रिपोर्ट- अभय राज कम्युनिटी जर्नलिस्ट
मुजफ्फरपुर (बिहार)। केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन एवं बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे पर मुकदमा दायर किया गया है। मुकदमा मुजफ्फरपुर सीजीएम कोर्ट में दायर किया गया है। सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने मुकदमा दायर किया है।
सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने आरोप लगाया है कि अभियुक्तगण के द्वारा अपने कर्तव्य का पालन नहीं किया गया। वही जागरूकता अभियान भी समय से नहीं चलाया गया। जिस कारण अब तक सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 82 बच्चों की मौत हो गई है। मामले की सुनवाई 24 जून 2019 को होगी।
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गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर में सस्पेक्टेड इंसेफ्लाइटिस ‘चमकी बुखार’ से मरने वालों की संख्या 100 तक पहुंच गई है। सोमवार सुबह नौ बच्चों की मौत हुई जबकि रविवार रात भी दो बच्चे काल के गाल में समा गए। मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज में लगातार मंत्रियों और नेताओं के आने का सिलसिला जारी है। रविवार को केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन के बाद सोमवार को बिहार के उद्योग मंत्री श्याम रजक अस्पताल में पहुंचे। उन्होंने अस्पताल और स्वास्थ्य कर्मियों का जायजा लिया।
मस्तिष्क ज्वर (चमकी बुखार) के लक्षण…
तेज बुखार आना, चमकी अथवा पूरे शरीर या किसी खास अंग में ऐंठन होना, दांत पर दांत लगना, बच्चे का सुस्ता होना, बेहोश होना व चिउंटी काटने पर शरीर में कोई हरकत नहीं होना। ये लक्षण दिखते ही अपने नजदीक स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर डॉक्टर को दिखाएं। अगर इन लक्षणों को नजरअंदाज किया जा रहा है तो आगे चलकर ये गंभीर हो सकती है।
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चमकी बुखार होने पर क्या करें…
तेज बुखार होने पर पूरे शरीर को ताजे पानी से पोछें एवं पंखा से हवा करें ताकि बुखार कम हो सके। बच्चे के शरीर से कपड़ें हटा लें एवं गर्दन सीधा रखें। पारासिटामोल की गोली व अन्य सीरप डॉक्टर की सलाह के बाद ही दें। अगर मुंह से लार या झाग निकल रहा है तो उसे साफ कपड़े से पोछें, जिससे सांस लेने में कोई दिक्कत न हो। बच्चों को लगातार ओआरएस का धोल पिलाते रहें। तेज रोशनी से बचाने के लिए मरीज की आंखों को पट्टी से ढंके। बेहोशी व मिर्गी आने की अवस्था में मरीज को हवादार स्थान पर लिटाएं। अगर दिन में बच्चे ने लीची खाया है तो उसे रात में भर पेट भोजन कराएं। चमकी आने की दशा में मरीज को बाएं या दाएं करवट लिटाकर ले जाएं।
चमकी बुखार होने पर क्या न करें…
बच्चे को खाली पेट लीची न खिलायें, अधपके अथवा कच्चे लीची को खाने से बचें। बच्चे को कंबल अथवा गर्म कपड़ों में न लपेटें, बच्चे की नाक न बंद करें। बच्चे की गर्दन झुकाकर न रखें। मरीज के बिस्तर पर न बैठे साथ ही ध्यान रखें की मरीज के पास शोरगुल न हो।
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जानलेवा बुखार के लिए सामान्य उपचार व सावधानियां…
1.अगर आपके बच्चे में चमकी बीमारी के लक्षण दिखें तो सबसे पहले बच्चे को धूप में जाने से बचाएं।
2.बच्चा तेज धूप के संपर्क में न आने पाए। 3.बच्चों को दिन में दो बार स्नान कराएं।
4.गर्मी के दिनों में बच्चों को ओआरएस अथवा नींबू-पानी-चीनी का घोल पिलाएं।
5.रात में बच्चों को भरपेट खाना खिलाकर ही सुलाएं।