- जयपुर और उदयपुर के होटलों में विदेशियों की थीम आधारित शादियों की 80 प्रतिशत बुकिंग कैंसिल
- होटल उद्योग, फूलों का कारोबार और टेन्ट समेत हर व्यवसाय को रहता है शादियों की सहालग का इंतजार
- करीब 36 खरब रुपए का है भारत में शादियों समारोहों से जुड़ा बिजनेस
शादी-बारातों में फूल व साज-सज्जा का काम करने वाले राहुल का कामकाज ठप है, उन्हें पहले से बनीं योजनाओं और अन्य कई चीजों पर कटौती करनी पड़ रही है।
राहुल का जयपुर में इवेंट्स का कारोबार है और कोरोना वायरस के डर से शादियां व अन्य कार्यक्रम निरस्त होने से इनके कारोबार पर बुरा असर पड़ रहा है।
“हमारा बिजनेस लगभग 25 प्रतिशत कम हो गया। अच्छे सीजन में खुले हाथों से खर्च करते थे, अभी थोड़ा सोचना पड़ रहा है,” राहुल ने फोन पर गाँव कनेक्शन से कहा।
देशभर में कोरोना वायरस के डर से तमाम तरह के कार्यक्रम निरस्त किए जा रहे हैं, जिससे हर किसी को आर्थिक नुकसान हो रहा है। शादियों से लेकर सेमिनार तक के लिए जो विदेशी यात्री भारत आकर कार्यक्रम करना चाहते थे वो अपनी बुकिंग कैंसिल करा रहे हैं, जिससे करोड़ों का नुकसान भी हो रहा है।
कोरोना वायरस का प्रभाव करीब 40 देशों में फैल चुका है, अब तक करीब 4,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और एक लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। ट्रैवल और व्यापार से लेकर हर क्षेत्र पर कोरोना का बुरा प्रभाव दिख रहा है।
अपनी शादियों को एक अलग अंदाज देने के लिए हर साल सैकड़ों विदेशी पर्यटक भारत में आकर थीम आधारित शादियां प्लान करते हैं, जिसके लिए उन्हें सबसे अधिक जयपुर और उदयपुर के होटल ही भाते हैं।
“बाहर से शादियों की करीब 80 प्रतिशत बुकिंग कैंसिल हो चुकी हैं। थीम आधारित शादियों के लिए इनका एक अलग सेटअप होता है। कम से कम तीन दिन की बुकिंग होती है, इसमें लाइट, कैटरिंग, टेंन्ट वालों को काफी काम मिलता है। पूरे साल की शादियां कैंसिल हो गई हैं, अभी तो सभी की स्थिति खराब है,” जयपुर होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेन्द्र बेनीवाल फोन पर कहते हैं।
भारत में शादी समारोहों से हर तबके को रोजगार मिलता है, होटल, टेन्ट से लेकर फूल वाले तक। शादी की तैयारी में समाज का हर तबका शामिल होता है, जो उनकी कमाई का प्रमुख जरिया भी होता है।
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विश्व भर में अलग अलग मुद्दों पर शोध करने वाली कंपनी केपीएमजी की वर्ष 2017 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में शादियों का कारोबार अमेरिका के 70 बिलियन डॉलर के कारोबार के बाद, दूसरे नंबर पर करीब 50 बिलियन डॉलर (36 खरब रुपये) का है।
राजस्थान और अन्य बड़े शहरों में शादियों की प्लानिंग करने वाली कंपनी ‘डिजर्ट पर्ल एंटरटेनमेंट’ की कर्मचारी नियति जैन ने ‘गाँव कनेक्शन’ से फोन पर कहा, “जब बाहर के देशों में कोरोना वायरस फैल रहा था, तो विदेशी लोगों ने भारत में शादी करने के लिए ज्यादा बुकिंग कराई थी। जैसे ही भारत में भी कोरोना के मामले सामने आने लगे तो यहां भी बुकिंग कैंसिल कराने लगे।”
