वाराणसी के बाहरी इलाके में हाल ही में उद्घाटन किए गए ‘किसान समृद्धि केंद्र’ पर 30 वर्षीय उत्सव उपाध्याय को यह जानकर राहत मिली है कि यहां पर उन्हें कई तरह के लाभ मिल जाएंगे, जिससे उनका काफी समय बच जाएगा।
“पहले खाद, फसलों में रोग, कृषि यंत्र सहित अन्य जानकारियों के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है। लेकिन अब किसान समृद्धि केंद्र खुलने से एक ही छत्त के नीचे सभी जानकारी मिल जाएगी, “पड़ोसी जिले चंदौली के रहने वाले किसान उपाध्याय ने गाँव कनेक्शन को बताया।
गोपालपुर गाँव के किसान ने कहा, “मैं 40 बीघा [लगभग 10 हेक्टेयर] जमीन पर खेती करता हूं। इस तरह के केंद्र से न केवल मुझे खेती के लिए जरूरी सारा कच्चा माल और मशीनरी मिलेगी बल्कि यहां के विशेषज्ञ खेती की तकनीक और चुनौतियों पर भी सलाह देंगे।”
वाराणसी के राम नगर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित यह सौर ऊर्जा संचालित केंद्र 17 अक्टूबर को नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में एक कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए गए 600 ऐसे केंद्रों में से एक है। ऐसे 600 केंद्रों में से देश भर में 66 केंद्र उत्तर प्रदेश में लॉन्च किए गए हैं।
पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत किसानों के कल्याण के लिए धन की राशि की 16वीं किस्त जारी करते हुए कहा, ‘यह सिर्फ किसानों के लिए उर्वरकों की बिक्री-खरीद केंद्र नहीं है, बल्कि यह किसान समृद्धि केंद्र किसानों से जुड़ने, उनके सभी सवालों का जवाब देने और उनकी हर तरह से मदद करने का केंद्र है।
उर्वरकों की कालाबाजारी पर नियंत्रण
इस बीच जब गाँव कनेक्शन ने वाराणसी में केंद्र के प्रभारी से संपर्क किया, तो पता चला कि इन केंद्रों का एक सबसे बड़ा उद्देश्य उर्वरकों की कालाबाजारी को रोकना है।
“जैसा कि हाल के वर्षों में देखा गया है, बुवाई के मौसम में मांग अधिक होने पर उर्वरकों का मूल्य स्थिरीकरण चुनौतीपूर्ण हो जाता है। छोटे व्यापारी और दुकानदार इन महत्वपूर्ण उर्वरकों को जमा करते हैं और सरकार की अनुमति से अधिक कीमतों पर बेचते हैं। केंद्र के प्रभारी राकेश कुमार ने गाँव कनेक्शन को बताया कि ये केंद्र सरकार द्वारा मांग की परवाह किए बिना हमेशा खाद बेचेंगे।
अधिकारी ने यह भी कहा कि अक्सर अशिक्षित और अनजान किसानों को उनके अधिकारों के बारे में सूचित नहीं किया जाता है जो सरकारी सेवाओं और लाभों तक उनकी पहुंच को सीमित करता है।
“इसके साथ ही यहां आने वाले किसानों को उर्वरक पर मिलने वाला दुर्घटना बीमा का लाभ भी आसानी से ले सकते हैं। इफको के द्वारा खाद के प्रति बोरी पर चार हजार रुपए का दुर्घटना बीमा किया जाता है। अगर किसी भी किसान के साथ कोई दुर्घटना हो जाती है तो पॉक्स मशीन से उर्वरक लेने के दौरान जो पक्का बिल मिलता है। उस बिल को कृषकों को किसान समृद्धि केंद्र पर जमा करना होगा। और उसके बाद चार हजार रुपए तक राशि प्राप्त कर सकते हैं। दुर्घटना बीमा के तहत एक लाख रुपए तक का बीमा किया जाता है। पहले किसानों को यह नहीं पता होता था कि वह इस दुर्घटना बीमा का पैसा कैसे प्राप्त करें, “उन्होंने कहा।
