आज छठ पूजा के चौथे दिन उगते सूरज को अर्घ्य देने के साथ ही महापर्व का समापन हो गया। नदी, तालाब में लोगों ने सूरज देवता को अर्घ्य दिया।
नहाय खाय के साथ ही 36 घंटे के निर्जला व्रत की शुरूआत की जाती है, उत्तर भारत के कई राज्यों के साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों में चार दिनों तक महापर्व का उत्सव मनाया जाता है।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी के मुख्य घाट अहिल्याबाई घाट और दशाश्वमेध घाट पर भक्तों ने आज सुबह गंगा के तट पर सूर्य को उषा अर्घ्य दिया।
चार दिन तक चलने वाले इस त्योहार के दौरान सूर्य और छठी मैया की पूजा की जाएगी। छठ मैया देवी उषा हैं जिन्हें वैदिक काल से सूर्य की पत्नी माना जाता रहा है। यह त्योहार बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों और नेपाल में भी बड़े जोर-शोर से मनाया जाता है।
अन्य हिंदू त्योहारों की तुलना में छठ पूजा को काफी कठिन माना जाता है। इन दिनों कई अनुष्ठान किए जाते है। भक्त इकट्ठा होकर नदियों, तालाबों और जल निकायों में पवित्र डुबकी लगाते हैं। वे चार दिन तक सख्त उपवास भी रखते हैं।
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