बाराबंकी(उत्तर प्रदेश)। तरबूज, खीरा, लौकी जैसी सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को इसबार मुनाफे की अच्छी उम्मीद थी, लॉकडाउन ने किसानों की उम्मीद पर पानी फेर दिया। खेत में फसल तो तैयार है, लेकिन कोई खरीददार नहीं मिल रहा।
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के फतेहपुर ब्लॉक की तेकवा गांव के रहने वाले नारेन्द्र मिश्रा बताते हैं, “पिछली बार हम ने मात्र एक एकड़ क्षेत्रफल में तरबूज की खेती की थी, लेकिन इस बार हमारे पास खीरा और तरबूज पांच एकड़ क्षेत्रफल में लगाया है और इस वक्त तरबूज और खीरे का बंपर उत्पादन शुरू हो गया है लेकिन लॉकडाउन की वजह से बाहर नहीं जा पा रहा है, जिससे हमें सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं और अगर आलम यही रहा तो शायद लागत निकालना भी मुश्किल हो जाएगा तरबूज खीरा ककड़ी और खरबूजे की तैयार फसल के बर्बाद होने का अब तो डर सताने लगा है।”
इस बार किसानों ने तरबूज खीरा की खेती पिछली बार की अपेक्षा अधिक की है, कारण बीते वर्ष में तरबूज और खीरा की खेती में अच्छा मुनाफा हुआ था इसी आस में किसानों ने इस बार करीब 1000 एकड़ क्षेत्रफल में फसल की बुवाई की थी।
वहीं गंगापुर निवासी बड़े पैमाने पर तरबूज खरबूजा और खीरे की खेती करने वाले रामचन्द्र वर्मा कहते हैं, “कोरोना वायरस ने हम किसानों की समस्याओं को बढ़ा दिया है हम किसानों ने जो गाढ़ी कमाई लगाकर फसल तैयार किया है उसके खरीदार नही है इस वायरस ने गर्मियों के सीजन में तैयार होने वाली फसल खीरा खरबूजा तरबूज के ऊपर गहरा प्रहार किया है क्षेत्र के किसानों ने तरबूज खरबूजा खीरा आदि फसल उगाकर खून पसीने से सींच कर तैयार तो कर दी है और कई सपने संजोये थे लड़की की शादी बेटे की पढ़ाई बूढ़े मां बाप की दवाई ये सभी सपने लॉकडाउन का समय बढ़ जाने के कारण चकना चूर होते नजर आ रहे है।”
तरबूज की बड़े पैमाने पर खेती करने वाले सूरतगंज ब्लाक के केशराई निवासी गुफरान बताते हैं कि फसल तो तैयार है लेकिन उसको लेकर कहा जाए मंडी में गाड़िया जा नही रही हैं। ड्राइवर और गाड़ी मालिक कहते हैं इस लॉकडाउन में बड़ा झंझट है हम गाड़ी लेकर नहीं जाएंगे मोटरसाइकिल से रात में 12 बजे जाना पड़ता है तो बड़ी मुश्किल से 40 से 50 किलो ही ले जा पा रहे हैं ऐसे में फसल बर्बाद ही हो जाएगी। गाँव, कस्बों में लगने वाली बाजार भी बंद हो गयी है नहीं तो यहाँ काफी हद तक फसले बेची जा सकती थी। सरकार को इसके लिये जरूरी कदम उठाना चाहिये ताकि किसानों को कुछ राहत मिल सके।”
जिला उद्यान अधिकारी महेंद्र कुमार ने बताया कि जिले में लता वाली फसलों में तरबूज खीरा ककड़ी लौकी लगभग 11 सौ हेक्टेयर क्षेत्रफल में खेती की जा रही है हां यह सच है कि लॉकडाउन की वजह से किसानों को नुकसान हो रहा है तरबूज खीरा ककड़ी जैसी फसलों का इस समय अच्छा खासा उत्पादन हो रहा है जिले में इनका जितना उत्पादन हो रहा है उतनी खपत इनकी जिले में नहीं है लेकिन सरकार द्वारा इन्हें उचित मंडी तक पहुंचाने की पूरे प्रयास किए जा रहे हैं गाड़ियों के लिए पास जारी किए जा रहे हैं लेकिन गांव में कोरोना वायरस को लेकर किसान भी ज्यादा दूर तक मंडी में नहीं जाना चाह रहा है और व्यापारी भी अब किसानों के खेतों तक कम पहुंच रहे हैं।”