चक्रवाती तूफान तौकते का असर उत्तर भारत में भी दिखने लगा है, राजधानी दिल्ली के साथ ही उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा में भी तौकते की वजह से मौसम में बदलाव देखने को मिला है और रुक-रुक कर बारिश हो रही है।
मौसम विभाग के अनुसार उत्तर प्रदेश के मेरठ, रामपुर, मुरादाबाद, शामली, संभल, अमरोहा, सियाना, चंदौसी, बुलंदशहर, शिकोहाबाद, फिरोजाबाद, टुंडला, एटा, कासगंज, जलेसर, हाथरस, अलीगढ़, अतरौली, जट्टारी, खुर्जा, आगरा, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मथुरा, बरसाना, नंदगांव और राजस्थान के कोटपुतली, खैरथल, भिवानी, महानीपुर बालाजी, महावा, नागौर, अलवर, भरतपुर, डीग में बारिश हो सकती है। हरियाणा के पानीपत, करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र, गन्नौर, सोनीपत, गोहाना, हिसार, रोहतक, सिवानी, भिवानी, झझ्झर, नरनौल, महेंद्रगढ़, कोसाली, चरखी दादरी, रेवाड़ी, नूह, सोहाना, पलवल में बारिश हो सकती है।
Muzaffarnagar, Bijnor, Mathura, Raya, Barsana, Nandgaon (U.P.) Viratnagar, Kotputli, Khairthal, Bhiwari, Mahandipur Balaji, Mahawa, Nadbai, Nagaur, Alwar, Bharatpur, Deeg (Rajasthan) during next 2 hours. pic.twitter.com/3PiTETN5gr
— India Meteorological Department (@Indiametdept) May 19, 2021
मौसम के विभाग के अनुसार 20 मई तक उत्तर भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड जैसे राज्यों में भी तौकते का असर दिख सकता है।
कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को दी सलाह कि क्या करें और क्या न करें?
हल्की से मध्यम बारिश की संभावना को देखते हुए खरीफ फसलों की बुवाई 21 मई तक रोक दें और बाद में मौसम साफ होने के बाद ही बुवाई करें।
गेहूं के भूसे व घर में खुले में पड़े अनाज को ढक लें व सुरक्षित स्थानों पर अवश्य रख लें।
सब्जियों, बागों व खड़ी फसलों में सिंचाई व रासायनिक छिड़काव अगले चार दिनों तक न करें।
बारिश की संभावना को देखते हुए फसलों व सब्जियों में पानी निकलने का उचित प्रबंध करें ताकि बारिश का ज्यादा पानी फसलों व सब्जियों में ज्यादा समय तक न रह सके।
तूफ़ान तौकाते के प्रभाव से उत्तर प्रदेश में भी मौसम बदला हुआ है। रात से जारी बूंदाबांदी का सिलसिला तेज हो गया है।#weather #उत्तर_प्रदेश #Tauktae #Tauktecyclone pic.twitter.com/UsgdqkUywE
— GaonConnection (@GaonConnection) May 19, 2021
इस समय पशुपालक रखें इन बातों का ध्यान
मौसम के बदलाव को देखते हुए पशुओं को छाया में रखें।
मौसम के बदलाव से मच्छर, मक्खी, चिचड़ी भी बढ़ने लगते हैं, इनके नियंत्रण के लिए भी उचित उपाय करना चाहिए।