नई दिल्ली (भाषा)। सरकार गेहूं पर आयात शुल्क बढ़ाने पर विचार कर रही है, इस समय गेहूं आयात पर 20 फीसदी शुल्क लागू है। इसका मकसद रबी फसल के चालू मौसम में बुवाई को प्रोत्साहन देना और घरेलू कीमतों को समर्थन प्रदान करना है।
पिछले महीने ही सरकार ने गेहूं पर आयात शुल्क को दोगुना करके 20 फीसदी किया था। इसका मकसद गेहूं के सस्ते आयात को कम करना और रबी मौसम में बुवाई के लिए किसानों को बेहतर कीमत मिलने का संकेत देना था। इसे बढ़ाने की अहम वजह निजी क्षेत्र के कारोबारियों द्वारा अप्रैल के बाद 10 फीसदी की आयात शुल्क दर पर 10 लाख टन गेहूं का आयात करना था।
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सूत्रों के अनुसार बुवाई को प्रोत्साहन देने और घरेलू कीमतों को समर्थन देने के लिए सरकार एक बार फिर आयात शुल्क की दर बढ़ाने पर विचार कर रही है।
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कृषि मंत्रालय के नवीनतम आंकडों के अनुसार इस साल रबी के मौसम में 15 दिसंबर तक गेहूं का बुवाई क्षेत्र घटकर 245.50 लाख हेक्टेअर रह गया है जो पिछले साल इसी अवधि में 250.48 लाख हेक्टेअर था। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016-17 के फसल वर्ष (जुलाई-जून) में भारत का गेहूं उत्पादन 9.838 करोड़ टन था।
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