ख़तरनाक है बिहार के लिए 48 घंटे, 6 जिलों में ‘रेड अलर्ट’, बलिया में मौतों की जाँच शुरू

उत्तर प्रदेश के बलिया में कई लोगों की मौत और बिहार में चढ़ते पारे को देखते हुए मौसम विभाग ने बिहार के 6 ज़िलों में रेड अलर्ट घोषित कर दिया है और सलाह दी है कि ज़रूरत पड़ने पर ही घर से निकले। बलिया में पिछले तीन दिनों में 50 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई है, और 400 के करीब लोग अस्पताल में भर्ती हैं। दिल्ली, हरियाणा, झारखण्ड, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भी लू से लोग परेशान हैं।
#heatwave

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने आज, 19 जून को बिहार के छह ज़िलों में हीटवेव ‘रेड-अलर्ट’ जारी किया है। उसका कहना है कि ख़राब मौसम को देखते हुए लोगों को घरों में ही रहना चाहिए। बहुत ज़रूरी हो तभी घर के बाहर निकलें।

पिछले 44 घंटों में बिहार के शेखपुरा में सबसे ज़्यादा 44.2 डिग्री तापमान दर्ज किया गया,जबकि पटना में ये 43.6 डिग्री था जो सामान्य से कई गुना ज़्यादा है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में गर्मी से हुई कुल 44 मौतों में से 35 लोगों की जान पटना में गई। इनमें 19 मरीजों की मौत नालंदा मेडिकल कॉलेज में हुई और 16 लोगों ने पीएमसीएच में दम तोड़ा।

अलग -अलग रिपोर्टों में बिहार और उत्तर प्रदेश में करीब 100 लोगों के मरने की बात कही जा रही है। लेकिन यूपी के बलिया में गर्मी से जिन 50 से ज़्यादा लोगों की मौत की बात कही जा रही है उसकी जाँच रिपोर्ट अभी आनी बाकी है।

मौसम विभाग (आईएमडी) की तरफ से जारी रिपोर्ट की माने तो कल (18 जून) को सबसे ज़्यादा तापमान ओड़िशा , बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में 42 44 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। जो सबसे चिंता की बात उसने कही है वो है अगले दो से तीन दिनों तक मौसम का ऐसा ही बने रहना। ऐसे में ज़रूरी है शरीर में पानी की कमी न होने दें और बच्चों को ओआरएस का घोल दें।

उधर यूपी के बलिया में लू (हीट वेव) ने राज्य में सबसे ज़्यादा लोगों को मुश्किल में डाल दिया है। अलग अलग ख़बरों में 50 से ज़्यादा लोगों केइससे मरने की बात कही जा रही है, लेकिन सरकार का कहना है जबतक इससे जुड़ी जाँच रिपोर्ट नहीं आ जाती है अभी कुछ भी कहना जल्दबाज़ी होगी। राज्य के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने गाँव कनेक्शन से कहा, “मैं खुद लगातार इस मामले को देख रहा हूँ, और हर ज़िलों के अस्पतालों में सभी ज़रूरी दवाएँ मौजूद है। जहाँ तक मौतों का सवाल है जाँच रिपोर्ट आते ही साफ़ हो सकेगा असल वजह क्या थी।”

अचानक हो रही मौतों को लेकर लखनऊ से आई जाँच टीम अलग- अलग बिंदुओं पर कई गाँवों में जाकर लोगों से पूछताछ कर रही है और जाँच के लिए मरीज़ों के ख़ून के नमूने ले रही है।

चिकित्सा और उपचार विभाग के निदेशक डॉ के एन तिवारी ने कहा, “रविवार को हमने अस्पताल का ठीक से निरीक्षण किया और ये बात सही है कि गर्मी ज़्यादा है। बलिया के ज़िला अस्पताल में 5 कूलरों की वृद्धि की गई है। हम बांसडीह ब्लाक के गाँवों में भी गये थे, वहाँ घर-घर में मौतों की ख़बर गलत है। पर्वतपुर गाँव में ट्रांसफार्मर जलने से एक तिहाई गाँव में बिजली नहीं है, जिससे समस्याएँ हो रही हैं ।

उन्होंने नसीहत दी कि लोग बिना कपड़ों को न घूमें, पूरी बांह के कपड़े पहने और जितना हो सके पानी पिएं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में कोई आइसोलेटेड हीट स्ट्रोक का मरीज नहीं है, ज़्यादातर बुजुर्ग और अलग अलग बीमारियों से पीड़ित हैं।

“हीट स्ट्रोक से मौत या हीट स्ट्रोक के मरीजों के आने की बात सही नहीं है । एक साथ इतनी मौतों का होना‌ संयोग भी हो सकता है। बलिया बड़ा ज़िला होने और यहाँ रेफरल फैसेलिटी कम होने के कारण बुजुर्ग जो ज़्यादा दूर तक सफर नहीं कर सकते हैं, वो जिला अस्पताल में आते हैं,‌ तो यहाँ कुछ मृत्यु दर तो अधिक होगी ‌ही।” डॉ तिवारी ने गाँव कनेक्शन से कहा।

प्रदेश सरकार ने सभी जिलों को पत्र जारी कर संबंधित अधिकारियों से गर्मी की लहर से पैदा होने वाली किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारियाँ सुनिश्चित करने को कहा है।

पिछले साल दिसंबर में, केंद्र सरकार ने कहा था कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और आईएमडी 23 राज्यों के साथ हीट वेव से निपटने की योजना पर काम कर रहे हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और झारखंड शामिल हैं।

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