बटेर पालन करना चाहते हैं? यहाँ मिलेगी पूरी जानकारी

पिछले कुछ साल में बटेर पालन का मार्केट तेजी से बढ़ा है; लेकिन कई बार किसान बटेर पालन की शुरुआत तो करते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में उन्हें नुकसान भी उठाना पड़ जाता है। ऐसे लोगों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है।
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आप बटेर पालन शुरु करना चाहते हैं, लेकिन समझ में नहीं आ रहा है कि कहाँ से शुरुआत करें? आपके लिए उत्तर प्रदेश के बरेली के इज्जतनगर में स्थित केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

डॉ एमपी सागर गाँव कनेक्शन से बताते हैं, “जब भी कोई बिनी किसी ट्रेनिंग के कोई रोज़गार शुरू करता है तो बहुत ज़्यादा चांसेस होते हैं कि उसे सफलता नहीं मिलती है; इसलिए हम यही सलाह देना चाहेंगे कि अगर आप कोई भी काम शुरू करने जा रहे हैं तो सबसे पहले उसके बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लें।”

केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान में साल भर अलग-अलग तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जिनमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से शामिल हुआ जा सकता है।

ऑनलाइन और ऑफलाइन के लिए अलग-अलग फीस निर्धारित की गई है, अगर आप ऑनलाइन ट्रेनिंग लेना चाहते हैं तो 5000 रुपए का भुगतान करना होगा और अगर ऑफलाइन ट्रेनिंग लेना चाहते हैं तो 6000 रुपए की फीस देनी होगी।

यहाँ से ट्रेनिंग लेने के बाद अगर आप अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो पूरी मदद की जाती है। डॉ एमपी सागर कहते हैं, “पूरी ट्रेनिंग लेने वाले को सर्टिफिकेट देते हैं; जिसकी मदद से आप बैंक से लोन भी ले सकते हैं; वो हर जगह मान्य होता है।”

छह दिनों तक चलेगा प्रशिक्षण कार्यक्रम

बटेर पालन के लिए प्रशिक्षण 10 जून से 15 जून तक चलेगा, जिसमें बटेर के आवास, फीड, बीमारियों और बाजार की जानकारी दी जाएगी।

ऐसे करें आवेदन

प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए इच्छुक उम्मीदवार इस लिंक (https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSe1_mQX-2-6OQp8IM6kY7OtERZJd7y3gnfg0PsESaP43y-dJA/viewform?usp=pp_url) पर क्लिक करके रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। क्लिक करने पर पंजीकरण फार्म खुलेगा, जिसे भरकर सबमिट (जमा) करना होगा।

इसके लिए उम्मीदवार का जीमेल अकाउंट ज़रूरी है। फार्म भरने से पहले, प्रशिक्षण फीस का भुगतान संस्थान की वेबसाइट, https://cari.icar.gov.in/payment.php पर दिए गए पेमेंट गेटवे के माध्यम से करना होगा और रसीद की सॉफ्ट कॉपी को पंजीकरण फॉर्म में अपलोड करना होगा। अपनी पासपोर्ट साइज की फोटो, आधार कार्ड, शिक्षा प्रमाण पत्र (अंतिम कक्षा/डिग्री) जाति प्रमाण पत्र (केवल अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए) की सॉफ्ट कॉपी तैयार करके पंजीकरण फार्म में अपलोड कर दें। बाद में पंजीकरण फॉर्म भरें और सब्मिट करें। इसके बाद आपको ईमेल से प्रशिक्षण के लिए लिंक भेजा जाएगा।

बटेर पालन के फायदे

व्यावसायिक बटेर पालन में टीकाकरण की कोई ज़रूरत नहीं होती है इनमें बीमारियाँ न के बराबर होती हैं।

6 सप्ताह (42 दिनों) में अंडा उत्पादन शुरू हो जाता है। जबकि कुक्कुट पालन (अंडा उत्पादन की मुर्गी) में 18 सप्ताह (120 दिनों) के बाद अंडा उत्पादन शुरू होता है। बटेरों को खुले में नहीं पाला जा सकता है। इनका पालन बंद जगह पर किया जाता है। क्योंकि यह बहुत तेजी से उड़ने वाला पक्षी है।

ये तीन सप्ताह में बाजार में बेचने के लायक हो जाते हैं।

अंडा उत्पादन करने वाली एक बटेर एक दिन में 18 से 20 ग्राम दाना खाती है, जबकि माँस उत्पादन करने वाली एक बटेर एक दिन में 25 से 28 ग्राम दाना खाती है। पहले दो सप्ताह में इनके पालन में बहुत ध्यान देना होता है जैसे कि 24 घंटे रोशनी, उचित तापमान, बंद कमरा तथा दाना पानी। तीसरे सप्ताह में यह बिकने लायक तैयार हो जाती है।

अधिक जानकारी के लिए यहाँ करें संपर्क

अगर आपको किसी भी तरह की जानकारी चाहिए तो केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ एमपी सागर से उनके फोन नंबर 0581-2303223, 2301220, 2310023 पर संपर्क कर सकते हैं। आप hainmpsagar59@rediffmail.com या cari_director@rediffmail.com पर ईमेल भी कर सकते हैं।

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