लखनऊ। भारत कृषि प्रधान देश है। कृषि कार्य में सिर्फ खेतों की बुवाई, जोताई या निराई ही शामिल नहीं है। बागवानी से लेकर मत्स्य पालन और पशुपालन भी इसके अंतर्गत आता है। प्रदेश की सरकारें इन कार्यों में लगे लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए कई तरह की सहकारी योजनाएं चलाती हैं।
डेयरी फार्मिंग भी इसी के तहत आने वाला एक क्षेत्र है। हमारी कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था में डेयरी इंडस्ट्री की अहम भूमिका है। डेयरी फार्मिग में दुधारू जानवरों की ब्रीडिंग और देखभाल, दूध उपार्जन और फिर दूध से विभिन्न डेयरी प्रोडक्ट्स का उत्पादन शामिल है। दूध और दही के अलावा पनीर, खोया, छाछ, लस्सी और पेड़ा का उत्पादन इस इंडस्ट्री के अंतर्गत एक बड़े स्तर पर हो रहा है। अमूल कंपनी वर्ष 1946 में गुजरात में आणंद मिल्क यूनियन लि. (अमूल) की स्थापना से व्यवस्थित डेयरी उद्योग के विकास को दिशा मिली और इस विषय में शिक्षण और प्रशिक्षण को भी बढ़ावा मिला।
डेयरी के काम
डेयरी के कामों के अंतर्गत कई प्रकार के दुग्ध उत्पादों का निर्माण, भंडारण, प्रसंस्करण व विपणन शामिल हैं। इस काम के लिए डेयरी वैज्ञानिकों को नियुक्त किया जाता है, जो निर्माण की प्रक्रिया पर नजर रखते हैं। जिस तरह से दूध उत्पादों की मांग दिनोंदिन बढ़ रही है। इन विशेषज्ञों के कामों पर नजर डालें तो दूध के विपणन या दूध को अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स में तब्दील करने का काम भी शामिल है। डेयरी टेक्नोलॉजी मूलत: तकनीक और गुणवत्ता नियंत्रण पर ध्यान देती है। इस क्षेत्र में काम करने वाले दूसरे पेशवरों में डेयरी इंजीनियर्स की आवश्यकता होती है, इन पर डेयरी के व्यवस्थापन और रख-रखाव की जिम्मेदारी होती है। इसके अलावा मार्केटिंग पेशेवरों की भी यहां जरूरत होती है जो मिल्क प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग और सेल्स से जुड़े काम देखते हैं। अगर आप इन कामों में रुचि रखते हैं तो यह क्षेत्र आपके लिए एक सुनहरा भविष्य प्रदान कर सकता है।
योग्यता
डेयरी टेक्नोलॉजी चूंकि विज्ञान का हिस्सा है, इसलिए विज्ञान में तो आपकी रुचि होना सबसे अहम है। इस क्षेत्र में प्रवेश पाने वाले अभ्यर्थी को मेहनती, काम के प्रति समर्पित और जिज्ञासु होना चाहिए। इसके तहत काम कोई जरूरी नहीं कि शहरों में ही मिले। इसलिए इससे जुड़ने वाले लोगों को दूरस्थ अंचलों में काम करने और शहर की सुख-सुविधाओं से दूर रहने का आदी होना चाहिए। अगर ये विशेषताएं आपमें मौजूद हैं तो आप इस क्षेत्र को अपना सकते हैं।
अवसर और संभावनाएं
यह ऐसा क्षेत्र है जहां आप चाहें तो स्वरोजगार से अच्छी कमाई कर सकते हैं। कोई जरूरी नहीं कि आप शहर में रहकर ही कोई नौकरी करने को बाध्य हों। माना जाता है कि डेयरी टेक्नोलॉजी एक चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है जो प्रशिक्षित पेशेवरों के लिए कार्य के कई विकल्प उपलब्ध कराता है। यहां सार्वजनिक व निजी दोनों क्षेत्रों में रोजगार की गुंजाइश है। इन लोगों को डेयरी फार्म, कोऑपरेटिव सोसायटी, ग्रामीण बैंकों, मिल्क प्रोडक्ट्स प्रोसेसिंग व मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में कार्य के मौके मिलते हैं। गुणवत्ता नियंत्रण के अंतर्गत आने वाले विभाग भी इन लोगों की नियुक्ति करते हैं। डेयरी तकनीक में दक्ष व्यक्ति चाहें तो अपना मिल्क प्लांट, क्रीमरी, आइसक्रीम यूनिट भी शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा शिक्षण व रिसर्च में भी अवसर हैं। यह आप पर निर्भर करता है कि आप किस विकल्प को चुनते हैं।