लखनऊ। जब एक बड़े से सरकारी ऑफिस में लिफ्ट का दरवाजा खुला तो उसके सामने खड़ी लड़कियों की जान सूख गई। अंदर घुसने से पहले इन लड़कियों के पैर कांप रहे थे।
लखीमपुर जिले के थारू जनजातीय क्षेत्र से 150 किमी दूर लखनऊ के वुमन पॉवर लाइन-1090 के दफ्तर में पहुंचना इन थारू लड़कियों के लिए किसी अजूबे से कम नहीं था। इन 22 लड़कियों के एक दल को प्रशिक्षण के लिए लखनऊ लाया गया।
“हमें यहां हर तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है। अंग्रेज़ी सिखाने से लेकर मार्शल आर्ट तक। अब हमें कोई छेड़ेगा तो मुक्का मार दूंगी।” एक बड़े से हॉल में अपनी टीम के साथ एक ही रंग की पीली टी-शर्ट पहने सबसे आगे बैठी रामपूल राना बोलती हैं, ”हमें पहले मम्मी भेज नहीं रही थीं। हमने कहा-हमें आगे बढऩा है, तो जाना है। चाचा लोगों ने भी जब कहा तो यहां आने दिया।”
माननीय सांसद डिंपल यादव व लखीमपुर की डीएम किंजल सिंह की पहल पर इन थारू समुदाय की लड़कियों को लखनऊ वुमन पॉवर लाइन के दफ्तर में प्रशिक्षण के लिए लाया गया। यहां इन्हें आत्मरक्षा से लेकर व्यक्तित्व विकास तक की पूरी जानकारी दी गई।
वुमन पॉवर लाइन-1090 प्रदेश में लड़कियों के साथ फोन व सोशल नेटवर्किंग पर होने वाली छेड़छाड़ को रोकती है। छेड़छाड़ से परेशान लड़कियां 1090 पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं।
अपनी अंग्रेज़ी की क्लास में सबसे आगे बैठी रामपूल राना बोलती हैं, ”हम यहां से वापस जाकर गाँव में बताएंगे कि क्या सीखा है। अगर आसपास की किसी लड़की को छेड़ा तो 1090 पर कॉल कर देंगे।”
इस दल की सभी 22 थारू लड़कियों को पॉवर एंजिल भी बनाया जाएगा। इसके बाद वो किसी भी छेड़छाड़ की शिकायत वुमन पॉवर लाइन सेंटर पर कर सकेंगी।
”इन्हें हर तरह की ट्रेनिंग दिलाई जा रही है। आत्मरक्षा और व्यक्तित्व विकास की भी ट्रेनिंग दी जा रही है। यहां हम लोगों ने इन्हें कानून बताए हैं, कौन से इनके हक के लिए हैं। इन्हें इंग्लिश स्पीकिंग के कोर्स व कम्प्यूटर की भी ट्रेनिंग दी है।” वुमन पॉवर लाइन की डिप्टी एसपी बबिता सिंह बताती हैं, ”ट्रेनिंग के बाद ये अपने समाज के लिए चेंज एजेंट (बदलाव की नायिका) की तरह काम करेंगी। शपथ भी दिलाई है कि जब वापस जाएं तो वहां भी लोगों को भी सिखाएं।”
अपने पिता और भाइयों के साथ खेतों में बराबर काम करने वाली इन थारू लड़कियों की झिझक को कम करने के लिए इन्हें इमामबाड़ा, विधानसभा, शॉपिंग मॉल्स और थानों का भ्रमण कराया गया।
”हमने जन्नत के बारे में तो सुना था, लेकिन जब शॉपिंग मॉल में घुसे तो लगा जन्नत में आ गए।” अपनी इंग्लिश स्पीकिंग क्लास में बैठी लखीमपुर के पलिया ब्लॉक से आई मुन्नी राना बताती हैं, ”मैंने यहां आकर सीखा धाराएं क्या होती हैं, एफआईआर कैसे करते हैं? अगर हमें देखकर कोई अश्लील गाना गाए, तो उस पर धारा-295 लग सकती है। हमें बहुत सी धाराएं याद भी हो गई हैं।”
