प्रकृति के करीब रहना चाहते हैं, तो आप भी राजाजी टाइगर रिज़र्व जा सकते हैं। यहाँ आप पशु-पक्षियों के साथ प्रकृति के खूबसूरत नज़ारों का लुत्फ उठा सकते हैं।
आप जानना चाहते हैं कि प्रकृति कैसी होती है तो अपने नजदीकी जंगल क्षेत्र में ज़रूर जाएँ, वो आपको प्रकृति से जोड़ता है। वो आपको दिखाता है कि बड़े-बड़े शहरों और दौड़ती-भागती ज़िदंगी में रहकर आप क्या मिस कर रहे हैं। इसलिए हमेशा लोगों से कहता हूँ कि जब भी समय हो आसपास के प्राकृतिक एरिया में ज़रूर जाएँ।
जो टाइगर रिज़र्व क्षेत्र हैं, या किसी भी स्पीसीज को सुरक्षित रखने के लिए बनाए गए हैं। वहाँ पर आप उन प्रजातियों को बेहद करीब से देख सकते हैं। जैसे कि अगर आप राजाजी आते हैं तो यहाँ पर आपको टाइगर के दर्शन जो जाते हैं। आपको लेपर्ड दिखेगा, आपको हाथी दिखेगा, आपको सैकड़ों तरह के पक्षियों की प्रजातियाँ दिख जाएँगी। कुछ ऐसे तरह के पेड़ आपको दिखेंगे जो शायद आपको कहीं और नहीं दिखेंगे।
यहाँ शाल के बहुत पुराने पेड़ हैं, ऐसे जंगल शायद ही आपको कहीं और देखने को मिलेंगे।
राजाजी में ऐसी घास पायी जाती हैं, जो अब बाहर नहीं पायी जाती हैं, क्योंकि ये यहाँ पर प्राकृतिक रूप से पायी जाती हैं। यहाँ पर कुछ आर्किड्स पाए जाते हैं जोकि शायद ही कहीं और पाए जाते हैं। यहाँ पर कई छोटे द्वीप बन गए हैं, अगर आप थोड़ा सा बाहर निकलते हैं तो वो आपको नहीं मिलेंगे। यहाँ पर जो हमारी बायोडायवर्सिटी है इसलिए इसका महत्व और बढ़ जाता है।
जंगल मेरे लिए मेडिटेशन की तरह है, आप जंगल आते हैं, आप यहाँ इसमें खो जाते हैं। क्योंकि जंगल एक मेडिटेशन की तरह है, आप जंगल आते हैं, कोई चीज जंगल में ढूंढ नहीं रहे हैं। लेकिन अगर आपको जंगल में कोई जानवर दिख जाए तो आपके मन को सकून मिलेगा।
कब आ सकते हैं राजाजी टाइगर रिज़र्व
राजाजी टाइगर रिज़र्व 15 नवंबर से 15 जून तक आ सकते हैं। इसकी ऑफिसियल वेबसाइट से ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं। सुबह पाँच बजे से दस बजे तक और शाम को दोपहर दो से छह बजे तक यहाँ सफारी कर सकते हैं।