हरियाणा: भैंस के बच्चों में बुवाइन कोरोना वायरस का संक्रमण, कितना खतरनाक है यह वायरस?

हरियाणा के लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने भैंस के 250 बच्चों का सैंपल लिया था, जिसमें से 10% बच्चों में बुवाइन कोरोना वायरस पाया गया। इससे पशुओं की मौत भी हो सकती है।
bovine coronavirus

अभी देश कोरोना वायरस से लड़ रहा है कि हरियाणा में पशुओं में एक और बीमारी फैलने लगी है, इस बीमारी का नाम बुवाइन कोरोना वायरस है। हरियाणा के कई जिलों में एक महीने कम उम्र के भैंस के बच्चों का सैंपल लिया गया, जिसमें से 10% बच्चे बुवाइन कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।

हरियाणा के लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, हिसार के एनिमल बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने पशुओं की जांच की थी। एनिमल बायोटेक्नोलॉजी विभाग की हेड व प्रोफेसर डॉ. मीनाक्षी प्रसाद बताती हैं, “हम आईसीएआर के एक प्रोजेक्ट में भैंस के बच्चों की जांच कर रहे थे कि उनकी मौत क्या कारण है, छोटे बच्चों में कौन-कौन सी बीमारियां होती हैं। इसके लिए हमने अलग-अलग जिलों से 250 बच्चों का सैंपल लेकर आरटीपीसीआर जांच की, जिसका रिजल्ट चौकाने वाला था, 250 सैंपल में से 10 पर्शेंट में बुवाइन कोरोना वायरस पाया गया।”

वो आगे कहती हैं, “दस्त जिसे डायरिया भी कहते हैं, जिसके कई कारण हो सकते हैं, हम ऐसे कई बीमारियों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे थे, मैं वायरस पर काम कर रही थी, जांच में हमने देखा कि बुवाइन कोरोना वायरस से संक्रमित हैं।”

भैंस के बच्चों में यह वायरस कैसे आया, इस बारे में डॉ मीनाक्षी बताती हैं, “आगे हमने पता करने कि कोशिश की यह वायरस बच्चों में कैसे फैला है, क्या यह यही किसी जानवर से फैला है या कहीं बाहर से आया है। क्योंकि यह भी कोविड-19 वायरस की तरह आरएनए वायरस हैं और यह भी एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति तक पहुंच सकते हैं। जैसे हमने देखा कि कोविड-19 वायरस चमगादड़ से इंसानों तक पहुंच गया। इसके लिए हमने सीक्वेंसिंग की जिससे हमें पता चला कि यह ऊंट से भैंस के बच्चों में आए हैं, क्योंकि हरियाणा का हिसार जिला राजस्थान से सटा हुआ है, ऊंट वहां से आते जाते रहते हैं।”

कैसे फैलता है यह वायरस

यह वायरस चारे, खाने और पानी के जरिए फैल सकता है और हवा से भी फैल सकता है। यह गोबर से आता है, जिस तरह से रोटा वायरस आता है तो अगर कहीं भी गोबर से भी फैल सकता है। यह वायरस एक जानवर दूसरे जानवर से भी फैल सकता है, क्योंकि बड़े जानवरों की इम्युनिटी मजबूत होती है, लेकिन छोटे बच्चे इससे संक्रमित हो जाते हैं। डॉ प्रसाद ने कहती हैं, “गाँव में तो वहीं ऊंट बंधा है और वहीं कटड़ा (भैंस का छोटा बच्चा) भी बंधा है। ऐसे ही एक दूसरे में फैल सकता है।”

क्या कोविड-19 की तरह इंसानों को संक्रमित कर सकता है बुवाइन कोरोना वायरस

क्या बुवाइन कोरोना वायरस भी कोविड-19 वायरस की तरह इंसानों के लिए खतरनाक है के सवाल पर डॉ मीनाक्षी कहती हैं, “अभी यह कितना खतरनाक है हम नहीं कह सकते, जैसे कोविड-19 वायरस बैट से आया तो वो बैट के लिए खतरनाक नहीं है, जब इंसानों में आया तब खतरनाक बना। इसमें कुछ एक्सपेरीमेंट पहले भी हुए हैं जिसमें यह दूसरे जानवरों के साथ इंसानों में पाया गया। क्योंकि हमने देखा की जो आरएनए वायरस होते हैं, उनके नए नए वैरिएंट आते रहते हैं, ऐसे वायरस में म्यूटेशन होता रहता है, इसलिए आगे कितना खतरनाक हो सकता है अभी से कुछ नहीं कह सकते हैं।

पशुओं लिए भी बने वैक्सीन 

जब यह ऊंट से भैंस में आ सकता है तो इंसानों में भी आ सकता है, यहां तक की इन्हें मुर्गियों में भी देखा गया है। क्योंकि इसके लिए अभी इसके लिए कोई वैक्सीन भी नहीं बनी है। हमने इसके लिए सलाह भी दी है कि इसके लिए वैक्सीन बने,

बुवाइन से संक्रमित बछड़े को दस्त होते हैं और डायरिया भी हो सकता है, ज्यादा संक्रमण होने की वजह से बछड़े की मौत भी हो सकती है। इतना ही नहीं ये छोटे बच्चों से बड़े जानवरों में भी फैल सकता है। जानवरों के मल, मांस और दूध इत्यादि से इंसानों में भी फैल सकता है। किसानों और पशुपालकों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि यदि उन्हें लगता है कि कोई पशु बीमार है या उसे इस प्रकार के लक्षण है तो उसे अन्य पशुओं से अलग रख जाना चाहिए।

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