जिस तरह से इंसानों में दूसरे तत्वों की तरह ही विटामिन जरूरी होता है, उसी तरह पशुओं की भी अच्छी सेहत के लिए विटामिन जरूरी होता है।
विटामिन ऐसे तत्व हैं, जिनसे कोई उर्जा तो नहीं मिलती, लेकिन शारीरिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। विटामिन शरीर की विभिन्न क्रियाओं के लिए बहुत आवश्यक है। दूध देने वाले पशुओं के शरीर से दूध स्त्रावित होने पर विभिन्न प्रकार के विटामिन भी विभिन्न प्रकार के विटामिन दूध स्त्राव के साथ शरीर से बाहर आते हैं। जिनकी आपूर्ति आम तौर पर वातावरण, पानी और पशु आहार से हो जाती है।
सभी विटामिनों का एक अपना अपना महत्व होता है। जिनकी कमी होने पर शरीर में कई प्रकार की बिमारियां हो जाती हैं। अलग अलग विटामिन की कमी से अलग अलग बीमारी उत्पन्न होती है।
विटामिन ए पशुओं को हरे चारे से प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हो जाती है। विटामिन डी धूप से उपलब्ध हो जाती और कुछ विटामिन पशु खुद से किण्वन प्रकिया से अपने आप बना लेते हैं। फिर भी दूधारू पशुओं में विटामिन की कमी रह जाती है।
पशुओं में खासतौर से ज्यादा दूध देने वाले के पूरक आहार के रुप में विटामिन खासतौर से देने चाहिए।
घुलनशीलता के आधार पर विटामिन दो प्रकार के होते हैं
वसा में घुलनशील विटामिन
पानी में घूलनशील विटामिन
वसा में घूलनशील
विटामिन ए, डी और ई वसा में घूलनशील होतें हैं। विटामिन डी व ई एडिपोस टिस्यू में सग्रहित होतें है, विटामिन ए यकृत में सग्रहित होते हैं।
पानी में घूलनशील विटामिन
पानी में घूलनशील विटामिन बी व सी ग्रुप में होते हैं। जुगाली करने वाले पशुओं में विटामिन बी व सी उदर में मौजूद जीवाणुओं द्वारा संश्लेषित किए जाते हैं। आमतौर पर इन विटामिन की कमी कम ही देखने को मिलती है।
विटामिन ए की कमी होने पर पशुओं में लक्षण
भूख कम लगना।
पशुओं की चमड़ी में सूखापन और खुरदरी चमड़ी और सूखापन।
बालों का झड़ना।
अंधापन और आंखों की रोशनी कम होना।
पशु गर्मी में न आना या बार बार रिपीट होना।
हर विटामिन का अपने स्थान पर अपना महत्व है। विटामिन पशु शरीर में स्टोर नहीं कर सकता। आजकल पशुपालक भाईयों के सामने ये सबसे बड़ी समस्या है। पशुओं में विटामिन और मिनरल की कमी के कारण कई रोग उत्पन्न हो जाते हैं। पशुपालक विचलित हो जाता है।
पशु पालक कम जानकारी के पशु चिकित्सकों को बुलाता है। जिन्हें मालूम नहीं हो पाता शरीर में कोई बैक्टीरिया के कारण कोई बीमारी नहीं है। विटामिन या मिनरल की कमी के कारण ये बीमारी उत्पन्न हुई है। उसकों विटामिन मिनरल नहीं देते हैं, सिर्फ एंटीबायोटिक दवा देकर पशुपालक का और जीव आर्थिक और मानसिक संतुलन बिगाड़ देते हैं।
सभी भाईयों से निवेदन है कि पशुओं को अच्छा पशु आहार खिलाएं हर पशुओं को खनिज मिश्रण दें। बीमार होने पर अच्छे पशु चिकित्सकों को बुलाना चाहिए।
(डॉ. सविन भोंगरा, करनाल, हरियाणा के पशु विशेषज्ञ हैं, अधिक जानकारी के लिए उनसे संपर्क कर सकते हैं: मोबाइल: 7404218942, ईमेल: Savinbhongra@Gmail.com)