कहीं आप भी तो नहीं लेती हैं गर्भनिरोधक गोलियां? डॉक्टर से जानिए क्या हैं दुष्प्रभाव

अबॉर्शन हमारे देश में मातृत्व मृत्यु दर की 8% मौतों के लिए जिम्मेदार है। डॉक्टरों का कहना है कि गर्भपात से बेहद सुरक्षित उपाय सही गर्भनिरोधक तरीकों का इस्तेमाल करना होता है ताकि अनचाहे गर्भ से बचा जा सकें। लेकिन सही गर्भनिरोधक तरीके क्या होते हैं और उन्हें कैसे इस्तेमाल किया जाना चाहिए, ये कितने सुरक्षित और कारगर हैं इन सभी सवालों के जवाब आज प्रसूति विशेषज्ञ डॉक्टर अंजू अग्रवाल से जानेंगे।

35 साल की मंजू अनचाहे गर्भ से बचने के लिए बिना किसी डॉक्टर के सलाह के गर्भनिरोधक गोलियाँ लेती रहीं, लेकिन उन्हें क्या पता कि ये गोलियाँ उनके लिए मुसीबत बन जाएँगी। उन्हें इनके नुकसान तब पता चले जब उन्हें अनियमित माहवारी जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ा। मंजू जैसी तमाम ऐसी महिलाएँ हैं जो आईपिल जैसी गर्भ निरोधक गोलियों से होने वाले नुकसान को नहीं समझ पाती हैं।

हमारे ख़ास कार्यक्रम नमस्ते डॉक्टर में क्वीन मैरी अस्पताल, लखनऊ की हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉ अंजू अग्रवाल, गर्भनिरोधक गोलियों से होने दुष्प्रभाव और अबॉर्शन के नियमों के बारे में विस्तार से बता रहीं हैं।

गाँव कनेक्शन: हमारे देश में गर्भनिरोधक पिल्स कितनी सुरक्षित हैं और क्या इन्हें नियमित रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है?

डॉ. अंजू अग्रवाल: जी, बिल्कुल। जो रेगुलर कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स हैं, वो बहुत ही फायदेमंद होती हैं। यदि आप प्रेग्नेंसी नहीं चाहती हैं, तो इन पिल्स का इस्तेमाल आप नियमित रूप से कर सकती हैं। ये पिल्स न केवल गर्भधारण से बचाती हैं, बल्कि आपके मासिक धर्म को भी नियमित रखती हैं। इन पिल्स के साथ आयरन की गोलियां भी होती हैं, जो खून की कमी को रोकने में मदद करती हैं। इसके अलावा, ये आपको अंडाशय और बच्चेदानी के कैंसर जैसी बीमारियों से भी बचाती हैं।

गाँव कनेक्शन: लेकिन कई लोग आई-पिल का भी इस्तेमाल करते हैं। क्या इसे भी नियमित रूप से लिया जा सकता है?

डॉ. अंजू अग्रवाल: नहीं, आई-पिल का इस्तेमाल केवल इमरजेंसी के समय ही करना चाहिए। यह एक इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल है, जिसका उद्देश्य सिर्फ अचानक स्थिति में गर्भधारण को रोकना है। इसे नियमित रूप से इस्तेमाल करने से यह उतनी इफेक्टिव नहीं रहती और आपके पीरियड्स को भी अनियमित कर सकती है। बेहतर होगा कि रेगुलर पिल्स या अन्य गर्भनिरोधक तरीकों का इस्तेमाल किया जाए, जैसे कि कॉपर टी या इंजेक्शन।

गाँव कनेक्शन: तो क्या बार-बार आई-पिल लेने से कोई नुकसान हो सकता है?

डॉ. अंजू अग्रवाल: जी हां, यदि आप बार-बार आई-पिल का इस्तेमाल करते हैं, तो उसकी प्रभावशीलता कम हो जाती है और आपके मासिक धर्म अनियमित हो सकते हैं। इसलिए, आई-पिल को नियमित गर्भनिरोधक विकल्प के रूप में कतई नहीं इस्तेमाल करना चाहिए। अगर आप सेक्सुअली एक्टिव हैं, तो बेहतर है कि कोई स्थायी गर्भनिरोधक उपाय अपनाएँ।

गाँव कनेक्शन: अबॉर्शन के मामले में क्या नई जानकारी है? क्या अबॉर्शन के नियमों में कोई बदलाव हुआ है?

डॉ. अंजू अग्रवाल: जी, हाल ही में सरकार ने अबॉर्शन के नियमों में बदलाव किए हैं। अब 6 महीने तक की प्रेगनेंसी यानी 24 सप्ताह तक का अबॉर्शन किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए कुछ विशेष कारण होने चाहिए। जैसे, अगर बच्चे में कोई गंभीर शारीरिक समस्या है, या मां को कोई ऐसी बीमारी है जिससे गर्भावस्था उसके लिए हानिकारक हो सकती है। इसके अलावा, अगर रेप की वजह से गर्भ ठहरा हो या गर्भनिरोधक के फेलियर के कारण प्रेगनेंसी हो गई हो, तो अबॉर्शन किया जा सकता है।

गाँव कनेक्शन: क्या अबॉर्शन कराना सुरक्षित है?

डॉ. अंजू अग्रवाल: हाँ, लेकिन यह याद रखें कि अबॉर्शन को जल्द से जल्द कराना ही सुरक्षित होता है। जितनी जल्दी आप अबॉर्शन कराएंगे, उतना कम जोखिम होगा। साथ ही, यह प्रक्रिया केवल किसी योग्य डॉक्टर से ही कराएं, ताकि किसी तरह की परेशानिया न आये । यह भी ध्यान रखें कि अबॉर्शन हमारे देश में मातृत्व मृत्यु दर की 8% मौतों के लिए जिम्मेदार है, इसलिए गर्भनिरोधक तरीकों का सही उपयोग करके अबॉर्शन की जरूरत को कम किया जा सकता है। गर्भनिरोधक हमेशा अबॉर्शन से ज्यादा सुरक्षित होता है।

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