लखनऊ। आने वाले महीनों में चीनी की मिठास कम हो सकती है। पिछले साल की अपेक्षा अभी तक चीनी का उत्पादन 15 से भी कम हुआ है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है रहा है कि सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में इस सील पेराई देर से शुरू हुई, जिस कारण अभी तक चीनी का उत्पादन 15 फीसदी से कम हुआ है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने एक रिपोर्ट जारी करके बताया कि सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में इस साल गन्ने की पेराई का काम बहुत देर से शुरू हुई। जो पेराई अक्टूबर से शुरू हो जाती थी वो इस बार नवंबर से शुरू हुई। ऐसे में चीनी के उत्पादन पर इसका विपरीत असर पड़ने वाला है और देश में चीनी का उत्पादन अभी तक 15 फीसदी से भी कम हुआ है। जबकि महाराष्ट्र में पेराई अक्टूबर से ही शुरू हो गया था। इस्मा ने एक अक्टूबर से 15 नवंबर तक के आंकड़े जारी किए हैं।
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इस्मा की रिपोर्ट के अनुसार विपणन वर्ष 2018-19 के शुरुआती डेढ़ महीने में देशभर में चालू 238 चीनी मिलों से 11.63 लाख चीनी का उत्पादन हुआ, जबकि पिछले साल 15 नवंबर तक चीनी का उत्पादन 13.73 लाख टन हुआ था। पिछले साल 15 नवंबर तक 349 चीनी मिलें चालू हो गयीं थीं। ऐसे में कम उत्पादन का असर सीधे चीनी की कीमतों पर पड़ सकता है।
बात अगर चीनी के सबसे उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश की करें तो यहां 15 नवंबर तक चीनी का उत्पादन मात्र 1.76 लाख टन हुआ, जबकि पिछले साल इस समय तक 5.67 लाख टन उत्पादन हो चुका था। इस साल 15 नवंबर तक प्रदेश में 71 चीनी मिलों ने पेराई शुरू किया जबकि 78 मिलों में काम शुरू हो चुका था।
भारत 16 साल बाद पहली बार चीनी उत्पादन में ब्राजील को पछाड़कर नंबर वन बनने जा रहा है। चालू सीजन में भात में उत्पदान 5.2 फीसदी बढ़कर 3.59 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकता है। वहीं ब्राजील में खराब मौसम होने के कारण 21 फीसदी उत्पादन घटकर तीन करोड़ छह लाख टन रह सकता है।
जबकि इससे पहले इस्मा ने अपनी ही कमें बताया था कि उत्तर प्रदेश गन्ना बुवाई का रकबा बढ़कर 23.90 लाख हेक्टेयर था जो पिछसे साल 22.99 लाख हेक्टेयर था।
भारत में उत्तर प्रदेश (36.1%), महाराष्ट्र (34.3%) और कनार्टक (11.7%), तीन सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य हैं। 2015-16 में भारत में चीनी उत्पादन 24.8 मिलियन टन हुआ था।
दूसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में इस समस 108 चीनी मिलों में पेराई हो रही है जिससे अब तक 6.31 लाख टन उत्पादन ही हुआ जबकि पिछले साल इस समय तक 160 मिलों में पेराई का काम शुरू था और 3.26 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
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कर्नाटक का भी यही हाल है। राज्य में 36 चीनी मिलों से अभी तक 1.85 लाख टन ही चीनी का उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल इस अवधि में 59 मिलों में पेराई को रही थी जबकि उत्पादन 3.71 लाख टन हुआ था। गुजरात में 14 मिलों से 1.5 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल इस समय तक 15 मिलों से 80 हजार टन चीनी उत्पादन हुआ था। तमिलनाडु में चार मिलों में 60,000 टन चीनी का उत्पादन हुआ है, जबकि पिछले साल छह मिलों में 15 नवंबर तक सिर्फ 17,000 टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
वहीं पिछले दिनों केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंहने ट्वीट करके जानकारी दी भारत 16 साल बाद पहली बार चीनी उत्पादन में ब्राजील को पछाड़कर नंबर वन बनने जा रहा है। चालू सीजन में भात में उत्पदान 5.2 फीसदी बढ़कर 3.59 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकता है। वहीं ब्राजील में खराब मौसम होने के कारण 21 फीसदी उत्पादन घटकर तीन करोड़ छह लाख टन रह सकता है।