पौधों की नर्सरी का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, यहाँ मिलेगी पूरी जानकारी

अगर आप भी नर्सरी का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं और समझ में नहीं आ रहा है कि कहाँ और कैसे शुरुआत करें तो सफल नर्सरी व्यवसायी सौरभ त्रिपाठी से नर्सरी व्यवसाय का गणित समझ सकते हैं।
plant nursery

आपको भी बागवानी का शौक है और कोई व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो पौधों की नर्सरी आपके लिए मुनाफे का काम साबित हो सकता है।

यूपी के लखनऊ में नर्सरी व्यवसाय से सालाना लाखों कमाने वाले सौरभ त्रिपाठी नर्सरी से कमाई का गणित बता रहे हैं। सौरभ गाँव कनेक्शन से बताते हैं, “अगर नर्सरी का काम स्टार्ट करना है तो सबसे पहले ये जानना ज़रूरी है कि आप कौन से पौधों की नर्सरी शुरू करने जा रहे हैं और आपके एरिया में किसकी माँग ज़्यादा है।”

वो आगे कहते हैं, “लेकिन अगर आप शुरुआत कर रहे हैं और आपको सही से मार्केट के बारे में पता नहीं है, तो शुरू में हर तरह के पौधे ले आइए और जैसे-जैसे जिसकी माँग होगी आपको पता चल जाएगा।”

नर्सरी में कई तरह के पौधे बिकते हैं, इनमें से सीजनल यानी मौसमी फूलों की माँग भी काफी रहती है। इस पर सौरभ बताते हैं, “कुछ समय बिताने के बाद ही आप पता कर पाएँगे कि किस सीजन में हमारे यहाँ किस तरह के पौधे की डिमांड ज़्यादा रही इस काम में आपको साल दो साल तीन साल लग सकते हैं।”

वे आगे कहते हैं, “नर्सरी के व्यवसाय में धैर्य की ज़रूरत होती है, क्योंकि अगर आप कोई पौधा तैयार करते हैं तो उसको तैयार होने में दो तीन महीने लग जाते हैं, ये तो सीजनल पौधों की बात है; लेकिन अगर आप परमानेंट पौधे तैयार करते हैं तो दो से चार साल तक लग सकते हैं, लेकिन अगर बोनसाई की बात करें तो ये तो ये अलग कला है, इसमें तो कई साल लग जाते हैं, क्योंकि जितना पुराना पेड़ होगा, उतना अच्छा शेप बनकर आएगा; लेकिन जितना आप इंतज़ार करेंगे, उतना ही ज़्यादा पैसा मिलेगा। ” सौरभ ने समझाते हुए कहा।

बीज से पौधे तैयार करने की कला

देश ही नहीं दुनिया भर से बीज मँगाए जाते हैं, फिर बारी आती है उनके पौधे तैयार करने की। इसके लिए कोकोपीट का मटेरियल तैयार करके ट्रे में पौधे तैयार किए जाते हैं। तापमान नियंत्रित करने के लिए उस ट्रे को पॉली हाउस में रखा जाता है। जैसे पौधे बड़े होते हैं उन्हें ग्रो बैग में ट्रांसफर किया जाता है। इस दौरान सिंचाई और इन्हें रोग और कीट से बचाने की पूरी व्यवस्था की जाती है।

बाज़ार तैयार करना है ज़रूरी

पिछले कुछ सालों में सोशल मीडिया नर्सरी जैसे व्यवसाय करने वालों के लिए मददगार साबित हुई है। साथ ही जहाँ आपने एक बार किसी को अच्छे पौधे दे दिए लोग खुद से आपको तलाशते हुए आएँगे। सौरभ कहते हैं, “जब मैंने लोगों को अच्छा पौधा दिया तो धीरे धीरे माउथ पब्लिसिटी से भी लोग आने लगे, और सबसे ज़्यादा सोशल मीडिया के माध्यम से मेरी बात कई हज़ार लोगों तक एक बार में पहुँच जाती है।”

खुद से तैयार करें पौधे

देश की ज़्यादातर नर्सरियों में पौधे कोलकाता, पुणे या फिर नैनीताल की नर्सरियों आते हैं, लेकिन अगर ख़ुद से पौधे तैयार करके बेचते हैं तो आपको ज़्यादा मुनाफ होगा और पौधा भी ज़्यादा अच्छे से चलेगा। सौरभ बताते हैं, “हम खुद से पौधे तैयार करते हैं, क्योंकि बाहर से पौधे लाने पर कई बार वो सूख जाते हैं तो ग्राहक पर गलत प्रभाव पड़ता है; इसलिए कोशिश करिए कि अपने यहाँ के एनवायरनमेंट में पौधे तैयार करके उन्हें बेचा जाए।”

हर सीजन में होती है अलग तरह के पौधों की माँग

साल भर पौधों की माँग बनी रहती है, इनडोर पौधे, सकुलेंट्स-कैक्टस, बोनसाई, मौसमी फूलों के पौधे, मौसमी सब्ज़ियों के पौधे, फलदार पौधे ऐसे ही कई तरह के पौधों से शुरुआत कर सकते हैं। इससे साल भर आपकी नर्सरी चलती रहेगी। लेकिन सभी पौधों की ज़रूरतें, मिट्टी, खाद पानी सब अलग-अलग तरह से होती है, इसलिए पहले सभी के बारे जानकारी इकट्ठा करके ही शुरु करें।

नर्सरी शुरू करने के लिए सरकार भी करती है मदद

अगर नर्सरी शुरू करना चाहते हैं तो एक बार अपने जिला उद्यान अधिकारी से ज़रूर संपर्क करें। क्योंकि हर एक प्रदेश में नर्सरी शुरू करने के लिए सरकार आर्थिक मदद भी करती है।

राष्ट्रीय बागवानी विकास मिशन के तहत नर्सरी शुरू करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार से 60 और 40 प्रतिशत सब्सिडी मिलती है।

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