बिहार के सुपौल जिले में पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि की गई, संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए वहां पर एक किमी के दायरे में आने वाले पोल्ट्री फार्म के मुर्गे-मुर्गियों को मारा जा रहा है।
सुपौल जिले के छपकाही गाँव में 31 मार्च को अचानक से मुर्गे-मुर्गियों और बतखों की मौत हो गई थी। साथ ही कई कौवों को भी मरा पाया गया था। इसके बाद से पटना से आयी टीम ने मरे पक्षियों के सैंपल इकट्ठा कर उसे जांच के लिए भेज दिया था।
पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद पशु पालन विभाग ने गुरुवार, 14 अप्रैल से पक्षियों को मारने का आदेश दे दिया था। जिला पशुपालन अधिकारी राम शंकर झा बताते हैं, “जांच के बाद पुष्टि हो गई है कि पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू से ही हुई है, छपकाही गाँव के एक किमी की परिधि में सभी गाँवों के मुर्गे-मुर्गियों को मारे के लिए चार टीम बनायी गईं हैं। इन्हें मारने के बाद मुर्गी पालकों को मुआवजा भी दिया जाएगा।”
पक्षियों की अप्राकृतिक मृत्यु की खबर मिलते हीं पशुपालन विभाग एक्शन में आया और जांच के बाद कई पक्षियों में बर्ड फ्लू होने की पुष्टि हुई,जिसके बाद उनको मारकर दफनाने का काम किया जा रहा है। पूरे इलाके को सैनिटाइज भी किया गया: बर्ड फ्लू मामले पर पशुपालन अधिकारी राम शंकर झा,सुपौल,बिहार pic.twitter.com/BiwoXfKQtb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 15, 2022
इसी साल फरवरी महीने में महाराष्ट्र के थाणे में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी, जहां पर 25000 से ज्यादा मुर्गियों को मारा गया था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार H5N1 एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा वायरस है जो एवियन इन्फ्लूएंजा (या “बर्ड फ्लू”) नामक पक्षियों में एक अत्यधिक संक्रामक, गंभीर श्वसन रोग का कारण बनता है। H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा से इंसानों में संक्रमण के मामले कभी-कभी होते हैं, लेकिन एक इंसान से दूसरे इंसान में संक्रमण मुश्किल होता है।
पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय ने मुआवजा राशि निर्धारित की है, जिसमें लेयर मुर्गी के चूजों के 20 रुपए, बड़ी मुर्गियों के लिए 90 रुपए, ब्रायलर मुर्गियों के चूजों के 20 रुपए, बड़ी ब्रायलर मुर्गी के 70 रुपए, बटेर के चूजों के पांच रुपए, बड़े बटेर के 10 रुपए, बतख के चूजों के 35 रुपए, बड़ी बतख के 135 रुपए, गिनी फाउल के चूजों के 20 रुपए, बड़ी गिनी फाउल के 90 रुपए, टर्की के चूजों के 60 रुपए और बड़ी टर्की के 160 रुपए। अंडों को नष्ट करने पर प्रति अंडा तीन रुपए और पोल्ट्री फीड को नष्ट करने पर 12 रुपए प्रति किलो निर्धारित किए गए हैं।
पिछले साल 2021 केजनवरी महीने में 12 राज्यों (मध्य प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान, जम्मू व कश्मीर और पंजाब) में एविएन फ़्लू (बर्ड फ़्लू) के प्रकोप की पुष्टि हुई थी। इसके प्रसार को रोकने के लिए महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, हरियाणा, पंजाब जैसे राज्यों में मुर्गियों और बतखों को मार दिया गया था।