पशुपालकों को मोदी का तोहफा, खुरपका-मुंहपका बीमारी से मुक्त होगा भारत

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उत्तर प्रदेश (लखनऊ)। देश में अच्छी गुणवत्ता का दूध पैदा करने और पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी पहल की है। मथुरा के वेटनरी विश्वविद्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण’ और ‘देशव्यापी कृत्रिम गर्भाधान’ कार्यक्रम की शुरूआत की है। सरकार के इस कदम से दूध के व्यवसाय से जुड़े किसानों को काफी फायदा होगा।


पशुओं में होने वाले खुरपका-मुंहपका (एफएमडी) और ब्रुसेलोसिस जैसी गंभीर बीमारी को जड़ खत्म करने के लिए राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत वर्ष 2024 तक 51 करोड़ से अधिक पशुओं के टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य खुरपका-मुंहपका (एफएमडी) और ब्रुसेलोसिस को 2024 तक नियंत्रित करना और 2030 तक पूरी तरह समाप्‍त करना है।

खुरपका-मुंहपका एक संक्रामक बीमारी है जो विषाणु द्वारा फैलती है। इस बीमारी की कोई दवा नहीं सिर्फ टीकाकरण ही इसका इलाज है। पूरे देश में इस बीमारी को खत्म करने के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा था जिसमें 50 प्रतिशत भारत सरकार और 50 प्रतिशत राज्य सरकार देती रही है लेकिन अब इस अभियान का पूरा खर्चा केंद्र सरकार उठाएगी, जिसके लिए सरकार ने वर्ष 2019 से 2024 के लिए 13,343 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

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पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार मुताबिक वर्ष 2018 में खुरपका-मुहंपका से पूरे भारत में 604 पशुओं की मौत हुई, जिसमें पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 363 पशुओं की मौत हुई। वर्ष 2017 में यह आंकड़ा 388 था वहीं 2016 में 444 था। वहीं ब्रुसेलोसिस बीमारी से वर्ष 2018 में भारत में 6 पशुओं की मौत हुई।

पशुपालन विभाग के सयुक्त निदेशक डॉ के.के चौधरी ने बताया, “पहले सिर्फ बड़े पशु (गाय,भैंस) में ही एफएमडी का टीका लगाया जाता था। लेकिन राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत इसमें बड़े पशुओं के साथ छोटे पशुओं(भेड़,बकरी,सूकर आदि) को भी टीकाकरण किया जाएगा।”

डॉ चौधरी आगे बताते हैं, “सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं को अब एक अभियान के रुप में चलाया जाएगा। ब्रुसेलोसिस बीमारी का टीकाकरण वृहत स्तर पर किया जाएगा। इस बीमारी से पशुओं के बांझपन की समस्या आ रही थी। इससे किसान को तो नुकसान हो रहा था, साथ ही इस बीमारी से डेयरी इंड्रस्टी को भी घाटा हो रहा था। इस अभियान से मवेशियों की सेहत में सुधार भी होगा।”


मथुरा में प्रधानमंत्री मोदी ने पशुओं को स्वास्थ्य, पोषण और डेयरी से जुड़ी कई योजनाओं की शुरूआत के साथ ही 40 मोबाइल वेटनेरी वैन को हरी झंडी भी दिखाई। उन्होंने अपने भाषण में कहा,

“प्रकृति, पर्यावरण और पशुधन के बिना जितने अधूरे खुद हमारे आराध्य नजर आते हैं उतना ही अधूरापन हमें भारत में भी नजर आएगा। पर्यावरण और पशुधन हमेशा से ही भारत के आर्थिक चिंतन का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। दूध-दही, माखन के बिना बाल गोपाल की कल्पना कोई नहीं कर सकता है। कृषि, पशुधन के संतुलन बिना आगे बढ़ना संभव नहीं।”


नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन (एनएसएसओ) के 70वें दौर के आंकड़ों के अनुसार, पशुपालन लगभग 3.7 फीसदी कृषि परिवारों की आय का प्रमुख जरिया है। भारतीय अर्थव्यवस्था में पशुपालन का महत्वपूर्ण स्थान है। देश की लगभग 70 प्रतिशत आबादी कृषि एवं पशुपालन पर निर्भर है। 19 वीं पशुगणना के मुताबिक भारत में लगभग 19.91 करोड़ गाय, 10.53 करोड़ भैंस, 14.55 करोड़ बकरी, 7.61 करोड़ भेड़, 1.11 करोड़ सूकर तथा 68.88 करोड़ मुर्गी का पालन किया जा रहा है।

केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए देशव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम गायों की नस्ल सुधारने के लिए बड़ा कदम है। इस अभियान के माध्यम से 600 जिलों में सौ-सौ गांव की 200-200 गायों का आने वाले महीनों में कृत्रिम गर्भाधान किया जाएगा। इस अभियान के बारे मे पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ अरविंद कुमार सिंह बताते हैं, “पहले हम लोग 50 प्रतिशत ही एआई (कृत्रिम गर्भाधान) कर पाते थे लेकिन इस अभियान से 100 प्रतिशत तक एआई की जा सकेगी। एआई में किए जाने वाले उपकरणों की संख्या बढ़ाकर लक्ष्य को पूरा किया जाएगा। इससे गायों की नस्ल सुधारने में काफी मदद मिलेगी।”


कार्यक्रम में केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया, ” पहली बार इतने बड़े स्तर पर पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है। इस योजना से सिर्फ पशुओं से ही नहीं बल्कि पशुपालकों का भी फायदा होगा। हमने पशुओं के कल्याण के लिए टेक्नॉलोजी का सहारा लिया है। अब देश में ऐसी टेक्नॉलोजी का इस्तेमाल किया जाएगा जिससे सिर्फ बछिया ही पैदा होगी।”

गिरिराज ने आगे कहा, “किसान के घर बछिया हो तो खुशी होती है, बछड़ा हो तो किसान दुखी होता है। आज पीएम मोदी ये टेक्नॉलोजी देश को समर्पित कर रहे हैं, इससे केवल बछिया ही किसानों के घर में पैदा होगी।”

पशुओं की होगी टैगिंग, मिलेगा आधार कार्ड

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 51 करोड़ पशुओं को साल में दो बार टीके लगाए जाएंगे। जिन पशुओं का टीकाकरण हो जाएगा उन्हें पशु आधार कार्ड देकर उनके टैगिंग की जाएगी। पशुओं को स्वास्थ्य कार्ड भी जारी किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने की इन योजनाओं की शुरूआत

नरेंद्र मोदी ने सेक्सेड सीमेन उत्पादन के लिए हापुड़ व बाबूगढ़ में 31 करोड़ की लागत से बनी प्रयोगशाला का किया लोकार्पण किया। साथ ही पशुपालन विभाग की मुरादाबाद और आगरा की करीब 30 करोड़ की पॉलीक्लिनक, 117 करोड़ के 150 पशु चिकित्सालय, रोग निदान प्रयोगशाला और गो संरक्षण केंद्र का भी लोकार्पण किया जाएगा। इसके साथ ही महिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ शाहजहांपुर की शुरूआत की गई।

मोदी ने देखी गायों के पेट से प्लास्टिक निकालने की लाइव सर्जरी

मोदी ने गाय के पेट में पॉलीथिन पहुंचने की प्रक्रिया और पॉलीथिन के पेट से सर्जरी करके निकालने की प्रक्रिया को लाइव देखा। कार्यक्रम में मोदी ने लोगों से आग्रह से किया कि वे इस वर्ष 2 अक्टूबर को अपने घरों, कार्यालयों और काम करने के स्‍थानों को सिंगल यूज़ प्‍लास्टिक से मुक्‍त करें।

उन्‍होंने गांवों में काम कर रहे स्‍वयं सहायता समूह, नागरिक समाज, सामाजिक संगठन, युवा संगठन, महिलाओं के समूह, क्‍लब, स्‍कूल और कॉलेजों तथा सरकारी और निजी संस्‍थानों से इस अभियान में हिस्‍सा लेने का आग्रह किया।

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