गाँव कनेक्शन: डिलीवरी का कौन सा तरीका है ज्यादा सुरक्षित?
डॉ रेखा सचान: नॉर्मल डिलीवरी में हमेशा यह गारंटी नहीं दी जा सकती कि बच्चे में कोई समस्या नहीं आएगी। हालांकि, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिन जटिलताओं का सामना मां को करना पड़ता है, जैसे एनीमिया और प्रीक्लैम्प्सिया (गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप), वे अधिक खतरनाक हो सकती हैं। ये समस्याएं खासकर ग्रामीण महिलाओं में ज्यादा देखी जाती हैं। कई बार ब्लड प्रेशर इतना बढ़ जाता है कि मां और बच्चे दोनों की जान बचाने के लिए सिजेरियन (सी-सेक्शन) करना पड़ता है। सरकारी अस्पतालों में नॉर्मल डिलीवरी को ज्यादा बढ़ावा दिया जाता है, जबकि प्राइवेट अस्पतालों में सी-सेक्शन की दर ज्यादा है।
गाँव कनेक्शन: ग्रामीण क्षेत्रों में क्यों बढ़ रहे हैं सिजेरियन डिलीवरी के मामले?
डॉ रेखा सचान: आपका सवाल सही है कि सी-सेक्शन की दर क्यों बढ़ रही है। पहले के समय में महिलाओं के कई बच्चे होते थे और तब यह बात ज्यादा ध्यान में नहीं आती थी। अब जब अधिकतर लोग एक या दो ही बच्चे करने की सोचते हैं, तो वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उनका बच्चा स्वस्थ और सुरक्षित पैदा हो। इसलिए सी-सेक्शन का चयन करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है, ताकि किसी प्रकार का जोखिम न उठाना पड़े। साथ ही, कई बार धार्मिक या सांस्कृतिक कारणों से भी लोग किसी विशेष समय पर बच्चे का जन्म करवाने की इच्छा रखते हैं, जिससे सी-सेक्शन की मांग और भी बढ़ जाती है।
गाँव कनेक्शन: गर्भावस्था में मुश्किलें क्यों आती हैं?
डॉ रेखा सचान: जटिलताओं के बढ़ने का मुख्य कारण खानपान की आदतें हो सकती हैं। जैसे, एनीमिया और प्रीक्लैम्प्सिया जैसी बीमारियां ग्रामीण महिलाओं में अधिक पाई जाती हैं। इसके पीछे जल्दी विवाह और कम उम्र में गर्भवती होने की प्रवृत्ति एक बड़ा कारण है। गर्भवती महिलाओं में खून की कमी और ऑक्सीजन की कमी होने के कारण बच्चे को भी समस्या हो सकती है। कई बार बच्चे गर्भ में ही मिकोनियम (पेट में मल त्यागना) कर देते हैं, जिससे सी-सेक्शन आवश्यक हो जाता है।
गाँव कनेक्शन: डाइट और एक्सरसाइज का क्या महत्व होता है?
डॉ रेखा सचान: अगर गर्भवती महिला का खानपान सही होता है और उसे समय पर आयरन और अन्य पोषक तत्व मिलते हैं, तो जटिलताओं की संभावना कम हो जाती है। गांव की महिलाओं को हरी सब्जियां, दूध और पौष्टिक आहार लेना चाहिए। इसके अलावा, हल्का व्यायाम भी आवश्यक है ताकि शरीर स्वस्थ रहे। अगर गर्भावस्था के दौरान खानपान का ध्यान रखा जाए, तो ब्लड प्रेशर और एनीमिया जैसी समस्याओं को काफी हद तक रोका जा सकता है।
गाँव कनेक्शन: नॉर्मल डिलीवरी के फायदे
डॉ रेखा सचान: नॉर्मल डिलीवरी के कई फायदे हैं। इससे मां की फिटनेस बनी रहती है और बाद में मोटापे का खतरा भी कम हो जाता है। घरेलू कामों में भी कम दिक्कत होती है और रिकवरी जल्दी होती है। नॉर्मल डिलीवरी से पैदा हुए बच्चे आमतौर पर स्वस्थ होते हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ती। जबकि सी-सेक्शन से पैदा हुए बच्चों में कभी-कभी सांस लेने की समस्या हो सकती है।
गाँव कनेक्शन: सी-सेक्शन का सही समय क्या होता है?
डॉ रेखा सचान: अगर डॉक्टर सी-सेक्शन की सलाह देते हैं, तो इसे स्वीकार करना चाहिए, लेकिन अपनी ओर से इसे न मांगें। नॉर्मल डिलीवरी के लाभ को समझें और उसी को प्राथमिकता दें।