गाँव कनेक्शन कल, 2 दिसंबर को अपनी 11वीं वर्षगाँठ पर एक नई किताब ‘क्लाइमेट कनेक्शन रिपोर्ट 2023’ – रिलीज करने जा रहा है। इसमें ग्रामीण भारत से जुड़ी जलवायु परिवर्तन की 75 कहानियों को दर्ज़ किया गया है।
‘क्लाइमेट कनेक्शन रिपोर्ट 2023’ किताब इस साल जलवायु परिवर्तन पर गाँव कनेक्शन की एक बड़ी रिपोर्ट को एक फ्री-डाउनलोड किताब के रूप में लाने का एक प्रयास है ताकि नीति निर्माता, शोधकर्ता और नागरिक इस माध्यम से सीख सके और बदलते परिवेश की बिखरी हुई कहानियों में एक पैटर्न देख सकें।
यह किताब जल्द ही गाँव कनेक्शन की वेबसाइट – www.gaonconnection.com पर उपलब्ध होगी। यह ग्रामीण भारत को जलवायु परिवर्तन पर की जाने वाली बातचीत, नीतियों और प्रतिक्रिया के समक्ष और केंद्र में लाने का एक प्रयास है।
किताब को रिलीज करने के साथ-साथ, गाँव कनेक्शन‘क्लाइमेट कनेक्शन’ प्रोजेक्ट को भी लॉन्च करने जा रहा है।
किताब के बारे में बात करते हुए गाँव कनेक्शन के संस्थापक नीलेश मिसरा ने कहा, ”मेरी बेटी वैदेही आठ साल की है; जैसा कि हम सभी जानते हैं, जब हम माता-पिता बनते हैं, तो हमारा दुनिया को लेकर नज़रिया बदलने लगता है। माता-पिता के रूप में हम अक्सर सोचते हैं कि जब हमारे बच्चे बड़े होंगे तो उन्हें कैसी दुनिया मिलेगी? ऐसे में जब तापमान बढ़ रहा है, समुद्र का स्तर बढ़ रहा है और जलवायु पैटर्न ख़तरनाक रूप से बदल रहा है तो आगे उनका जीवन कैसा होगा?”
उन्होंने आगे कहा, “इसलिए यह किताब सिर्फ एकेडमिक काम का हिस्सा नहीं है, यह भावनाओं से भी जुड़ा है; हर माता-पिता को निजी तौर पर सोचना होगा कि हम ऐसे युग में जी रह रहे हैं जिसकी जलवायु पर हमारी क्रूरता उस युग को प्रभावित करेगी जिसमें हमारे बच्चे और अन्य करोड़ों लोगों के बच्चे जीवन बसर करने वाले हैं।”
गाँव कनेक्शन इस पुस्तक को ऐसे समय में रिलीज कर रहा है जब जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने के लिए सीओपी 28 (2023 संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, या यूएनएफसीसीसी की पार्टियों का सम्मेलन) का शिखर सम्मेलन दुबई, सँयुक्त अरब अमीरात में चल रहा है। यह बैठक 30 नवंबर से 12 दिसंबर 2023 तक चलेगी।
जलवायु कनेक्शन रिपोर्ट 2023 के बारे में
क्लाइमेट कनेक्शन रिपोर्ट 2023 में ग्रामीण भारत (वर्ष 2023 के लिए) से जुड़े जलवायु परिवर्तन के 75 लेख हैं। इस रिपोर्ट में सिर्फ जलवायु परिवर्तन की वजह से पड़ने वाले गँभीर परिणामों की बात नहीं गई है बल्कि इससे बचने यानी की समाधान के लिए भी एक भाग है। इसमें विस्तार से बताया गया है कि ग्रामीण भारत में लोग जलवायु संबंधी परिवर्तनों पर कैसे प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इन बिखरे हुए उदाहरणों से सीखने के लिए बहुत कुछ मिलेगा।
मिसरा ने कहा, “समय-समय पर हम खबरों में पढ़ते रहते हैं कि कैसे बारिश के कारण फसल बर्बाद हो गई है, या सूखे के कारण पलायन बढ़ रहा है। लेकिन यह शायद पहली बार है जब कोई किताब जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के पूरे वर्ष को एक साथ लेकर आई है।”
गाँव कनेक्शन की मैनेजिंग एडिटर निधि जम्वाल के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन अब सिर्फ एक पर्यावरणीय मुद्दा नहीं रह गया है। यह एक दुनिया के मानवाधिकार से जुड़ा मुद्दा है।
जम्वाल ने कहा, “2023 साल अब तक का सबसे गर्म वर्ष बनने की राह पर है; और इसका मतलब है कि यह किसानों के लिए भी काफी तकलीफों भरा साल रहा है।”
भारत का सबसे बड़ा रूरल कम्युनिकेशन और इनसाइट प्लेटफॉर्म गाँव कनेक्शन देश के 470 जिलों तक अपनी पहुँच बना चुका है। यह ज़मीन से जुड़ा नेटवर्क है, जो अपने रिपोर्टर और कम्युनिटी जर्नलिस्ट के जरिए लगभग हर दूसरे दिन जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर रिपोर्ट करता है।
गाँव कनेक्शन उस ग्रामीण भारत की आवाज़ है जहाँ मीडिया की सुर्खियों से दूर, बदलते मौसम के प्रभावों को झेल रही देश की दो-तिहाई आबादी रहती है। बढ़ते तापमान, अनियमित मानसून या बार-बार आने वाली बाढ़ के कारण उन्हें बार-बार फसल के नुकसान, मज़दूरी के नुकसान और बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
जम्वाल ने कहा, “ये ऐसी चिंताएँ हैं, जिनसे हम सभी को परेशान होना चाहिए, चाहे हम कहीं भी रहें, क्योंकि ग्रामीण भारत दुनिया का भोजन का कटोरा भी है। जम्वाल ने आगे कहा, ”गुरुग्राम या मुंबई के एक बढ़िया डाइनिंग रेस्तरां में आपकी थाली तक जो पहुँचता है, वह एक मेहनतकश किसान की मेहनत का नतीज़ा है। उसने अपने खेत में फसल तैयार होने तक महीनों तक कड़ी मेहनत की है।”
उन्होंने बताया, “किताब को छह खंडों में विभाजित किया गया है, जिसमें एक खंड पूरी तरह से समाधान पर आधारित है। हमारा मानना है कि सदी की चुनौती का जवाब देने के लिए हमेशा एक मज़बूत इच्छाशक्ति होती है।”
क्लाइमेट कनेक्शन रिपोर्ट 2023 कल, 2 दिसंबर को गाँव कनेक्शन की वेबसाइट www.gaonconnection.com पर फ्री डाउनलोड के लिए उपलब्ध होगी।