर अभी लोगों के अंदर बहुत सी भ्रांतियां हैं, सांप को देखते ही लोग डर जाते हैं, आदित्य तिवारी बता रहे हैं जब सांप दिखे तो क्या करें।
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आपके घर या फिर खेत में सांप दिख जाता है तो क्या करते हैं, बारिश में सांप ज्यादा दिखते हैं, अधिकतर लोग सांप देखकर डर जाते हैं, कुछ लोग तो सांप देखते ही मारने दौड़ते हैं, जबकि उन्हें नहीं पता होता कि जितना आप सांप से डरे हुए होते हैं, उतना ही सांप भी आप से डरा हुआ होता है।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आदित्य तिवारी और उनकी टीम लोगों को सांपों के बारे में बताकर लोगों को जागरूक करती है। आदित्य बताते हैं, “जब घरों में सांप निकलता है तो उस समय आदमी भी डरा हुआ होता है और सांप भी डरा हुआ होता है। क्योंकि उसे बहुत ज्यादा मूवमेंट दिख रहा होता है। सांप का सबसे पहला काम होता है भागना, वो ज्यादातर भाग ही जाते हैं, अटैक वो तभी करते हैं अब जब उसके अटैक एरिया के बहुत करीब आ जाते हैं।”

वो आगे कहते हैं, “हर सांप की अपनी क्षमता होती कि वो उतनी दूर तक ही अटैक करते हैं, कोई सांप दौड़ाता नहीं है। इंडियन स्नैक तो खासकर के, इसमें आपको क्या करना है, उसे मारना नहीं है, बल्कि उसे जाने का रास्ता देना है। सांप खिड़की दरवाजों से घरों में आते हैं, जाने का रास्ता भी वही होता है। इसलिए उन्हें जाने दें।”

आदित्य अभी तक सैकड़ों सांपों की जान बचा चुके हैं। वो कहते हैं, “अभी हमारा फोकस रेस्क्यू पर है, क्योंकि कई सारे मिथ की वजह से इंसानों और सांप दोनों को नुकसान होता है। गलत जानकारी होने के कारण इंसानों की मौत होती है, इसी कारण से लोग सांपों को मार भी देते हैं। अगर हम सांपों की बात करें तो उन्हें बचाना भी जरूरी है, उसके पीछे भी कारण है, क्योंकि ये हमारी खाद्य श्रृंखला की अहम कड़ी होते हैं, जितने भी एनिमल हैं, सब फूड चेन से जुड़े होते हैं। अगर उसकी कोई भी एक कड़ी हम हटा देते हैं तो ये जिसको खाने वाले हैं, उनकी संख्या बढ़ जाएगी।”

सांपों को लेकर अभी भी लोगों में बहुत सी भ्रांतियां होती हैं। इस बारे में आदित्य कहते हैं, “सांप को लेकर बहुत सारे मिथ होते हैं, जैसे कि एक सांप होता है, धामिन, जिसको लेकर मिथ होता है कि वो पूछ मार देगा, इससे आपका पैर सड़ने लगेगा। जबकि भारत में ऐसा कोई सांप नहीं है, जिसके शरीर पर या फिर पूछ पर जहर होता है, जिससे इंसान को नुकसान पहुंचता हो। ये मिथ ही होता है।”

“दूसरा सांप दूध नहीं पीते ये वैज्ञानिक रूप से प्रूफ है, एक और लोग कहते हैं कि सांप बदला लेने आते हैं, सबसे ज्यादा यही फेमस यही मिथ है कि सांप फोटो खींच लेगा और बदला लेने आएगा। जबकि बदला नहीं लेने आता क्योंकि उसकी मेमोरी में ये रिकॉर्ड नहीं होता कि किसने किसको मारा है। और एक बात और सांप जोड़े में नहीं रहते हैं, उसे इससे कोई मतलब नहीं कि दूसरे सांप को किसने मारा। उसे सिर्फ अपने खाने से मतलब है, उसे अधिकतर अपने आप से मतलब रहता है। जबतक कि उसे मेटिंग न करनी हो।, आदित्य ने आगे कहा।

लोगों को लगता है कि सांप बीनकर की धुन पर बाहर निकल बाते हैं, जबकि ऐसा नहीं होता। आदित्य कहते हैं, “क्योंकि सांपों के बाहरी कान नहीं होते, इनके इंटरनल इयर होते हैं, जोकि केवल वाईब्रेशन को महसूस करते हैं। जब सपेरा बीन हिलाकर बजा रहा होता है तो सांप उसी के मूवमेंट के हिसाब से मूव करता है। इसलिए जैसे जैसे बीन बजती है, सांप भी हिलता रहता है।”

बहुत से लोगों को पता नहीं होता कि कौन सा सांप जहरीला होता है कौन सा नहीं। आदित्य बताते हैं, “जब पहला सांप रेस्क्यू किया था तब नौवीं में पढ़ता था, उस समय मुझे ये आईडिया नहीं था कि ये सांप कौन सा है। तो मैंने उसे हाथ नहीं लगाया, क्योंकि सांप का सुनकर सबके दिमाग पहला शब्द मौत ही आता है। इसके पीछे का यही कारण है कि सांपों के बारे में लोगों को सही जानकारी है ही नहीं, जैसे कि भारत की बात करें तो यहां पर सांपों की करीब 350 प्रजातियां रहती हैं। लेकिन अभी सही जानकारी नहीं है कि कितनी प्रजातियां हैं, इसके लेकर नई रिसर्च चल रहीं हैं। इनमें से 70 प्रतिशत सांप जहरीले नहीं होते हैं और बाकी बचे 30 प्रतिशत सांपों में कई ऐसी प्रजातियां हैं, जिनके काटने से इंसानों को कोई नुकसान नहीं होता है। तो ऐसे में अगर आप नंबर देखते हैं तो बहुत छोटा नंबर होता है। लेकिन लोगों को ये पता नहीं होता है।”

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