नई दिल्ली (भाषा)। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर शहर के एक गैर लाभकारी संगठन दस्तकार ने अपने यहां ऑर्गेनिक, प्राकृतिक एवं हस्तनिर्मित चीजें रखी हैं।
पर्यावरण सप्ताह में यानी तीन से पांच जून तक नेचर बाजार स्थित गली ए खास में कला, हस्तकला, बागवानी सत्र सहित विभिन्न तरह की रचनात्मक कार्यशालाओं एवं कई पर्यावरण गतिविधियों का आयोजन हुआ। इन सत्रों में घरों में बगीचा तैयार करने के महत्व से लेकर कई अहम बातों का जिक्र किया गया। विशेषज्ञों ने पर्यावरण के लाभ के उपयोग में रचनात्मकता का उपयोग करने के संबंध में जानकारी दी।
हिमालय के औषधीय पौधों पर शोध कर रही, पीएचडी शोधार्थी उर्वशी वर्मा ने ‘लेजी समर एंड ए क्रिएटिव टेन्च इन यू’ कार्यशाला संचालित की जिसमें बताया गया कि आपके मस्तिष्क को बगीचे की ज़रुरत क्यों है” और ‘‘अपने घर में जंगल कैसे बनाया जा सकता है।” इस दौरान वर्मा ने यह भी बताया कि रसोई घर में इतनी क्षमता है कि उसे एक खूबसूरत बगीचे में बदला जा सके। साथ ही उन्होंने बताया कि पुराने पेड़ों को किस तरह पुनर्जीवित किया जा सकता है।
तीन दिन के इस आयोजन में घरेलू अपशिष्ट के पुनर्चक्रण पर जोर दिया गया। एक अन्य कार्यशाला कला और पेंटिंग बोतलों पर हुई जिसका शीर्षक ‘रीसाइकिल इन टू आर्ट’ था। इस आयोजन में प्रकृति प्रेमियों को भी आमंत्रित किया गया ताकि वे अपने घरों को सजाने के लिए कई ‘डू इट योर सेल्फ’ तकनीकें और वनस्पति से टोकरियां बनाना सीख सकें। आयोजन के दौरान बागवानी के लिए कोकेदेमा, मिट्टीरहित और ट्रे बागवनी तथा टेरेरियम जैसी तकनीकों के बारे में भी बताया गया।