कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान जैसे कई राज्यों में लॉकडाउन लगा दिया गया है, कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू लागू है। ऐसे में खाद्य सामान की जमाखोरी की आशंका को देखते हुए उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिए हैं। इसके तहत मंत्रालय ने सभी राज्यों से स्पष्ट तौर पर कहा है कि जमाखोरों के खिलाफ जरा भी ढिलाई नहीं बरती जाए।
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने सभी राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों पर जमाखोरों के खिलाफ कोई ढिलाई नहीं बरतने पर जोर दिया, जिससे महामारी के चलते लगाए गए कर्फ्यू/ लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखी जा सके।
Govt. asks State Govts to ensure that Essential supplies like food items/ drugs, hygiene products & other essential services remain available at fair prices
States/ UTs may undertake publicity & awareness activities so as to mitigate panic buying
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— PIB India (@PIB_India) April 19, 2021
इस संबंध में आज 20 अप्रैल को राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों के खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के विभाग के मुख्य सचिवों के साथ एक बैठक हुई, जिसमें उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के उपभोक्ता मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव निधि खरे ने देश भर में आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता और मूल्य की स्थिति की समीक्षा की।
राज्य और जिला स्तर पर खाद्य और नागरिक आपूर्ति, विधिक माप-विज्ञान नियंत्रक, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और पुलिस के संयुक्त दल बनाए जाने का सुझाव भी दिया गया। राज्य/ संघ शासित क्षेत्र में लोगों की तरफ से हड़बड़ाहट में सामान की ज्यादा खरीद की स्थिति को संभालने के लिए प्रचार और जागरूक करने का सुझाव दिया गया।
बैठक के दौरान कहा गया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जमाखोरी और बेईमान व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। प्रशासन को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखने के लिए कार्रवाई का अधिकार है। आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 3 आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन, आपूर्ति, वितरण आदि पर नियंत्रण करने और उसे जब्त करने का अधिकार देती है।
छह महीने की हो सकती है जेल
कालाबाजारी और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के रखरखाव निवारण अधिनियम, 1980 की धारा 3 के तहत, समुदाय को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखने में बाधा पहुंचाने से रोकने के उद्देश्य से किसी व्यक्ति को अधिकतम 6 महीने की अवधि के लिए जेल भेजा जा सकता है।
आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 और कालाबाजारी और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के रखरखाव निवारण अधिनियम, 1980 की देखरेख उपभोक्ता मामलों का विभाग करता है। ये दोनों अधिनियम उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने और उन्हें बेईमान व्यापारियों व जमाखोरों द्वारा शोषण से बचाने के क्रम में लागू किए गए थे।