कीटनाशकों के छिड़काव के समय इन बातों का रखें ध्यान

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लखनऊ। फसलों की सुरक्षा के लिए कीटनाशकों के छिड़काव के समय अगर सावधानी न बरती गई तो किसानों की जान तक जा सकती है। ऐसे में किसान कुछ सावधानी बरतकर बचाव कर सकते हैं।

कृषि विज्ञान केंद्र सीतापुर के कृषि वैज्ञानिक डॉ. दया श्रीवास्तव बताते हैं, “जैसा कि आप सभी जानते हैं कि फसल को बचाने के लिए कीटनाशकों का छिड़काव करते हैं, लेकिन जरा सी असावधानी खतरनाक साबित हो सकती है।”

कीटनाशक छिड़काव के समय पहले एप्रेनकीटनाशक छिड़काव के समय पहले एप्रेन

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वो आगे बताते हैं, “जो दवाइयां और कीटनाशक हैं उनकी कई कटेग्री है, हरा, नीला, पीला और लाल, जो लाल कटेग्री की इवाइयां हैं जो सबसे खतरनाक हैं। फसलों की सुरक्षा में प्रयोग होने वाले नाशियों में यदि लापरवाही हो जाए तो किसानो की जान तक जा सकती है पीड़कनाशी जहां कीटो एवं बीमारियों को खत्म करने में सक्षम होते हैं, लेकिन यदि प्रयोग करने से पहले प्रयोग की संपूर्ण जानकारी न ली जाए तो वह इंसानों के लिए भी बहुत विनाशकारी साबित हो सकते हैं।”

“प्रयोग के समय एप्रेन जरूर पहने, इससे शरीर पर जो डायरेक्ट प्रभाव पड़ता है, उससे बच सकते हैं, हाथों पर दस्ताने जरूर पहने और जब दवाओं को मिक्स करें तो दस्ताने जरूर पहने। मास्क आंख की सुरक्षा के लिए होता है क्योंकि अगर आंख में दवाई जाती है तो बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। नोजल जरूर पहने सिर पर कैप जरूर लगाएं और पैरों में जूते जरूर पहने” ,उन्होंने आगे कहा।

दोपहर के समय न करें छिड़काव

इसके साथ ही दोपहर में दवाओं का छिड़काव न करें और जब हवा चल रही तो भी दवाइयों का छिड़काव न करें। सुबह शाम को ही करें क्योंकि दोपहर में मधुमक्खियों का मूवमेंट होता है, ये बाते ध्यान में रखकर आप न केवल खुद को सुरक्षित रख सकते हैं बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित रख सकते हैं।

कीटनाशक छिड़काव का गलत तरीकाकीटनाशक छिड़काव का गलत तरीका

इन बातों का भी रखें ध्यान

कीटनाशक का प्रयोग करते समय यह देख लेना चाहिए कि उपकरण में लीकेज तो नहीं है। कभी भी कीटनाशक उपकरण पर मुंह लगाकर घोल खींचने का प्रयास नहीं करना चाहिए। तरल कीटनाशकों को सावधानी पूर्वक उपकरण में डालना चाहिए और यह ध्यान रखना चाहिए कि यह शरीर के किसी अंग में न जाए। अगर ऐसा होता है तो तुरन्त साफ पानी से कई बार धोना चाहिए।

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कीटनाशक प्रयोग के बाद सावधानियां

बचे हुए कीटनाशक को सुरक्षित भण्डारित कर देना चाहिए। इसके रसायनों को बच्चों, बूढ़ों और पशुओं की पहुंच से दूर रखें। कीटनाशकों के खाली डिब्बों को किसी अन्य काम में नहीं लेना चाहिए। उन्हें तोड़कर मिट्टी में दबा देना चाहिए। कीटनाशक छिड़कने के बाद छिड़के गए खेत में किसी मनुष्य या जानवरों को नहीं जाने देना चाहिए।


कीटनाशक के संपर्क में आने पर क्या करें

अगर किसी ने कीटनाशक खा लिया है या गलती से मुंह में चला गया है, तो एक गिलास में गुनगुने पानी में दो चम्मच नमक मिलाकर उल्टी करानी चाहिए अथवा गुनगुने पानी में साबुन घोलकर देना चाहिए। अगर किसी व्यक्ति ने कीटनाशक सूंघ लिया हो, तो जल्दी ही उसे खुले स्थान पर ले जाना चाहिए और शरीर के कपड़े ढीले कर देना चाहिए। अगर सांस लेने में समस्या हो रही हो तो पेट के सहारे लिटाकर उसकी बाहों को सामने की और फैला दें और व्यक्ति की पीठ को हल्के-हल्के सहलाते हुए दबाएं और कृत्रिम श्वास भी देनी चाहिए। 

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