लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में शामिल हुआ महिला स्टाफ़ द्वारा संचालित भारत का पहला रेलवे स्टेशन माटुंगा 

महिला सशक्तिकरण पार्टी

हर रोज हम भारत में लड़कियों और महिलाओं पर होने वाले भयानक अत्याचारों की कहानियां सुनते हैं। ऐसे हालात तब हैं जबकि, हम दावा करते हैं कि हमारे देश में तमाम प्रगतिशील नीतियां और ढेरों नागरिक आंदोलन हैं। हमारे यहां दुनिया की सर्वाधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधि हैं, इसके अलावा शासन के सभी स्तरों पर 10 लाख से अधिक पदों पर महिलाएं काबिज हैं।

इन सबके बीच महिलाओं से जुड़ी अपराध की ख़बरों के इतर महिला सशक्तिकरण की एक अच्छी ख़बर आयी है सेंट्रल रेलवे से।माटुंगा स्टेशन पूरी तरह महिलाओं के स्टाफ़ द्वारा चलाया जाने वाला पहला रेलवे स्टेशन बन गया है।इस स्टेशन का नाम लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स 2018 में दर्ज किया जा रहा है।

मुंबई के उपनगरीय माटुंगा रेलवे स्टेशन को लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड में जगह मिली है क्योंकि इस स्टेशन पर तैनात सभी कर्मचारी महिलाएं हैं। माटुंगा स्टेशन छह महीने पहले देश का पहला स्टेशन बना था, जिसके परिचालन की जिम्मेदारी पूरी तरह से महिलाओं को सौंपी गई थी।

रेलवे के एक अधिकारी ने बताया, हम यह सूचित करके प्रसन्न हैं कि माटुंगा स्टेशन का उल्लेख लिमका बुक ऑफ रिकार्ड्स 2018 में किया गया है। उन्होंने कहा, इसका श्रेय मध्य रेलवे के महाप्रबंधक डीके शर्मा को जाता है जिन्होंने महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए यह कदम उठाया।

इस स्टेशन पर 41 कर्मचारी तैनात हैं, जिसमें आरपीएफ और दूसरे विभागों की कर्मी भी शामिल हैं। ये लोग स्टेशन प्रबंधक ममता कुलकर्णी के तहत काम कर रही हैं। मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुनील उदासी ने बताया, पिछले छह महीने से महिला कर्मचारी ही 24 घंटे स्टेशन का कामकाज संभाल रही हैं और इसके नतीजे सकारात्मक और उत्साहजनक रहे हैं।

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