लखनऊ। सोशल साइट्स पर आजकल नकली अंडे की चर्चा खूब हो रही है। इससे जुड़े कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। असली अंडा जहां स्वास्थ्य के लिए अच्छा बताया जाता है तो वहीं नकली अंडा बेहद खतरनाक है। ऐसे में आप अगर अंडे खाते हैं तो आप इन तरीकों की मदद से बड़ी आसानी से असली-नकली अंडे की पहचान कर सकते हैं।
असली और नकली अंडे की पहचान कैसे कि जाए इसके बारे में केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. गौतम कुलौली बताते हैं, “नकली अंडे देखने में चमकीले होते है उन्हें अगर पानी में डाला जाए तो वह तैरते हैं और अगर असली अंडों को पानी में डाला जाए तो डूब जाते है।”
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असली अंडों की जांच के बारे में डॉ गौतम आगे कहते हैं, ”नकली अंडे को अगर हिलाओं तो वह आवाज़ करते हैं वहीं असली अंडों को हिलाने पर कोई आवाज़ नहीं आती है। इसके साथ नकली अंडे को फोड़ते ही उसके अंदर का अदरूनी पीला भाग (योक) सफेद हिस्से में मिलने लगता है। लेकिन असली अंडा लिक्विड का रुप नहीं लेता है वह अपनी जगह पर ही रहता है।”
इंटरनेशनल एग कमिटी और वर्ल्ड एग ऑर्गनाइजेशन के अनुसार भारत विश्व में सबसे तेजी से अंडे का उत्पादन करने वाला देश है, सालाना भारत 3 अरब अंडे उत्पादित करता है।
अंडा प्रोटीन का आसानी से मिलने वाला और सबसे सस्ता स्त्रोत हैं। अंडा देखने में जितना छोटा होता है, ये शरीर के लिए उससे कहीं ज्यादा फायदेमंद होता है। देश में अंडे का उत्पादन प्रति वर्ष लगभग 90 अरब अंडों से बढ़कर सालाना 100 अरब अंडा होने की उम्मीद है। एक कार्यक्रम में कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि देश में पॉल्ट्री क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और देश की खाद्य सुरक्षा में इसका भारी योगदान हो रहा है। मौजूदा समय में, प्रति व्यक्ति और प्रति वर्ष लगभग 70 अंडों की उपलब्धता है, जबकि राष्ट्रीय पोषण संस्थान के अनुसार यह प्रति व्यक्ति लगभग 180 अंडे होना चाहिए।
“कभी-कभी लोग असली अंडे को भी नकली समझ लेते हैं। इसलिए असली अंडे की पहचान करने के लिए अंडे के छिलके को लें और उसे गैस की धीमी आंच पर रखें नकली छिलका पूरी तरह जल जाएगा और असली नहीं जलेगा क्योंकि असली वाला कैल्शियम से बना हुआ होता हैं।” डॉ कुलौली ने गाँव कनेक्शन को बताया।
ऐसे तैयार होता है नकली अंडा
वायरल वीडियो के मुताबिक चीन में बड़े पैमाने पर नकली अंडा बनाने का करोबार होता है। यहां अंडे के अदरुनी पीला भाग (योक) और उसका बाहरी सफेद हिस्सा सोडियम एल्गिनाइट, एल्यूम, जिलेटिन, खाने योग्य कैल्शियम से तैयार किया जाता है। इतना ही नहीं इसमें पानी और खाने के योग्य रंगों को मिलाकर उसे हूबहू असली अंडे की शक्ल दी जाती है।
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नकली अंडे को तैयार करने के सबसे पहले हल्के गर्म पानी में पर्याप्त मात्रा में सोडियम एल्गिनाइट लेते हैं और इसे अच्छी तरह से मिलाकर अंडे के सफेद आकार की तरह तैयार करते हैं। फिर इसे जिलेटिन और बेंजाइक एसिड, एल्यूम और अन्य दूसरे रसायनों के साथ मिलाकर अंडे का सफेद हिस्सा तैयार किया जाता है।
अंडे के पीले हिस्से को तैयार करने के लिए सिर्फ पहले से तैयार मिश्रण में खाने योग्य पीले नीबू का रंग दे दिया जाता है। इसके बाद तैयार सफेद और पीले हिस्से को कैल्शियम क्लोराइड के साथ मिश्रित कर अंडे के आकार में ढाल दिया जाता है।