मृदा परीक्षण, कागजी कार्रवाई, कृषि परामर्श – सब एक छत के नीचे
केंद्र में मौजूद किसानों के साथ बातचीत करते हुए, गाँव कनेक्शन ने मिर्जापुर के एक 28 वर्षीय किसान रोहित सिंह से बात की कि किसानों को केंद्र के बारे में क्या आकर्षक लगता है।
“अब की खेती तकनीक के सहारे हो गई है,जिसके चलते मशीनों पर निर्भरता बढ़ी है। और इस क्रम में सरकार के द्वारा मिलने वाली सब्सिडी से कृषि यंत्रों को खरीदने में आसानी हो गई है।”
किसान ने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि कृषि मशीनरी इतनी रियायती कीमतों पर खरीदी जा सकती है। और इस क्रम में सरकार के द्वारा मिलने वाली सब्सिडी से कृषि यंत्रों को खरीदने में आसानी हो गई है। बाजार में जहाँ सिड ड्रिल की कीमत 63000 रुपए है। वहीं यहाँ पचास प्रतिशत सरकारी अनुदान मिल रहा है।
गाँव कनेक्शन को केंद्र में विभिन्न काउंटरों के माध्यम से भी देखा गया जो किसानों के लिए समस्या समाधान के विभिन्न पहलुओं के लिए समर्पित हैं।
किसान कल्याण योजनाओं का लाभ उठाने के लिए सहायता से लेकर मिट्टी के नमूनों के विशेष परीक्षण, उर्वरकों, बीजों और कीटनाशकों के बारे में परामर्श, और प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए आवश्यक आधिकारिक दस्तावेज प्राप्त करने में किसानों की मदद करने के लिए, केंद्र किसानों को बहुआयामी सहायता का आश्वासन देता है।
वाराणसी के एक 43 वर्षीय किसान आदर्श कुमार ने गाँव कनेक्शन को बताया, “यहां तक कि व्यक्तिगत काम जैसे आय प्रमाण पत्र या जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करना, जो निरक्षर किसानों को सरकारी लाभ प्राप्त करने के लिए अक्सर आवश्यक होता है, यहां के अधिकारियों द्वारा सुविधा प्रदान की जाती है।” .
“इस क्षेत्र में कोई भी इस तरह का सेंटर नहीं था। अब यहां खुलने से किसानों को एक स्थान पर सभी तरह की सुविधा मिलेगी। पहले मिट्टी जांच के लिए इधर उधर भटकना पड़ता था। अब ऐसा नहीं होगा।
इस बीच वाराणसी में केंद्र के प्रभारी ने भी कहा कि जैविक खाद को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है।
कुमार ने कहा, “हमने जो उर्वरक स्टॉक किए हैं उनमें से लगभग 20 प्रतिशत जैविक हैं। हम व्यावहारिक रूप से जितना संभव हो सके रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “इसके अलावा, हम किसानों के खेतों में कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं। यह सेवा किसानों को मुफ्त में प्रदान की जाएगी और उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हानिकारक रसायनों के संपर्क में कमी आएगी।”
प्रभारी ने आगे बताया कि केंद्र में किसानों की काफी भीड़ है और आसपास के जिलों के किसान भी यहां दी जाने वाली सुविधाओं का जायजा लेने के लिए केंद्र का दौरा कर रहे हैं। कुमार ने गाँव कनेक्शन से कहा, “केंद्र के पूरी तरह से काम नहीं करने पर भी हर दिन 40 से अधिक किसान केंद्र का दौरा करते हैं। इस महीने के अंत तक, किसानों के मुद्दों और मांगों को हल करने के लिए सभी अधिकारी और कर्मचारी उपलब्ध होंगे।”