“जैसे आप अपने शरीर की जांच करवाते हैं और डॉक्टर जितनी मात्रा में दवाई देता है उतनी ही खाते हैं। उसी प्रकार हमें भी मिट्टी की जांच करवाने के बाद जो रिपोर्ट आए उसके अनुसार खाद (उर्वरक) का प्रयोग करना चाहिए।” भू संरक्षण अधिकारी अब्बास अली ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा।
अब्बास अली, मध्य प्रदेश में देवास जिले के बड़ी चुरलाई गांव में मिट्टी जांच केंद्र के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल थे। समारोह में उपस्थित किसानों को देवास के जिला कृषि अधिकारी एस तोमर और नाबार्ड के जिला विकास अधिकारी अविनाश तिवारी ने भी संबोधित किया।
अपने संबोधिन में अविनाश तिवारी ने किसानों से सवाल किया, “आज से 10 साल पहले खेत में जितनी पैदावार होती थी क्या उतनी अभी हो रही है? शायद नहीं, आज-कल अधिक पैदावार के लिए अधिक मात्रा में डीएपी-यूरिया डाली जा रही है, इससे मिट्टी की मिट्टी की उर्वरक क्षमता खत्म होती जा रही है, इसीलिए हमें मिट्टी की जाँच करवाना बहुत जरुरी है।”
देश के 11 राज्यों में इन दिनों मिट्टी की सेहत के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए साइकिल जागरुकता रैली निकाली जा रही है। जागरुकता कार्यक्रम और साइकिल रैली की शुरुआत 3 मार्च को जम्मू की शेर-ए- कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी से हुई थी, मुहिम का समापन 40 दिन बाद कन्याकुमारी में होगा।
देश के ग्रामीण मीडिया हाउस गांव कनेक्शन और हैदराबाद की कृषि क्षेत्र में कार्यरत संस्था कृषि तंत्रा के इस अधियान के तहत 18 मार्च को मध्य प्रदेश के देवास जिले के बड़ी चुरलाई गांव में किसानों के लिए जागरूकता कार्यक्रम और साइकिल रैली का आयोजन किया गया।
बड़ी चुरलाई में कृषि तंत्रा के मिट्टी जांच केंद्र का उद्घाटन भी किया गया। कृषि तंत्रा की आधुनिक मिट्टी जांच मशीन से कुछ ही मिनट में 12 तरह के पोषक तत्वों की जांच हो सकती है।
इस दौरान एक साइकिल रैली जा भी आयोजन किया गया, जिसमे 100 के करीब किसानों ने भाग लिया।
समारोह को देवास के कृषि विकास अधिकारी जे एस तोमर ने भी संबोधित किया। उन्होंने मिट्टी की सेहत के प्रति जागरूकता लाने के लिए चलाए जा रहे गांव कनेक्शन और कृषि तंत्रा की साझा मुहिम की भी सराहना की।
इस दौरान किसानों और साइकिल रैली में शामिल युवाओं की सर्टिफिकेट और गिफ्ट भी दिए गए।