लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को मुख्मयंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर चुटकी ली। योगी ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर कहा कि चांदनी रात चोरों को अच्छी नहीं लगती है। सरकार की नीयत और मंशा दोनों ही साफ है।
उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों में एफआईआर ही दर्ज नहीं होती थी। पहले अपराधियों का महिमामंडन किया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीहोगा। योगी ने यूपी पुलिस की प्रशंसा करते हुए कहा कि कुछ वारदातों के खुलासे में पुलिस ने सराहनीय और तेजी से काम किया है। चाहे वह जेवरहाइवे लूटकांड हो या झांसी से अपहृत दो कारोबारियों की सकुशल बरामदगी का मामला हो, यूपी पुलिस ने कम समय में ये खुलासे कर दिए।
उत्तर प्रदेश में एंटी रोमियो स्क्वॉड के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा के लिए बनाए गए इस स्क्वॉड पर भी विपक्ष को आपत्ति है। उन्होंने कहा कि हमने 2017-18 में गृह विभाग का बजट बढ़ाया। डॉयल 100 में सुधार के लिए 296 करोड़ की व्यवस्था की। पुलिस विभाग समेतकई विभागों में बजट की व्यवस्था की गयी है। आपदा से निपटने के लिए एसडीआरएफ का गठन होगा।
योगी ने कहा कि पुलिस सर्विलांस सिस्टम के लिए 51 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। पुलिस आवास के लिए 18 करोड़ रुपये का बजट दियागया, वहीं सीसीटीएनएस के लिए 10 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जनता के हित में काम कर रही है। सभीकी सुरक्षा के लिए प्रदेश सरकार कार्य कर रही। एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स का गठन कर भूमि खाली कराने के खर्चे की रिकवरी भी उन्हींभूमाफियाओं से की जा रही है। योगी ने कहा कि 4 महीने में इस सरकार में एक भी दंगा नहीं हुआ और इस सरकार के आने के बाद हत्याओं में कमी आई है।
‘वाक इन इंटरव्यूह’ से भरेंगे विशेषज्ञ और डॉक्टरों के पद
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में सात हजार से अधिक डॉक्टरों की कमी है और सरकार इसे पूरा करने के प्रयास कर रही है। इसी प्रक्रिया मेंसरकार ‘वाक इन इंटरव्यू ‘ के तहत विशेषज्ञ एवं सामान्य डाक्टरों की भर्ती करेंगी और इन्हें अच्छे वेतन का प्रस्ताव देगी। विधानपरिषद में आजप्रश्नों के लिखित जवाब में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने यह जानकारी दी। सदस्य हेम सिंह पुंडीर के सवाल के जवाब में उन्होंने कहाकि प्रदेश के सरकारी अस्पतालो में 7,338 डाक्टरों की कमी है। इस कमी को पूरा करने के लिये सरकार ने डाक्टरों की रिटायरमेंट उम्र 60 वर्ष सेबढ़ाकर 62 वर्ष कर दी है।
इसके अलावा लोकसेवा आयोग के माध्यम से भी डाक्टरों के पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है। अब सरकार ‘वाकइन इंटरव्यूह ‘ के माध्यम से भी डाक्टरों के पद भरने की प्रक्रिया शुरू कर रही है, इसके तहत 500 विशेषज्ञ डाक्टरों के पद और 500 सामान्य एमबीबीएस डाक्टरों के पद भरेगी। डॉक्टरों को अच्छा वेतनमान दिया जाएगा ताकि जल्द ही सरकारी अस्पतालों को योग्य और बेहतर डाक्टरमिल सकें।