इंग्लिश स्पीकिंग क्लास का असर इन लड़कियों पर तब दिखा जब कमरे में दाखिल होते ही सभी ‘गुड मार्निंग सर’ कहते हुए खड़ी हो गईं। इन्हें अंग्रेज़ी और व्यक्तित्व विकास की ट्रेनिंग देने वाले दीपक पाठक ने बताया, ”इनमें एक जुनून पैदा करके इनके अंदर का डर खत्म किया है। इनके दिमाग को तेज किया है कि आप सब कुछ कर सकती हैं। अभी तीन-चार दिन ही हुए हैं, लेकिन बहुत अच्छा रिस्पांस है। यह लड़कियां खुद सीखना चाहती हैं।”
खेतों में काम करने से लेकर हाथियों तक को भगाने का दम रखने वाली इन थारू लड़कियों में किसी अजनबी से मिलने का साहस नहीं था। अब इनमें बहुत बदलाव है। ”हम लोग जिस दिन आए, उस दिन मैम ने थोड़ी देर पढ़ाया तो हम लोगों का चेहरा एकदम लाल हो गया था। कंपकंपी हो रही थी और समझ नहीं आ रह था कि क्या बोलें, क्या न बोलें। लेकिन अब हमारे अंदर बहुत हिम्मत आई है।”
इन लड़कियों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग भी दी गई है। ताकि वो अपनी आत्मरक्षा कर सकें। ”जब यह लड़कियां यहां आईं तो इतनी संकोची थीं कि बात ही नहीं करती थीं। ट्रेनिंग के बाद इनमें बहुत बदलाव आया है।” वुमन पॉवर लाइन के रेडियो मेंटिनेंस अफसर राघवेन्द्र सिंह बताते हैं।
गाँव को नशाखोरी से उबारने की ली शपथ
लखनऊ। अपने सप्ताह भर के प्रशिक्षण के बाद थारू समुदाय की लड़कियों ने सांसद डिम्पल यादव के सामने अपने हुनर का प्रदर्शन किया।
डिम्पल यादव ने कहा, ”उत्तर प्रदेश सरकार थारू जनजाति को मुख्यधारा से जोडऩे के लिए लगातार प्रयासरत है। इससे ये लोग भी शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं को प्राप्त कर जागरूक बनें और अपना भविष्य बेहतर बना सकें। थारू जनजाति के विकास की योजनाओं के लिए राज्य सरकार धन की कमी नहीं होने देगी।”
मुलाकात के दौरान इन लड़कियों ने अपनी ट्रेनिंग-इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स, एफआईआर लिखने आदि के बारे में बताया। लड़कियों ने सांसद डिम्पल यादव के सामने एक गीत भी प्रस्तुत किया। साथ ही, इन लड़कियों ने शपथ ली कि वे अपने गाँव के लोगों को नशाखोरी से उबारेंगी और आधुनिक जीवन शैली के बारे में बताएंगी।
लड़कियों के दल के मॉल घूमने का जिक्र आने पर सांसद डिम्पल यादव ने पूछा, ”एस्केलेटर्स (स्वचालित सीढ़ी) का इस्तेमाल किया?” तो इस पर लड़कियों के ना कहने पर उन्होंने एस्केलेटर्स दिखाने के निर्देश दिए।
एक थारू लड़की द्वारा डॉक्टर बनने की इच्छा जताने पर सांसद डिम्पल यादव ने अधिकारियों को उसके लिए कोचिंग की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। डिम्पल यादव ने कहा, ”थारू जनजाति का जंगलों को बचाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान है। कुछ कानूनों की वजह से थारू जनजातीय क्षेत्र में विकास कठिनाइयां आती हैं। इसके बावजूद राज्य सरकार कानून के दायरे में सभी सम्भव तरीकों से थारू जनजाति के विकास के लिए प्रयास करती रहेगी।“”