ट्रैफिक सुरक्षा और गाड़ी चलाने के ये नियम जानते हैं?

नया या पुराना वाहन खरीद रहे हैं, नहीं जानते क्या हैं यातायात सुरक्षा और परिवहन के महत्वपूर्ण नियम, यहाँ विस्तार से जानिए

गाड़ी चलाते समय कौन से ज़रूरी डॉक्यूमेंट रखने चाहिए? अगर पुरानी गाड़ी खरीद रहे हैं तो किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? गाँव कनेक्शन के ख़ास कार्यक्रम “कानून जानिए, अधिकार जानिए” में ऐसे कई सवालों के जवाब दे रहे हैं एडवोकेट आनंद प्रताप सिंह।

वाहन चलाते समय कौन से दस्तावेज अपने पास रखना ज़रूरी है?


ड्राइविंग लाइसेंस:
वाहन चलाने के लिए आपके पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए।
रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC): हर वाहन का एक रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र होता है, जिसे अपने पास रखना आवश्यक है।
प्रदूषण प्रमाण पत्र (PUC): वाहन की कंडीशन के अनुसार प्रदूषण प्रमाण पत्र रखना भी जरूरी है।
परमिट: यदि आपका वाहन कमर्शियल है, तो सही परमिट भी आपके पास होना चाहिए।


डिजिटल दस्तावेज मान्य हैं या नहीं?
कई बार ट्रैफिक पुलिस हार्ड कॉपी दिखाने पर जोर देती है। लेकिन, यदि आपके पास डिजिटल दस्तावेज हैं, तो उन्हें भी मान्यता प्राप्त है। चेकिंग के दौरान यदि कोई दस्तावेज़ अनुपलब्ध है, तो आपको 24 घंटे के भीतर उसे प्रस्तुत करने का समय दिया जाता है।

ट्रैफिक पुलिस द्वारा चालान काटना:
केवल उपनिरीक्षक रैंक के पुलिस अधिकारी ही आपका चालान काट सकते हैं। अगर आपका चालान काटा जाता है, तो आपको उसकी एक प्रॉपर कॉपी प्रदान की जाएगी।

गलत चालान के खिलाफ क्या करें?


अगर आपको लगता है कि आपके साथ गलत चालान किया गया है, तो आप सक्षम न्यायालय में अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। अदालत में जाकर आप अपने चालान को चुनौती दे सकते हैं और अदालत आपकी समस्या का समाधान करेगी।

सेकंड-हैंड वाहन खरीदने के नियम:
नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC): पुराने मालिक से NOC प्राप्त करें।
ट्रांसफर एप्लीकेशन: RTO के माध्यम से वाहन के ट्रांसफर के लिए आवेदन करें।
यदि दुर्घटना होती है और रजिस्ट्रेशन अभी तक नए मालिक के नाम पर नहीं हुआ है, तो उसका उत्तरदायित्व पुराने मालिक पर रहेगा। वाहन का रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर करने के लिए सामान्यतः 15-20 दिन का समय लगता है।

वाहन चोरी की स्थिति में क्या करें?


यदि आपकी गाड़ी चोरी हो जाती है और FIR दर्ज होती है, तो पुलिस जांच पूरी करने के बाद अंतिम रिपोर्ट न्यायालय को भेजती है। इस स्थिति में, वाहन मालिक को नोटिस जारी किया जाता है, और वे अदालत में जाकर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज कर सकते हैं।

ईंधन में मिलावट की स्थिति में कार्रवाई:
यदि वाहन के ईंधन में मिलावट पाई जाती है, तो चेकिंग अधिकारी उस वाहन को जब्त कर सकते हैं और संबंधित न्यायालय में मामला दर्ज किया जाएगा।

गलत चालान प्राप्त होने पर क्या करें?


यदि आपके पास गलत चालान की सूचना आती है, तो आप सक्षम न्यायालय में जाकर उसकी सूचना दें और उचित प्रमाण प्रस्तुत करें। गलत चालान को चुनौती देने पर आपका चालान निरस्त हो सकता है, और आपको जुर्माना नहीं देना पड़ेगा।

आपका कोई भी प्रश्न या समस्या हो तो आप हमारे शो ‘कानून जानिए, अधिकार जानिए’ के अगले एपिसोड में शामिल कर सकते हैं। जुड़े रहिए और अपने अधिकारों की जानकारी पाते रहिए।

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