इस बार महाकुंभ में प्रयागराज का संगम तट आपको बदला-बदला सा नज़र आएगा।
शहर की भीड़ भाड़ और ट्रैफिक में बिना फंसे श्रद्धालुओं को गँगा तट तक पहुंचाने के लिए 7 हिस्सों में गँगा रिवर फ्रंट बनाया जा रहा है। उम्मीद है इस साल के अंत तक ये बन कर तैयार हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 227 किलोमीटर दूर प्रयागराज में इस 12 किलोमीटर के गंगा रिवर फ्रंट का निर्माण शुरू हो चुका है। गँगा किनारे रसूलाबाद घाट से नागवासुकी मंदिर तक, सूरदास से छतनाग तक, कर्जन ब्रिज के करीब महावीर पुरी तक का काम अभी चल रहा है।
सिंचाई विभाग में अधिशासी अभियंता (बाढ़ नियंत्रण) डी एन शुक्ल ने गाँव कनेक्शन को बताया कि इसके बन जाने से बाहर से आने वाले ट्रैफिक को अब शहर के अंदर घुसने की ज़रूरत पड़ेगी।
इसका सबसे अधिक फायदा श्रद्धालुओं को होगा, जिन्हे अंदर ट्रैफिक के कारण काफी चलना पड़ता था। अब वे सीधे कुंभ मेले में पहुँच सकेंगे।
सिंचाई विभाग की तरफ से इसका निर्माण लखनऊ के गोमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर किया जा रहा है।
गँगा रिवर फ्रंट आम सड़कों से बिल्कुल अलग होगी। इसका निर्माण इंटर लॉकिंग, बोल्डर क्रेट से किया जा रहा है। जिसमें स्लोप पिचिंग का काम भी होगा। इस सड़क को आदर्श सड़क के रूप में विकसित किया जाएगा; इसके किनारे बेंच लगाई जाएगी। कई जगह जगह पर सेल्फी प्वाइंट का भी निर्माण होगा।
साल 2025 में महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व से होगी और समापन 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि पर होगा।
महाकुंभ का पहला शाही स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन होगा। दूसरा शाही स्नान 29 जनवरी मौनी अमावस्या के दिन होगा। तीसरा शाही स्नान 3 फरवरी बसंत पंचमी को होगा। इन 3 शाही स्नान के अलावा महाकुंभ कुछ और भी स्नान की तारीख़ खास मानी जाती हैं। जिसमें 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा का स्नान, 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा का स्नान और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का स्नान सबसे महत्वपूर्ण है।