प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) ने वर्ष 2023 के लिए मुख्य, सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई), स्टार्टअप, अनुप्रयोगी अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी व्यवसाय इनक्यूबेटर जैसी पाँच अलग-अलग श्रेणियों में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पुरस्कारों के लिए भारतीय कंपनियों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के वैधानिक निकाय टीडीबी द्वारा ये पुरस्कार विभिन्न उद्योगों को नवीन स्वदेशी प्रौद्योगिकी के विकास और उसके सफल व्यवसायीकरण के लिए प्रदान किए जाते हैं।
यह वार्षिक पुरस्कार ऐसे भारतीय उद्योगों और उनके प्रौद्योगिकी प्रदाताओं को पहचान का एक मंच प्रदान करता है, जो बाजार में नवाचार लाने के लिए काम करते हैं और “आत्मनिर्भर भारत” के दृष्टिकोण में योगदान करते हैं। हर साल राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर ये पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं। भारतीय सेना की पोखरण रेंज में 11 मई 1998 को सफलतापूर्वक परमाणु परीक्षण की भारत की उपलब्धि के बाद से प्रतिवर्ष 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कार्यरत वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, इंजीनियरों और अन्य सभी सम्बद्ध पक्षों/व्यक्तियों की उपलब्धियों को रेखांकित एवं प्रोत्साहित करना है।
स्वदेशी तकनीक के सफल व्यावसायीकरण के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पुरस्कार (मुख्य) ऐसे औद्योगिक प्रतिष्ठान को दिया जाएगा, जिसने अप्रैल 2017 या उसके बाद किसी स्वदेशी तकनीक का सफलतापूर्वक विकास और व्यवसायीकरण किया है। इसके अंतर्गत 25 लाख रुपये का एक नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है। यदि प्रौद्योगिकी विकासकर्ता/प्रदाता और प्रौद्योगिकी व्यावसायीकरणकर्ता दो अलग-अलग संगठन हैं, तो प्रत्येक 25 लाख रुपये के पुरस्कार और एक ट्रॉफी के लिए पात्र होगा।
📢 @tdbgoi – @IndiaDST invites #Applications by 15th Jan 2023 from #Indian #Companies for #NationalTechnologyAwards 2023 under 5 categories – Main, #msme #startup #TranslationalResearch & #TBI.
For applying visit- https://t.co/0mtm4SpOHS @PMOIndia @DrJitendraSingh pic.twitter.com/HW5cFEo0cn
— DSTIndia (@IndiaDST) December 16, 2022
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) वर्ग में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पुरस्कार उन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को दिया जाएगा, जिन्होंने अप्रैल 2017 या उसके बाद स्वदेशी तकनीक पर आधारित उत्पाद का सफलतापूर्वक व्यवसायीकरण किया है। इसके तहत तीन पुरस्कार दिये जाते हैं, जिसमें नकद राशि के रूप में 15 लाख रुपये प्रदान किये जाते हैं। तीन एमएसएमई पुरस्कारों में से एक पुरस्कार महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों के लिए आरक्षित है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पुरस्कार (स्टार्टअप) व्यवसायीकरण की क्षमता वाली नई प्रौद्योगिकी का आश्वासन देने वाले प्रौद्योगिकी स्टार्टअप को दिया जाएगा। इस वर्ग में पाँच पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे, जिसमें से एक पुरस्कार महिलाओं के लिए आरक्षित है। इसके अंतर्गत नकद पुरस्कार 15 लाख रुपये प्रदान किये जाते हैं। इसके अलावा, अनुप्रयोग संबंधी अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पुरस्कार भी प्रदान किये जाते हैं। नवीन स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के व्यवसायीकरण में वैज्ञानिकों के उत्कृष्ट योगदान के लिए पाँच लाख रुपये का नकद पुरस्कार भी दिया जाता है। इसमें पुरस्कारों की संख्या दो है और एक पुरस्कार महिलाओं के लिए आरक्षित है।
प्रौद्योगिकी व्यवसाय इनक्यूबेटर वर्ग में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पुरस्कार के अंतर्गत पाँच लाख रुपये का एक पुरस्कार प्रदान किया जाता है। विभिन्न तकनीकी क्षेत्रों में नवीन प्रौद्योगिकी संचालित गहन ज्ञान आधारित स्टार्टअप उद्यमों को बढ़ावा देने के माध्यम से तकनीकी-उद्यमिता विकास में उत्कृष्ट योगदान को मान्यता प्रदान करने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए ये पुरस्कार दिये जाते हैं। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पुरस्कार के लिए https://awards.gov.in/ पर 15 जनवरी 2023 सायंकाल 5:00 बजे तक आवेदन कर सकते हैं।
टीडीबी ऐसे तकनीकी नवाचारों का सम्मान करता है, जिन्होंने राष्ट्रीय विकास में सहायता की है। लघु स्तरीय उद्योग (एसएसआई) इकाइयों के लिए दूसरी श्रेणी वर्ष 2000 में शुरू की गई थी, जिसे बाद में ‘सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई)’ श्रेणी का नाम दिया गया। व्यवसायीकरण की संभावना वाले स्टार्टअप इनक्यूबेटर्स द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्यों की पहचान करने एवं उन्हें पुरस्कृत करने के लिए, डीएसटी ने वर्ष 2004 में ‘प्रौद्योगिकी व्यवसाय इनक्यूबेटर’ श्रेणी की स्थापना की। इसी तरह, 2021 से टीडीबी द्वारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी में ‘अनुप्रयोगी अनुसंधान (ट्रांसलेशनल रिसर्च)’ के लिए एक नई श्रेणी शुरू की गई है।