राजधानी लखनऊ से करीब 60 किमी दूर बाराबंकी जिले के फतेहपुर ब्लॉक के किसान अब सिर्फ मिर्च से ही अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। यही नहीं, अब तो सरकार इनके मिर्च की ब्रांडिग कर और अच्छी कीमत दिलाने की तैयारी कर रही है।
यूपी सरकार ‘एक जिला, एक उत्पाद’ की तर्ज पर प्रदेश के कृषि और औद्योगिक क्षेत्र में ‘वन ब्लॉक, वन क्रॉप’ योजना शुरू करने जा रही है।
इस योजना के तहत ब्लॉक में जिन फसलों की पैदावार ज्यादा हो रही है उसके किसानों को मार्केटिंग और ब्रांडिंग कराकर लाभकारी मूल्य दिलाया जाएगा। प्रदेश के जिले में सबसे ज्यादा होने वाली फसलों को प्रमोट किया जा सकेगा।
इस सिलसिले में सभी जिलों से उद्यान और कृषि विभाग ने फसलों का डाटा मांगा है।
प्रदेश को 9 कृषि जलवायु क्षेत्र में बांटा गया है फिर भी कृषि हो या उद्यान अलग-अलग कृषि उत्पादों की तमाम वेराइटी ब्लॉक स्तर पर ही बदल जाती हैं।
क्षेत्र विशेष में कुछ प्रमुख फसलें ऐसी भी हैं, जिन्हें किसान स्थानीय स्तर पर ज़्यादा उगाना पसंद करते हैं या उनमें ज़्यादा लाभ की संभावना रहती है। लेकिन स्थानीय बाजारों में बेचने के कारण उनको जरुरत के मुताबिक मुनाफा नहीं मिल पाता। ऐसी ही खास फसलों को चिह्नित कर उनकी पैदावार बढ़ाकर और उनकी गुणवत्ता में सुधार का काम कृषि विभाग ने शुरू किया है।
गेंदा, गाजर, मिर्च और टमाटर की ज्यादा पैदावार
कुछ ब्लॉक में जहाँ गेंदा की अच्छी फसल होती है, वहीं आम, गाजर, मिर्च और टमाटर की पैदावार भी ज्यादा होती है, जिसकी लिस्ट तैयार कर उद्यान और खाद्य प्रसंस्करण विभाग के निदेशक को भेज दी गई है।
इसका मकसद न सिर्फ प्रदेश में पैदा होने वाली विभिन्न फसलों की अलग-अलग किस्मों की ब्रांडिंग करना है बल्कि राज्य के किसानों की आमदनी में इजाफा करना भी है।
वैसे प्रदेश में गेहूँ, गन्ना और चावल काफी मात्रा में होता है।
एक आकड़ें के मुताबिक प्रदेश में लगभग 50 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल पर लगभग 900 लाख टन गन्ने का उत्पादन होता है। उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और दक्षिणी जिलों में गन्ने की अधिक खेती होती है।
इसके अलावा यूपी की अन्य प्रमुख फसलों में दलहन, तिलहन, मक्का, सोयाबीन, तम्बाकू, आलू, तरबूज आदि फसलें भी शामिल हैं। लेकिन सरकार की कोशिश अब उन उत्पाद को बढ़ावा देना है जो ब्लॉक स्तर पर किसानों को मुनाफा दे सकती है।