इंजीनियरिंग के फार्मूलों को खेतों में इस्तेमाल कर रहा है महाराष्ट्र का ये युवा किसान

गन्ना किसान

राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में कई जागरूक किसान बड़ी नौकरी छोड़ खेती कर रहे हैं। महाराष्ट्र के उचित भी एक ऐसे युवा किसान हैं जो सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ायी के साथ ही अब खेती में जुट गए हैं। अपनी तकनीकि पढ़ाई का इस्तेमाल वो खेतों में करते हैं और इसे लाभ का सौदा बनाने में जुटे है।

महाराष्ट्र के नंदुरबार के मलोणी गाँव रहने वाले उचित पटेल (22 वर्ष) सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ायी के साथ ही गन्ना, ग़ेहुं, चना, तुअर, लाख जैसे कई फसलों की खेती कर मुनाफा कमा रहे हैं।

पिछले वर्ष से उचित ने कुसुम की खेती की शुरुआत की है, जिसे कई राज्यों में किसान केसर के नाम पर खेती कर रहे हैं। कुसुम की खेती के बारे में उचित बताते हैं, “मुझे इंटरनेट पर इस खेती के बारे जानकारी मिली थी, राजस्थान के एक किसान के बारे में जानकारी मिली जो कुसुम की खेती कर रहे हैं।”

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उचित ने राजस्थान जाकर किसान से कुसुम की खेती की जानकारी ली और वहां से चार हजार बीज ले आए। उचित ने एक एकड़ में चार हजार बीज लगाए हैं, अक्टूबर में लगाई गयी फसल पांच से छह महीने में तैयार हो जाती है। उचित बताते हैं, “हमारे यहां ऐसी मिट्टी नहीं थी जिसमें इसकी खेती अच्छी हो सकती। इसलिए इसमें ज्यादा मेहनत लगी। लेकिन अब मेहनत से पैदावार भी अच्छी हुई।” कुछ लोग इसे अमेरिकन केसर कहते हैं हालांकि जानकार इससे इनकार करते हैं।

कुसुम  की फसल।

हर्बल मेडीसिन एक्सपर्ट डॉ. दीपक आचार्य बताते हैं, “अमेरिकन केसर का कश्मीरी केसर से कोई सम्बन्ध नहीं है। अमेरिकन केसर का वानस्पतिक नाम कारथेमस टिंकटोरियस है, जबकि कश्मीरी केसर को वनस्पति जगत में क्रोकस सटाइवस के नाम से जाना जाता है। दोनों अलग प्रजाति के पौधे हैं, दोनों के गुणधर्म भी अलग हैं, बावजूद इसके भी अमेरिकन केसर की खेती को लेकर कुछ किसान मुनाफा कमाने की राह पर चल पड़े हैं।”

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इसके फूलों को चुन-चुन कर सुखाया जाता है। कुसुम की खेती तेल और रंग प्राप्त करने के लिए की जाती है। इसके दाने में तेल की मात्रा 30-35 प्रतिशत होती है। यह साबुन, पेंट, वार्निश, लिनोलियम और इनसे सम्बन्धित पदार्थों को तैयार करने के काम मे भी लिया जाता है। इसके तेल से तैयार पेंट व वार्निश स्थाई चमक व सफेदी होती है जो कि अलसी के तेल से बेहतर होती है।

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अपने खेत में उचित

खेती में है इंजीनियर की नौकरी से ज्यादा कमाई

उचित गन्ना, ग़ेहुं, चना, तुवर, लाख, अमेरिकन केसर उगाकर एक साफ्टवेयर इंजीनियर से ज्यादा कमाई हो रही है, अब दूसरे गाँव के किसान भी जानकारी लेने आते हैं, जो कुछ साल पहले तक उनका मजाक उड़ाया करते थे।

इसके तेल वाटर प्रूफ कपड़ा भी तैयार किया जाता है। इसके तेल से रोगन तैयार किया जाता है जो शीशे जोड़ने के काम आता है। इसके हरे पत्तों में लोहा व केरोटीन (विटामिन ए) प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। कुसुम फूलों में मुख्यतः रंगो के दो पदार्थ कार्थामिन व पीली रंग पाया जाता है। । कुसुम के छिले दानों से प्राप्त खली पशुओं को खिलाने बिना दानों से प्राप्त खली, खाद के रूप में प्रयोग की जाती है।

अमेरिकन केसर के नाम किसान को किया जा रहा गुमराह

महाराष्ट्र, गुजरात जैसे कई प्रदेशों में किसान अमेरिकन केसर के नाम पर कुसुम को लेकर किसानों को गुमराह करने के भी आरोप हैं। जोधपुर के जैविक खेती के जानकार प्रो. अरुण शर्मा ने केसर की कुसम की खेती के तुलना के बारे बताते हैं, “राजस्थान में अमेरिकन केसर के नाम पर बहुत बरगलाया गया है। ये भारत में पाई जाने वाली कुसुम और सूरखपुर जैसे फूलों की खेती वाली फसल है, जिससे खाने का तेल मिलता है।”

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