लखनऊ। कर्नाटक में चल रहे सियासी हंगामे पर मंगलावर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में 10 अन्य विधायकों के अलावा हाल में दाखिल 5 अन्य विधायकों के केस की भी सुनवाई हुई । पिछले सोमवार को कोर्ट ने स्पीकर रमेश कुमार को अगली सुनवाई तक विधायकों पर कोई कार्रवाई न करने का निर्देश दिया था। अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को अपना फैसला सुनाएगा।
मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की वाली कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार पर 16 विधायकों के इस्तीफे के बाद संकट छाए हुए हैं। अपनी सरकार बचाने की कवायद में गुरूवार को कुमारस्वामी विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए प्रस्ताव पेश करेंगे।
Hearing in the matter of rebel Karnataka MLAs: Mukul Rohatgi, representing 10 rebel MLAs says, “This is an attempt to scuttle their resignations. The Speaker is trying to make a decision on both the issues-resignation and disqualification-at the same time.” pic.twitter.com/RkbVWxjKti
— ANI (@ANI) July 16, 2019
बागियों को मनाने की कोशिशें बेकार
गठबंधन की ओर से कांग्रेस के सभी बागी विधायकों को मनाने की कोशिशें बेकार रही। उम्मीद जताई जा रही थी कि कांग्रेस के बड़े नेता बागियों को मनाने के लिए होटल में मिल सकते है। लेकिन ऐसा होने से पहले ही बागी विधायकों ने मुंबई पुलिस प्रमुख को लिखे पत्र में खुद को कांग्रेस के नेताओं से खतरा बता दिया। उन्होंने मुंबई पुलिस प्रमुख से कहा कि वह कांग्रेस के किसी अन्य नेताओं से नहीं मिलना चाहते हैं।
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बीजेपी को भी सरकार बनाने का भरोसा
भाजपा नेता येद्दयुरप्पा ने कहा है कि उन्हें अगले चार से पांच दिन में राज्य में सरकार बना लेने का भरोसा है। उन्होंने कहा, ‘कुमारस्वामी बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे। यह बात कुमारस्वामी भी जानते हैं। वह सदन में बढ़िया भाषण देने के बाद पद से इस्तीफा दे देंगे।’ बता दें कि पिछले साल चुनाव के बाद येद्दयुरप्पा मुख्यमंत्री बने थे। 224 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 105 सीटें मिली थी। लेकिन वह विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर सके थे और विश्वास मत प्रस्ताव पर मतदान से पहले ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
कोर्ट में मंगलवार को तीन याचिकाओं पर सुनवाई हुई। जिनमें से दो याचिकाएं बागी विधायकों की तरफ से दाखिल की गई थी। एक याचिका कांग्रेस की तरफ से है जिसमें सभी बागी विधायकों की सदस्यता निष्कासित करने की मांग की गई है।