लखनऊ। हरियाणा सरकार ने 2015 के गोवध अधिनियम के प्रावधानों को और सख्त करने को मंजूरी दे दी है जिसके तहत पुलिस को और शक्तियां प्रदान की गयी है। इसमें गोवंश को मारने के लिए ले जाये जा रहे वाहन को जब्त करने और ऐसे उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किए गए परिसर की तलाशी लेना शामिल है।
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चंडीगढ़ जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 2015 के अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी गयी है । इसका उद्देश्य इस कानून को सख्त और व्यवहारिक बनाना है । इस नये विधेयक को हरियाणा गोवंश संरक्षण एवं गौसंवर्धन (संशोधन) विधेयक 2019 के रूप में जाना जाएगा।
हरियाणा विधानसभा ने 16 मार्च 2015 को एक विधेयक पारित किया था जो बाद में कानून बन गया है, जिसके तहत गोवध एवं राज्य में गोमांस की बिक्री को पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया था। हरियाणा में 2015 में बने इस कानून के तहत अगर कोई भी व्यक्ति गोवध में शामिल पाया जाता है और गोमांस बेचता है तो उसे कम से कम तीन साल की जेल की सजा होगी जो दस साल तक की हो सकती है। इसके अलावा एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
(इनपुट भाषा से)