बार बार बनारस क्यों जाते हैं मॉरीशस के प्रधानमंत्री

मॉरीशस के प्रधानमंत्री भारत दौरे पर जब भी आते हैं यूपी ज़रूर जाते हैं वो भी बनारस। क्या है उनका यूपी से कनेक्शन और किस तरफ जा रहा है दोनों देशों का रिश्ता बता रहे हैं मलेशिया और वियतनाम में मॉरीशस के हाई कमिश्नर जगदीश्वर गोवर्धन। प्रधानमंत्री प्रविन्द जगन्नाथ के करीबी जगदीश्वर मॉरीशस में मंत्री के अलावा हाल के वर्षों तक भारत में भी मॉरीशस के हाई कमिश्नर रहे हैं।
Mauritius

हमारे प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ बार बार यूपी क्यों आते हैं और ख़ास कर बनारस ये बताऊँ तो हैरत होगी। लेकिन ये सच है जो कई लोगों को शायद मालूम नहीं हो।

दुनिया के लिए मॉरीशस अफ्रीका का एक शानदार देश है और भारत दक्षिण एशिया का तेज़ी से बढ़ता सबसे बड़ा लोकतंत्र। लेकिन मॉरीशस के लोगों के लिए भारत उसका बड़ा भाई है और अच्छा मित्र भी। दोनों देश एक दूसरे के सच्चे साथी और सहयोगी हैं। मॉरीशस के लोगों की जड़ें भारत से हैं इसे कैसे नज़रअंदाज कर सकते हैं ? करीब 66 फीसदी आबादी भारतीय मूल की है, वहाँ का हर निवासी जिनके पुरखे कभी भारत से वहाँ गए उनके बारे में जानना चाहता है या अपने गाँव घर या नाते रिश्तेदारों से मिलना चाहता है।

हमारे प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ भी भारतीय मूल के हैं और भारत से उनका गहरा लगाव है। इनके पिता सर अनिरुद्ध जगन्नाथ तो जब जब प्रधानमंत्री बने या राष्ट्रपति रहें भारत और भारतीय संस्कृति से जुड़े मसले उनकी प्राथमिकता में थे। वही उनके बेटे और मौजूदा प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ में दिखता है। उनका भारत आने पर अक्सर यूपी जाना क्या है ये समझना आसान है। ये सच है की प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके बहुत अच्छे सम्बन्ध हैं लेकिन बनारस से उन्हें ख़ास लगाव है ये भी सच है। जगन्नाथ परिवार के पुरखे कभी यूपी के ही एक गाँव से मॉरीशस गए थे।

जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ इस बार बनारस गए। कह सकते हैं कुछ काम निजी भी था, लेकिन उस शहर में जाकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन और पूजा न करें कैसे हो सकता है। हमेशा करते हैं। इस बार जब वे भारत आए तो वहाँ के कई लोग मुझसे पूछने लगे वाराणसी (बनारस) तो आ रहें है? लोगों का इतना प्यार है कि हर कोई उनसे मिलना और देखना चाहता है।

मॉरीशस के प्रधानमंत्री अपने ससुर की अस्थि संचय पूजा और कलश विसर्जन करने बनारस गए थे। इस बार उनकी पत्नी और ससुराल के सदस्य भी साथ थे।

हमारे प्रधानमंत्री की ये तीसरी बनारस यात्रा थी। इससे पहले साल 2019 में पहली बार वे इस शहर आए थे तब कई समारोहों में हिस्सा लिया था। फिर 2021 में उनकी ऐतिहासिक यूपी यात्रा हुई और बनारस जाकर गंगा आरती में भी शामिल हुए। कह सकते हैं पुरखों का राज्य है लेकिन इस प्राचीन शहर से उनका ही नहीं मॉरीशस के आम लोगों का भी जुड़ाव है। जो भी भारत आता है वो एक बार इस शहर ज़रूर आना चाहता है।

जब मैं दो साल पहले भारत में मॉरीशस का उच्चायुक्त था तब प्रधानमंत्री जगन्नाथ की पुश्तैनी जड़ें तलाशने खुद यूपी के कई गाँव घुमा था। अबतक जो जानकारी मिली उसके मुताबिक अनिरुद्ध जगन्नाथ के परदादा 1873 में गिरमिटिया मजदूर के रूप में कोलकाता से पानी के रास्ते मॉरीशस आए थे। उनके बेटे प्रविंद्र कुमार जगन्नाथ का क्या है यूपी कनेक्शन अब साफ़ हो गया होगा।

आज मॉरीशस जिस तेज़ी से बढ़ रहा है उसमें प्रधानमंत्री की नयी सोच और मेहनत है। दुनिया के सामने खासकर अफ्रीका में मॉरीशस ने मिसाल कायम किया है कि कैसे एक छोटा सा देश अपने क्षेत्र में विकसित देश की श्रेणी में गिना जाने लगा है। भारत जैसे देश के साथ आर्थिक सांस्कृतिक और कूटनीतिक सहयोग ने दोनों देशों को और करीब ला दिया है।

दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहाँ आजादी का उल्लास धीमा होकर दिशा भ्रम की निराशा में दब गया। लेकिन मॉरीशस में स्वतंत्रता की आशाएं और वायदे दिन ब दिन उज्जवल हुए हैं। मॉरीशस 10 लाख से ज्यादा बेहद सद्भाव में रह रहे विविध संस्कृति वाले लोगों का देश है। यह एक ऐसा देश है जो मजबूती से समृद्धि के मार्ग पर बढ़ रहा है। न सिर्फ टूरिज्म बल्कि कारोबार के लिए भी आज मॉरीशस सबसे सुरक्षित और अच्छा देश है।  

(जगदीश्वर गोवर्धन मलेशिया में मॉरीशस के हाई कमिश्नर हैं)

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