कोरोना संक्रमण: 28 घंटे के हंगामे के बाद नेपाल ने बॉर्डर पर खड़े अपने 5000 लोगों को दिया प्रवेश

धनगढ़ी/लखीमपुरखीरी। 28 घंटे की मशक्कत, हंगामा और लाठीचार्ज के बाद आखिरकार नेपाल सरकार ने अपने 5000 नेपाली लोगों को अपने प्रवेश में प्रवेश दे दिया। भारत के अलग-अलग राज्यों में काम करने वाले ये लोग कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन के चलते अपने देश के लिए निकले थे लेकिन भारत-नेपाल की सीमा पर जाकर फंस गए थे।

नेपाल में कैलाली जिले के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) यज्ञ राज बोहरा ने, “नेपाल हाईकमीशन की बैठक के बाद सभी लोगों को देश में प्रवेश दिया जा रहा है। इन्हें आइसोलेटेड वार्ड में रखा जाएगा। जहां इनकी जांच होगी, अगर कोई मरीज संदिग्ध (कोरोन केस) पाया गया तो उसे काठमांडू भेजेंगे। ” नेपाली नागरिकों को 24 मार्च की रात करीब 10 बजे प्रवेश मिला है।

उत्तर प्रदेश और नेपाल Nepal के बार्डर गौरीफंटा पर हजारों नेपाली नागरिक पिछले दो दिनों से रुके हुए थे। नेपाल सरकार शुरुआत में इन्हें लेने को तैयार नहीं थी। इस भीड़ में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं और बच्चे भी हैं।

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मुंबई से काम कर के नेपाल लौट रहे जीवन राणा ने बताया किसी तरह उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में गौरीफंटा और गड्डा चौकी तो पहुंच गए लेकिन अब नेपाल सरकार उनको अपने ही देश में प्रवेश नहीं दे रहा है। जीवन राणा बताते हैं, “मेरी पत्नी 7 महीने की गर्भवती है और हम अब जंगल में पड़े हैं। भारत वापस जा नहीं सकते और नेपाल सरकार हमको अपने ही मुल्क में एंट्री नहीं दे रही है।” नेपाल ने नोवल कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए देश को लॉकडाउन किया है।

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गौरीफंटा बार्डर में एक तरफ उत्तर प्रदेश में लखीमपुर जिला है तो दूसरी तरफ नेपाल का कैलाली जनपद है। बहुत सारे नेपाली गड्डा चौकी बार्डर पर भी फंसे हुए थे। कई बार नेपाली नागरियों और पुलिस से तीखी नोकझोंक और झड़प भी हुई। स्थानीय मीडिया रिपोर्टर के अनुसार नेपाली पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज भी किया था। नेपाल में किसी भी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। नेपाल पुलिस व आर्मी के जवान चप्पे चप्पे तैनात कर दिए गए हैं।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर समेत 7 जिलों की सीमा नेपाल से सटी है। दोनों देश करीब 550 किलोमीटर का बॉर्डर साझा करते हैं। यूपी के अलावा, उत्तराखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, सिक्किम से लेकर असम तक लाखों नेपाली और नेपाली मूल के लोग रहते हैं। दोनों देशों के बीच व्यापारिक और सामाजिक संबंध भी हैं। नेपाल से सटे इलाकों में इसे रोटी बेटी का रिश्ता कहा जाता है। भारत नमक से लेकर सब्जियां और चीनी तक नेपाल को भेजता है।

नेपाल की तरह भारत भी नेपाल से आने वाले लोगों को अपने यहां प्रवेश नहीं दे रहा है। पूरे देश में लॉकडाउन के बाद यूपी की सीमाएं सील कर दी गई हैं। भारत नेपाल बार्डर पर सुरक्षा की कमान संभालने वाले सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) के कमाडेंट (39वाहिनी) मुन्ना सिंह ने कहा कि सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार जब तक स्थिति ठीक नहीं हो जाती नेपाल में रह रहे भारतीय भारत नहीं आ सकेंगे। केवल मालवाहक वाहनों की ही आवाजाही जारी रहेगी।” 

रिपोर्टंग सहयोग- शिशिर शुक्ला

कोरोना वायरस को लेकर गांव कनेक्शटन की अपील

Corona की अभी दवा नहीं बनी है। ऐसे में बचाव ही इसका इलाज है। कोरोना के वायरस से संक्रमित होने से बचने के लिए भीड़-भाड़ वाले इलाके में न जाएं। साथ ही सरकार द्वारा जारी किए गए लॉकडाउन का पालन करें। वक्ते-वक्ता पर हाथ धोते रहें। सर्दी, जुखाम और बुखार होने की स्थिति में डॉक्टेर से सलाह लें। कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं, सजग रहकर संक्रमण से बचने की जरूरत है।

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