इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका में ट्रैवल रिज़र्वेशन फॉर्म में मेल-फीमेल के अलावा ट्रांसजेंडर्स के लिए भी अलग से कॉलम जोड़ने की मांग की गई है। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, भारतीय रेल और उड्डयन मंत्रालय से छह हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा है। इस याचिका की अगली सुनवाई सितंबर में होगी।
ये आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी के शुक्ला और न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी की खण्डपीठ ने अधिवक्ता उर्वशी जैन की जनहित याचिका पर दिया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि ई-टिकट बुक करते समय या सीधे काउन्टर से टिकट लेते समय फार्म में मेल-फीमेल के अलावा कोई और कॉलम नहीं होता इस वजह से ट्रान्सजेन्डर्स को मजबूरी में दोनों में से एक कॉलम चूनना पड़ता है।
क्या कहता है संविधान
ट्रान्सजेन्डर्स के लिए फॉर्म में अलग से कॉलम न रखना अनुच्छेद 14, 15, 19 और 21 के मूल अधिकारों का हनन है। कोर्ट ने याचिका में उठाये गये मुद्दों को गंभीर माना है। याचिका में भारत सरकार के नागरिक उड्डयन विभाग, रोड ट्रान्सपोर्ट, हाईवेज विभाग और रेल मंत्रालय को पार्टी बनाया गया है।