उत्तर प्रदेश में बढ़ी एमएसपी पर शुरू हुई गेहूँ खरीद, बटाईदार किसान भी बेच सकते हैं गेहूँ

उत्तर प्रदेश में गेहूँ की सरकारी बिक्री के लिए पंजीकरण ज़रूरी है। प्रदेश में एक मार्च से गेहूँ खरीद शुरू हो गई है; इस बार बटाईदार किसान भी पंजीकरण कराकर गेहूँ बेच सकते हैं।
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यूपी में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूँ की खरीद की प्रक्रिया शुरु हो गई है। सरकार ने इस साल गेहूँ के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी में 150 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की है। इस बार 6500 क्रय केंद्रों पर खरीद एक मार्च शुरू होकर 15 जून तक चलेगी।

गेहूँ का समर्थन मूल्य 2275 रुपए रखा गया है। गेहूँ खरीद (wheat procurement 2024-25 कम्प्यूटरीकृत प्रणाली के तहत पारदर्शी गेहूँ खरीद की व्यवस्था के लिए किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। किसानों को खाद्य विभाग के पोर्टल www.fcs.up.gov.in पर ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा।

एमएसपी पर गेहूँ बेचने के लिए इस बार क्या ख़ास

किसान का बैंक खाता, आधार सीडेड यानी बैंक खाता आधार से जुड़ा होना चाहिए और बैंक द्वारा एनपीसीआई पोर्टल पर मैप और सक्रिय होना चाहिए।

गेहूँ खरीद का भुगतान पीएफएमएस के माध्यम से से सीधे किसानों के आधार खाते में 48 घंटे में कर दिया जाएगा।

किसानों की सुविधा के लिए नॉमिनी की व्यवस्था।

100 क्विंटल की सीमा तक गेहूँ विक्रय के लिए सत्यापन से छूट (बटाईदार किसान और चकबंदी किसानों को छोड़कर)।

केंद्र प्रभारी द्वारा किसान के गेहूँ को खरीदने से मना करने पर तहसील स्तर पर कार्यरत क्षेत्रीय विपणन अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति के सामने अपील कर सकते हैं।

गेहूँ बेचने वाले किसान खाद्य एवं रसद विभाग के टोल-फ्री नंबर 1800-1800-150, क्रय एजेंसियों के क्रय केंद्र प्रभारी/क्रय एजेंसियों के जिला/संभाग स्तर के अधिकारियों से फोन पर संपर्क कर या मिस्ड कॉल कर अपना पंजीकरण या नवीनीकरण करा सकते हैं।

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