नियति फोन पर थोड़ा रूक कर आगे बोलती हैं, “नवंबर-दिसंबर में होने वाली शादियों की बुकिंग कैंसिल करा दी गई हैं। पिछले 15 दिनों में बिजनेस का काफी नुकसान हुआ है।”
आर्थिक क्षेत्र में दुनिया भर में अग्रणी मीडिया संस्थान फाइनेंसियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार कोरोना के असर से वर्ष 2020 की पहली तिमाही में विश्व की आर्थिक विकास दर 0.5 प्रतिशत कम रहेगी।
भारत में शादियों से यहां की अर्थव्यवस्था जुड़ी होती है, बिजनेस का एक बहुत बड़ा पहलू जुड़ा होता है।
नई दिल्ली स्थित ऑल इंडिया टेन्ट डीलर्स वेलफेयर्स आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष अनिल कुमार आजाद फोन पर बताते हैं, “मार्च-अप्रैल में तो शादियां न के बराबर हैं। अभी आगे की शादियां बुक नहीं हैं। वैसे भी विदेशी लोग इनडोर (बंद जगह) में शादियां करना पसंद करते हैं। उनकी पसंद बड़े-बड़े होटल होते हैं।”
कोरोना के डर से अलग-अलग देशों में होने वाली बड़े-बड़े कार्यक्रम भी निरस्त कर दिए गए हैं, या उनकी तारीखें बढ़ा दी गई हैं।
इस साल, 24 जुलाई-2020 से 9 अगस्त, 2020 तक जापान की राजधानी टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों पर भी कोरोना वायरस का साया मंडराने लगा है। जापान के खेल मंत्री शीको हासीमोतो ने जापानी संसद को जानकारी दी कि ओलंपिक खेलों को साल के अंत तक खिसकाया जा सकता है।
चीन की फैक्ट्रियों में मजदूरों के काम पर न लौटने और एप्पल इंजीनियरों का चीन का दौरान रद्द करने के बाद आईफोन-12 की लांचिंग टाल दी गई है। वहीं, विसाखापत्तनम में होने वाले भारतीय नेवी के कार्यक्रम मिलान-2020 को भी टाल दिया गया है, इसमें दुनियाभर के 30 देशों के नौसेना के अफसर और सैनिकों को भाग लेना था।
भारत में होने वाली शादियों और समारोहों के बिजनेस पर कोरोना वायरस के प्रभाव को जयपुर में फूलों का कारोबार करने वाली कंपनी ‘गोल्डेन टेन’ की कर्मचारी पारुल की बातों से समझ सकते हैं, “शादी के लिए सेट आदि बनाने के लिए आर्टीफीशियल फूलों का इस्तेमाल होता है, जो सबसे अधिक चीन से आते हैं अब पीछे से माल न आने से ये सब चीजें महंगी हो गई हैं, बिजनेस में खर्च बढ़ गया है,” पारुल आगे कहती हैं, “जो फूल आदि आ भी रहे हैं तो ग्राहक भी नहीं लेते, बोलते है फूल बाहर से आ रहे हैं तो कहीं कोरोना वायरस तो नहीं होगा।”
इस आपदा का सबसे बड़ा असर पर्यटन उद्योग पर हुआ है, लोग बाहर नहीं निकल रहे। “लोगों ने हनीमून पैकेज बंद कर दिए, बाहर नहीं जा पा रहे हैं, मार्केट में लोग कम हैं, वो सिर्फ घर में रहना चाहते हैं,” पारुल बताती हैं।
सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में 9/11 आतंकी हमले के बाद पर्यटन उद्योग को हुए नुकसान के बाद अब कोरोनावायरस से इस उद्योग को सबसे अधिक नुकसान हो रहा है।
“जो पुरानी बुकिंग थीं, वो कैंसिल हो गई हैं, नई अभी नहीं हो रही हैं। अब इस साल सीजन को ऑफ ही समझिए,” जयपुर होटल एसोशसिएशन के मैनेजर विशाल शर्मा ने फोन पर कहते हैं।
सीरीज के चौथा पार्ट में पढ़िएगा- कोरोना के चलते ट्रैवल, टैक्सी और पर्टयन उद्योग कैसे प्रभावित हुआ है.. टैक्सी ड्राइवर- ‘रात तक एक भी पैसेंजर नहीं मिला, नौ साल में पहली बार इतना सन्नाटा है’ ये खबर मूल रुप से 12 मार्च को प्रकाशित हुई थी।