इन यंत्रों की मदद से पशुपालक जान सकेंगे पशुओं के मदकाल की स्थिति

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कई बार पशुपालक को पता नहीं होता है कि गाय-भैंस को गाभिन करने का सही समय क्या है, इस समस्या से किसानों को आर्थिक नुकसान भी होता है।

सही समय पर गर्भधारण न हो पाने से दुग्ध उत्पादन भी नहीं हो पाता। दो से तीन बार मदकाल निकल जाने पर गायें या भैंस बांझ भी हो जाती है। हर पशु का एक मदचक्र होता है। गाय-भैंसों में यह लगभग 21 दिन का है। मदचक्र पूरा होने पर मदकाल आता है। यह दो से तीन दिन तक चलता है। मदकाल में अलग-अलग समय पर गाय और भैंसों के शरीर में बनने वाले स्लेश्मा यानी म्यूकस से ही उनके गर्भधारण की संभावना घटती-बढ़ती है।

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आज हम आपकों ऐसे यंत्रों के बारे में बता रहे जिनकी मदद से पशुपालक अपने पशुओं के मदकाल की स्थिति को जान सकेंगे।

हीट माउंट डिटेक्टर

इस तकनीक में पशु की पीठ पर पूंछ के पास हीट माउंट डिटेक्टर नामक यन्त्र लगा दिया जाता है I जब पशु गर्मी में आता है और साथी पशु उस पर चढ़ता है तो दबाव पड़ने पर उसमें भरा रंग निकल कर गर्म पशु की पीठ पर फ़ैल जाता है और दूर से ही ऐसे पशु की पहचान की जा सकती है I इस तकनीक में त्रुटि की संभावना भी रहती है क्योंकि किसी अन्य कारणों से भी रंग फ़ैल सकता है I

चिन बॉल मार्कर

इस तकनीक में टीजर पशु के निचले जबड़े पर चिन बॉल मार्कर नामक यन्त्र लगा दिया जाता है I जब टीजर पशु किसी गर्म पशु पर चढ़कर अपनी ठोड़ी से पीठ दबाता है तो दबाव से बॉल में भरा द्रव निकल कर पशु की पीठ पर फ़ैल जाता है और दूर से ही ऐसे पशु की पहचान की जा सकती है।

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क्लोज सर्किट टेलीविजन

बड़े बड़े पशुशालाओं में गर्म पशु की पहचान के लिए यह एक बेहद विश्वसनीय तकनीक हैI इसके द्वारा पशुओं के एक दूसरे के चढ़ने और अन्य गर्मी के लक्षणों के प्रदर्शन की घटना वीडियो कैमरे में रिकॉर्ड हो जाती है जिसे देखकर पशु के गर्म होने की पहचान हो जाती है I

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पेडोमीटर

गर्म पशु की शारीरिक क्रियाशीलता तीन से चार गुना तक बढ़ जाती हैI यदि पेडोमीटर नामक यन्त्र पशु के पिछले पैरों में लगा दिया जाए तो यह वृद्धि पता चल जाती है तथा गर्म पशु की पहचान की जा सकती है I

इन सभी यंत्रों के लिए राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में संपर्क कर सकते है।

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