दिव्यांग गोकरण की दिव्य प्रतिभा को सलाम

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लखनऊ। 30 साल के दिव्यांग गोकरण ऐसी अनोखी प्रतिभा के धनी हैं कि देखने वाले दंग रह जाते हैं। छत्तीसगढ़ के रहने वाले गोकरण के दोनों हाथ नहीं हैं बावजूद इसके वो ऐसी पेंटिंग बनाते हैं कि बड़े-बड़े कलाकार भी उनके सामने पानी भरते नज़र आते हैं।

हाथों से करने वाले काम को गोकरण अपने पैरों से अंजाम देते हैं। उनकी बनाई पेंटिंग्स को देखकर कतई नहीं लगता है कि ये पेंटिंग्स पैरों से बनाई गई हैं। उनकी खूबसूरत पेंटिंग्स के लिए झारखंड सरकार उन्हें सम्मानित भी कर चुकी है।  

गोकरण फिलहाल जगदगुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय चित्रकूट में पढ़ाई कर रहे हैं। पेंटिंग के अलावा गोकरण घर के सारे काम भी खुद कर लेते हैं। गोकरण के सिर से पिता का साया उठ चुका है। घर में सिर्फ मां है लेकिन दिव्यांग होते हुए भी गोकरण अपने मां की हर ज़रूरत का ख्याल रखते हैं।

 

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