पहले दिन गेहूं क्रय केन्द्रों पर पसरा रहा सन्नाटा, प्रदेश में 80 प्रतिशत गेहूं की नहीं हुई है कटाई

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ योगी आदित्यनाथ की सरकार ने किसानों को राहत देते हुए इस साल प्रदेश में पांच हजार गेहूं क्रय केन्द्रों पर गेहूं किसानों से गेहूं खरीद का आदेश दिया था। लेकिन पहले दिन अधिकतर क्रय केन्द्रों पर सन्नाटा पसरा रहा। क्रय केन्द्रों पर तैयारी के बाद भी किसान गेहूं बेचने नहीं आए। उत्तर प्रदेश में अभी तक 80 प्रतिशत से ज्यादा गेहूं की कटाई नहीं हुई है। ऐसे में गेहूं की फसल अभी तैयार ही नहीं है। नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक एन.के सिंह ने बताया ”प्रदेश में गेहूं की फसल की कटाई 15 अप्रैल तक तैयार होगी। इसबार मौसम अनुकूल रहने के बाद भी अभी तक गेहूं की फसल पूरी तरह तैयार नहीं हुई है। ”

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उन्होंने बताया कि 15 अप्रैल के बाद गेहूं क्रय केन्द्रों पर किसानो की भीड़ उमड़ेगी। इस बार प्रदेश में गेहूं की अच्छी पैदावार होने की संभावना है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बार 80 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश के इस साल 9900 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती की गई है। जो पिछले एक दशक की तुलना में बहुत ज्यादा है। ऐसे में पैदावार होने की भी अधिक उम्मीद है। पूरे देश में जो गेहूं पैदा होता है उसमें 34.71 फीसदी गेहूं का उत्पादन अकेले उत्तर प्रदेश करता है।

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क्रय केन्दों पर गेहूं की खरीद करने में किसानों को कोई समस्या न हो इसको लेकर प्रदेश के सभी जिलों में शनिवार को गेहूं खरीद कार्यशाला का आयोजन किया गया। लखनऊ जिले में जिलाधिकारी जीएस प्रियदर्शी के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी आपूर्ति डा. अलका वर्मा की अध्यक्षता में संभागीय खाद्ध् नियंत्रक लखनऊ के कार्यालय में इसका आयेाजन हआ। जिसमें कर्मचारियों को गेहूं क्रय केन्द्रों पर सभी व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई। जिसमें विनोइंग फैन, छलनी, नमी मापक यंत्र, इलेक्ट्रानिक माप यंत्र और इलेक्ट्रानिक कांटा और उससे संबंधित चीजों की जानकारी दी गई।

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पूरे प्रदेश में सभी क्रय केन्द्रों को यह भी निर्देश दिया गया है कि जहां पर अभी तक गेहूं खरीद उपकरण सही नहीं है उसकी जांच मंडी समिति से कराकर नए उपरकण लगा लिए जाए। साथ ही सभी क्रय केन्द्र प्रभारियों को निर्देश दिया गया कि क्रय केन्द्र पर किसानों की सुख-सुविधा का पूरा ख्याल रखा जाए। सभी केन्द्र प्रभारी समय से क्रय केन्द्रों पर उलब्ध रहे और किसानों को उनके गेहूं का पैसा सीधे आरटीजीएस के माध्यम से तत्काल भुगतान कराया जाए। प्रत्येक केन्द्र पर टोल फ्री नंबर भी जारी किया जाए।

क्रय केन्द्रों पर अगर गेहूं की तौल में शिकायत पाई गई और इलेक्ट्रानिक कांटो में किसी प्रकार की गड़बड़ी पाई गई तो इसके लिए सीधे वरिष्ठ बाट-माप निरीक्षक को जिम्मेदार माना जाएगा। ऐसी गड़बड़ी न हो इसके लिए विभाग ने सभी बाट-माप निरीक्षक को इलेक्ट्रानिक कांटों की जांच करने का आदेश जारी किया है। सभी जिलों के जिला खाद्ध विपणन अधिकारी, खाद्य निरीक्षक और वरिष्ठ लेखाधिकारी को क्रय केन्दों की व्यवस्था की जांच और मुस्तैद रहने का आदेश दिया गया है।

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