ये है ग्रामीणों का नि:शुल्क बिग बाजार

उत्तरप्रदेश

लखनऊ। ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी बिग बाजार जैसे मॉल पर शापिंग कर सकें इसके लिए इंडियन रोटी बैंक ने निशुल्क बिग बाजार की शुरुआत अभी एक दिन से की है। जिसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी सोच के बीच जो असामानता है उसे कम करना है। 14 नवम्बर को इस निशुल्क बिग बाजार का आयोजन कई राज्यों में किया जाएगा।

हरदोई जिले में कम्पनी गार्डेन शहीद उद्यान में गांधी जयंती के मौके पर निशुल्क बिग बाजार अभियान की शुरुआत की गयी। डेढ़ साल पहले शुरू हुए इंडियन रोटी बैंक की शुरुआत की गयी थी। जिसका मुख्य उद्देश्य था कि कोई भी व्यक्ति भूखा न सोये साथ ही अमीर और गरीब के बीच का जो भेदभाव है वो खत्म किया जा सके।

ये भी पढ़ें- तानों की परवाह न कर प्रेरणा ने खड़ी कर दी करोड़ों की कंपनी

इंडियन रोटी बैंक के संस्थापक विक्रम पाण्डेय ने बताया, “निशुल्क बिग बाजार इसलिए शुरू किया जिससे गाँव का गरीब व्यक्ति यहाँ आ सके, उसे अपनी जरुरत का हर सामान एक ही जगह मिले। वंचित ग्रामीणों के लिए बिग बाजार में शापिंग करना सपना न रहे, वो अपने गाँव में ही निशुल्क बिग बाजार आ आनंद ले सकें।” वो आगे बताते हैं, “ये निशुल्क बिग बाजार की अभी शुरुआत है, ये अभी सिर्फ एक दिन का बाजार लगाया था,14 नवम्बर को हमारी कोशिश है हम कई राज्यों में इसका आयोजन करें, जिससे हर ग्रामीण बिग बाजार की चकाचौंध से परिचित हो सके, आने वाले समय में इसका नाम निशुल्क जन बाजार कर देंगे जिससे लोगों को ये बाजार अपना लगे।”

एक दिन के निशुल्क बाजार में ग्रामीणों ने की फ्री में खरीददारी 

उत्तर प्रदेश के 18 जिलों में इंडियन रोटी बैंक चल रहा है। ये रोटी बैंक यूपी के अलावा दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में चल रही है। आने वाले एक महीने में इसका विस्तार उत्तराखंड, बिहार, झारखंड में होने वाला है। इन राज्यों में रोटी बैंक के अलावा निशुल्क जन बाजार भी जल्द ही खुलेगा। व्यापक स्तर पर इस निशुल्क जन बाजार कार्यक्रम का आयोजन 14 नवम्बर को सभी जगह किया जाएगा।

ये भी पढ़ें:- शहर की नौकरी छोड़ गाँव में बना रहे टोमैटो सॉस, साल की कमाई 30 लाख

विक्रम पाण्डेय ने बताया, “इस बिग बाजार को लगाने के लिए टीम ने दो से ढाई हफ्ते सामान इकट्ठा किया, इसमे कोई व्यक्ति अपने घर का वो सामान दे सकता है जिसका वो इस्तेमाल न करता हो। टीम की मेहनत से दो ट्रक तक सामान इकट्ठा हो गया था जिसमे जरूरत का हर सामान था, लोगों ने अपने घरों से टीवी, कूलर, रेडियो, फ्रिज जैसे बड़े सामान भी दिए थे जिसे लकी ड्रा द्वारा दिया गया।”

इस बाजार में आसपास के कई गाँव के सैकड़ों ग्रामीण आये थे। इसमे कोई भी एक व्यक्ति अपनी जरूरत का एक सामान ले सकता था। जो सामान लोगों ने दान किया था उसके अलावा संस्था ने कुछ जरूरत की चीजें खरीदकर भी रखीं थी जिसमे महिलाओं के मेकअप के अलावा सेनेटरी पैड भी शामिल थे।

इन महिलाओं ने अपने ही गाँव में लिया बिग बाजार का मजा 

“रोटी बैंक की हर टीम में 15 से 20 लोग होते हैं, ये साथी दोपहर एक से तीन बजे तक अपने आस-पास के क्षेत्र से रोटी इकट्ठा करते हैं। सब्जी, आचार, सलाद ये टीम के द्वारा बनाया जाता है, दोपहर तीन बजे से पांच बजे तक पैकिंग होती है, पांच बजे से शाम सात बजे तक जरूरतमंद लोगों तक ये पैकेट पहुंचाए जाते हैं।”

ये भी पढ़ें- शहर की नौकरी छोड़ गाँव में बना रहे टोमैटो सॉस, साल की कमाई 30 लाख

ये कहना है इंडियन रोटी बैंक की सोशल मीडिया प्रभारी नेहा अग्रवाल का। वो आगे बताती हैं, “रोटी बैंक द्वारा हर जिले में अलग-अलग दिन रोटी बांटी जाती है जैसे हरदोई में शनिवार, लखनऊ में रविवार। बिग बाजार रोटी बैंक की एक महत्वपूर्ण शुरुआत है, इस बाजार से लोगों के बीच जो अमीरी और गरीबी की सोच है उसे कम करने की पहल है।”

ये भी पढ़ें- मिसाल : मजहब की बेड़ियां तोड़ पिच पर उतरीं कश्मीरी महिला क्रिकेटर

Recent Posts



More Posts

popular Posts