आईवीआरआई ने बेरोजगार युवकों के लिए ये मशीनें बनाई हैं.. इनसे एक तरफ जहां थोड़े पैसे में लोग अपना कारोबार शुरु कर सकते हैं वहीं पशुओं की एक बड़ी समस्या दूर हो जाएगी। संबंधित डिटेल और नंबर नीचे दिए हैं..
ज्यादातर ग्रामीण युवा रोजगार की तलाश में शहर चले जाते है। इसका सबसे बड़ा कारण ग्रामीण इलाकों के रोजगार की कम उपलब्धता। लेकिन आज हम आपको उन मशीनों के बारे में बता रहे है जिनको एक या दो लाख की कीमत में गाँव में लगाकर अच्छा कमा सकते है।
उत्तर प्रदेश में बरेली के इज्जतनगर स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के पशु पोषण विभाग के डॉ पुतान सिंह बताया, “पशुओं को संतुलित आहार मिले इसके लिए संस्थान ने कई तरह की मशीनें तैयार की है। अगर कोई ग्रामीण इन मशीनों ग्राम पंचायत स्तर पर लगा तो उसको रोजगार मिलेगा साथ ही पशुओं इससे हर महीने कमा सकते है। हमारे संस्थान से इन मशीनों को एक या दो लाख की कीमत से बेच सकता है।”
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संस्थान में बनी मशीनों के बारे में डॉ सिंह बताते हैं, “पशुओं को खिलाने के लिए पशु चॉकलेट, पशु लड्डू, फीड ब्लॉक उत्पादों को बनाने के लिए मशीने बनाई गई। इन सभी उत्पादों को किसान खरीदते है क्योंकि इनको खिलाने से पशुओं के दूध उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी होती है।” इन उत्पादों को बनाने का प्रशिक्षण भी किसानों को संस्थान में दिया जाता है।
“पशुओं को खिलाने के लिए पशु चॉकलेट, पशु लड्डू, फीड ब्लॉक उत्पादों को बनाने के लिए मशीने बनाई गई। किसानों में इनकी अच्छी मांग है। हम लोग युवाओं को इन्हें बनाने की ट्रेेनिंग भी देते हैं।”
पशु चॉकलेट बनाने की विधि
पशु चॉकलेट बनाने वाली मशीन से एक दिन में प्रति व्यक्ति 100 से 200 चॉकलेट बनाई जा सकती है। यह मशीन बिजली और डीजल से नहीं चलती है बल्कि हाथ से चलाकर इससे चॉकलेट तैयार किया जाता है। दो किलो में 50 ब्लॉक बनाने के लिए 40 प्रतिशत शीरा, 40 प्रतिशत चोकर, 10 प्रतिशत यूरिया, 2 प्रतिशत खनिज लवण, एक प्रतिशत नमक, सात प्रतिशत सीमेंट का मिश्रण करके इसको चॉकलेट की तरह बनाया जाता है। पशु को यह चॉकलेट खिलाने से पशु को भूख भी अच्छी लगती है और पशु के दूध उत्पादन में भी वृदि होती है।
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पशु लड्डू बनाने की विधि
इसके लिए किसी मशीन की आवश्यकता नहीं होती है। इसको बनाने के लिए शीरा, चोकर, मेथी का बीज (पीसा हुआ), खल, मिनिरल मिक्चर, राख सॉल्ट (सेंधा नमक), विटामिन (ए, डी, ई) को मिलाकर लड्डू को बना सकते है और इसकी पैकिंग करके बाजार में 10 रूपए की कीमत पर बेच सकते है। इस लड्डू को दुधारु पशुओं को खिलाने से दूध में 10 से 12 प्रतिशत वृद्धि होती है और जो पशु गाभिन नहीं होते हैं उनको 20 दिन रोज एक लड्डू खिलाने से पशु गाभिन होने की समस्या भी दूर होती है। बरेली के आस-पास के गाँव में इस लड्डू का परीक्षण भी किया गया है।
फीड ब्लॉक बनाने की विधि
फीड ब्लॉक बनाने की मशीन को टैक्ट्रर के हाइड्रोलिेक प्रशेर पर चलाई जाती है। फीड ब्लॉक बनाने से चारे के भंडारण में तीन गुना जगह को बचाया जा सकता है। इस फीड ब्लॉक को बनाने की मशीन की कीमत 50 से 60 हजार रूपए है। इस फीड को बनाने के बाद पशुओं को अलग से आहार देने की जरूरत नहीं होती है क्योंकि इसमें मिनिरल मिक्चर, भूसा आदि संपू्र्ण आहार मिलाया जाता है।
अगर कोई भी व्यक्ति इस मशीन को खरीदना चाहता है और पशुओं को खिलाने के लिए ये उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण लेना चाहता है तो वो भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान से संपर्क कर सकता है
- डॉ. पुतान सिंह 9411220003
- डॉ. रूपसी सिंह 9411917058
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