19 नवंबर को प्रधानमंत्री के तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद आज दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर आज पंजाब के 32 किसान यूनियनों की बैठक हुई है।
आंदोलन की आगे की क्या रणनीति होगी उस पर रविवार को बैठक होगी लेकिन आज कई बड़े फैसले लिए गए हैं। इसके अनुसार किसान आंदोलन भारत सरकार द्वारा सभी जायज़ मांगों को पूरा किए जाने तक जारी रहेगा।
दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर पंजाब के 32 किसान यूनियन की बैठक में आज क्या हुआ? बता रहे हैं @AShukkla#FarmLawsRepealed #FarmersProtest #SinghuBorder #FarmLaws
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एसकेएम ने किसानों से 22 नवंबर को लखनऊ किसान महापंचायत को एक सफल बनाने की अपील की है। जबकि 26 नवंबर को ऐतिहासिक आंदोलन की पहली वर्षगांठ पर सभी मोर्चा स्थलों पर बड़ी संख्या में शामिल होने की अपील की है।
दिल्ली से दूर विभिन्न राज्यों में, 26 नवंबर को पहली वर्षगांठ पर अन्य विरोध प्रदर्शनों के साथ-साथ राजधानियों में ट्रैक्टर और बैलगाड़ी परेड निकाली जाएंगी। 28 तारीख को 100 से अधिक संगठनों के साथ संयुक्त शेतकारी कामगार मोर्चा के बैनर तले मुंबई के आजाद मैदान में एक विशाल महाराष्ट्रव्यापी किसान-मजदूर महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। 29 नवंबर से प्रतिदिन 500 प्रदर्शनकारियों का ट्रैक्टर ट्रॉलियों में संसद तक शांतिपूर्ण और अनुशासित मार्च योजनानुसार आगे बढ़ेगा।
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि शहीदों को भी संसद सत्र में श्रद्धांजलि दी जानी चाहिए और उनके नाम पर एक स्मारक बनाया जाना चाहिए। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, चंडीगढ़, मध्यप्रदेश आदि विभिन्न राज्यों में हजारों किसानों के खिलाफ सैकड़ों झूठे मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इन सभी मामलों को बिना शर्त वापस लेना चाहिए।