Gaon Connection Logo

मखाना की खेती के लिए मिल रही है 75 फ़ीसदी की सब्सिडी, जानिए कैसे कर सकते हैं आवेदन

अगर आप बिहार से हैं और मखाना की खेती करना चाहते हैं तो आपके काम की ख़बर है, बिहार सरकार मखाना की खेती करने वाले किसानों के लिए नई योजना लेकर आयी है।
fox nut

मखाना की खेती से मालामाल होना चाहते हैं तो ये सबसे अच्छा मौका है।

बिहार सरकार ने मखाना विकास योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत किसान भाइयों को 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी।

इस योजना से न केवल मखाना की उत्पादकता बढ़ेगी, बल्कि ज़्यादा किसानों का रुझान मखाना की तरफ बढ़ेगा।

बिहार सरकार की तरफ से दी जाने वाली सब्सिडी राशि सीधे लाभार्थी किसानों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से भेजी जाएगी। मखाना विकास योजना का लाभ बिहार राज्य के 11 जिलों के किसानों को दिया जाएगा।

दुनियाभर में मखाने का लगभग 90 फीसदी हिस्सा बिहार में पैदा होता है। अगस्त 2022 में बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र के मखाना को प्रतिष्ठित भौगोलिक संकेत (GI) टैग भी मिला था।

इस योजना के अंतर्गत न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हेक्टेयर) और अधिकतम 10 एकड़ (4 हेक्टेयर) पर सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा।

20 अक्टूबर से इस योजना के लिए आवेदन शुरू हो गए हैं अगर आप भी मखाना विकास योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो कृषि विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट से आवेदन कर सकते हैं।

अभी इस योजना को बिहार के 11 जिलों, कटिहार, पूर्णिया, मधेपुरा, पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, किशनगंज, अररिया जैसे जिलों में लागू किया गया है।

इन जिलों के लिए ये हैं योजना

मखाना की उन्नत प्रजाति के बीज का उत्पादन: स्वर्ण वैदेही प्रभेद और सबौर मखाना को मखाने की उन्नत प्रजातियों में से एक माना जाता है।

मखाने की उन्नत प्रजाति की खेती करने पर राज्य सरकार ने प्रति हेक्टेयर इकाई लागत 97,000 रुपए निर्धारित की है, इस पर 75 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। यानी कुल लागत पर 72,750 रुपए का अनुदान मिलेगा। इस योजना के लिए पूर्णिया, दरभंगा, मधेपुरा और किशनगंज को चुना गया है।

मखाना का नया क्षेत्र विस्तार: मखाना के नए क्षेत्र विस्तार के लिए कुल लागत पर 97 हज़ार रुपए निर्धारित किए गए हैं, इस पर 75 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा। कटिहार, पूर्णिया, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा और खगड़िया जिलों के किसान इसका लाभ ले सकते हैं।

मखाना भंडार गृह (5 MT): मखाना विकास योजना के तहत मखाना स्टोरेज हाउस स्थापित करने पर राज्य सरकार द्वारा किसानों को सब्सिडी दी जाएगी। जिसके लिए सरकार ने स्टोरेज हाउस की लागत 10 लाख रुपए तय की है। इस पर भी किसानों को 75 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी। किसानों को इस योजना के तहत 7.5 लाख रुपए की राशि सब्सिडी के रूप में मिलेगी। दरभंगा, मधेपुरा, पूर्णिया और किशनगंज ज़िले के किसान इस योजना का लाभ ले सकते हैं।

बीज वितरण कार्यक्रम: किसानों को 5400 रुपए का बीज उपलब्ध कराए जाएंगे, जिसके लिए 75 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। कटिहार, पूर्णिया, दरभंगा, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, सहरसा और खगड़िया के किसान इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

इस योजना के लिए कौन कर सकता है आवेदन

मखाना विकास योजना के तहत आवेदन करने वाले को बिहार का मूल निवासी होना चाहिए। मखाने की खेती करने या मखाना स्टोरेज हाउस स्थापित करने पर ही किसान इस योजना के लिए पात्र होंगे।

अभी इस योजना का लाभ केवल 11 जिलों के किसानों को ही मिलेगा। आवेदक किसान का बैंक खाता आधार कार्ड से लिंक होना चाहिए।

बिहार सरकार द्वारा केवल ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया 20 अक्टूबर से शुरू की गई है। सबसे पहले आपको कृषि विभाग बिहार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। होम पेज पर आपको Schemes के पर क्लिक करना होगा।

इसके बाद आपके सामने बिहार सरकार की सभी योजनाओं की सूची आ जाएगी। आपको मखाना विकास योजना ‘आवेदन करें’ के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।

क्लिक करते ही आपके सामने मखाना विकास योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन फॉर्म से संबंधित नया पेज खुल जाएगा।

अब आपको इस पेज पर योजना संबंधित प्रमुख बातें पढ़कर सहमत हूँ पर टिक लगाकर Agree and Continue के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। इसके बाद आपके सामने नया पेज खुल जाएगा।

 जहाँ पर आपको किसान पंजीकरण संख्या दर्ज़ कर ‘विवरण प्राप्त करें’ के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। अब आपके सामने आवेदन फॉर्म खुल जाएगा। आपको आवेदन फॉर्म में पूछी गई सभी ज़रूरी जानकारी को दर्ज़ करना होगा।

सभी जानकारी दर्ज़ करने के बाद आपको मांगे गए दस्तावेजों को अपलोड करना होगा। आखिर में सबमिट के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।

सरकार के मुताबिक सफलतापूर्वक आवेदन के बाद आपको योजना के तहत सब्सिडी राशि का लाभ आपके बैंक खाते में भेज दिया जाएगा।

More Posts

मोटे अनाज की MSP पर खरीद के लिए यूपी में रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है, जानिए क्या है इसका तरीका?  

उत्तर प्रदेश सरकार ने मोटे अनाजों की खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया है। जो किसान भाई बहन मिलेट्स(श्री...

यूपी में दस कीटनाशकों के इस्तेमाल पर लगाई रोक; कहीं आप भी तो नहीं करते हैं इनका इस्तेमाल

बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देने और इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने...

मलेशिया में प्रवासी भारतीय सम्मेलन में किसानों की भागीदारी का क्या मायने हैं?  

प्रवासी भारतीयों के संगठन ‘गोपियो’ (ग्लोबल आर्गेनाइजेशन ऑफ़ पीपल ऑफ़ इंडियन ओरिजिन) के मंच पर जहाँ देश के आर्थिक विकास...