आपकी ट्रेन का लाइव स्टेटस और अपडेट शेड्यूल, वो भी बगैर इंटरनेट और जीपीएस सर्विस के देने वाला ‘वेयर इज़ माय ट्रेन ऐप’ अब गूगल का हो चुका है। वेयर इज़ माय ट्रेन ऐप को बनाने वाली बेंगलुरु आधारित स्टार्टअप कंपनी सिग्मोइड लैब्स टीम ने ऐसा लिखा है कि वो गूगल को ज्वाइन करने वाले हैं।
सिग्मोइड लैब्स पोस्ट: “हमारे मिशन को बढ़ाने के लिए इससे अच्छा प्लेटफार्म नहीं हो सकता था, हम गूगल को ज्वाइन करके काफी खुश हैं।”
ऐप को 10 मिलियन से अधिक डाउनलोड मिले हैं, साथ ही ये गूगल और शाओमी दोनों की पसंद रहा है। ये भारत में गूगल प्ले स्टोर के ट्रेवल एंड लोकल सेक्शन का नंबर वन ऐप बन चुका है। ये ऐप हिंदी, मराठी, बंगाली, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम समेत कई भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है। इस ऐप को यूएस आधारित एक तकनीकी-मनोरंजन कंपनी टीवो कॉरपोरेशन के पांच एग्जीक्यूटिव ने बनाया है। इसमें अहमद निज़ाम मोहिदीन, मीनाक्षी सुन्दरम,बालासुब्रमण्यम राजेंद्रन और शशि कुमार वेंकटरमण शामिल हैं।
बात करें गूगल की तो गूगल अपने नेक्स्ट बिलियन यूजर्स प्रोग्राम के जरिए भारत में अपने पैर पसारने की पूरी तैयारी कर चुका है। ऐसे में वेयर इज़ माय ट्रेन जैसे ऐप के साथ काम करना इसकी योजना के एक पड़ाव के रूप में देखा जा सकता है।
भारत का रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। इसकी कुल लम्बाई 67,368 किलोमीटर की है (2016-17 से भारतीय रेलवे आंकड़ों के मुताबिक)।
ट्रेन लेट हो जाने जैसी समस्या से भारतीय रेल यात्री भली भांति परिचित हैं। ऐसे में वेयर इज़ माय ट्रेन जैसे ऐप भारतीय रेलयात्रियों की परेशानियों का हल हो सकते हैं।
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