आम उत्पादक और निर्यातकों के लिए अच्छी खबर, इस साल अमेरिका को आम निर्यात को मिली हरी झंडी

भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण विभाग (DAC&FW) और अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) के एमओयू के बाद इस साल आम निर्यात का रास्ता साफ हो गया। कोविड के चलते 2020-2021 में निर्यात पर नहीं हो सका था।
#mango

नई दिल्ली। देश के आम बागान मालिक और कारोबारियों के लिए अच्छी खबर है। अमेरिका के लोग 2022 में भारत के आम चाव से खा सकेंगे। केंद्र सरकार ने अमेरिका के लिए इस सीजन में आमों के निर्यात के लिए मंजूरी प्राप्त कर ली है।

केंद्र सरकार ने नए सीजन में अमेरिका के लिए भारतीय आमों के निर्यात के लिए यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (यूएसडीए) से मंजूरी प्राप्त कर ली है। भारतीय आमों के निर्यात पर अमेरिका द्वारा 2020 से ही प्रतिबंध लगा दिया गया था क्योंकि यूएसडीए के निरीक्षक कोविड-19 महामारी के कारण अंतर्राष्ट्रीय यात्रा पर लगाये गए प्रतिबंधों के कारण विकिरण (इरेडिएशन) सुविधा के निरीक्षण के लिए भारत के दौरे पर आने में असमर्थ हो गए थे।

पिछले साल 23 नवंबर, 2021 को आयोजित 12वीं-अमेरिकी व्यापार नीति फोरम (टीपीएफ) की बैठक के अनुसार कृषि तथा किसान कल्याण विभाग और यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (यूएसडीए) ने 2 बनाम 2 कृषि बाजार पहुंच मुद्दों को कार्यान्वित करने के लिए एक संरचना समझौते पर हस्ताक्षर किया है।

इस समझौते के तहत, भारत और अमेरिका भारत के आमों तथा अनारों को अमेरिका निर्यात करेगा जबकि अमेरिका से चेरी और अल्फाल्फा सूखी घास (हे) भारत आ सकेगी। भारत को विकिरण उपचार की पूर्व मंजूरी की निगरानी के चरण-वार हस्तांतरण सहित एक संशोधित कार्य योजना की रूपरेखा तैयार की गई है जैसीकि दोनों देशों के बीच सहमति हुई है। परस्पर समझौते के हिस्से के रूप में, भारत मार्च के बाद से आमों की अल्फांसों किस्म के साथ आरंभ करते हुए अमेरिका में आमों का निर्यात करने में सक्षम हो सकेगा।

साल 2019-20 में 4.35 बिलियन के आम गए थे अमेरिका

अमेरिका में भारतीय आमों व्यापक मांग है। भारत ने 2017-18 में अमेरिका को 800 मीट्रिक टन (एमटी) आमों का निर्यात किया था और इन फलों का निर्यात मूल्य 2.75 मिलियन डॉलर था।

इसी प्रकार, 2018-19 में अमेरिका को 3.63 मिलियन डॉलर के बराबर के 951 एमटी आमों का निर्यात किया गया था जबकि वित्त वर्ष 2019-20 में अमेरिका को 4.35 मिलियन डॉलर के बराबर के 1,095 एमटी आमों का निर्यात किया गया था। आकलनों के अनुसार, 2022 में आमों का निर्यात 2019-20 के आंकडों की तुलना में अधिक हो सकता है।

यूएसडीए की मंजूरी महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना जैसे पारंपरिक आम उगाए जाने वाले क्षेत्रों से निर्यात के रास्ता खुलेगा।

कृषि तथा प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने कहा कि यह उत्तर तथा पूर्व भारत के क्षेत्रों से उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के लंगड़ा, चौसा, दसहरी, फजली आदि आमों की अन्य स्वादिष्ट किस्मों के निर्यात के लिए भी अवसर उपलब्ध कराएगा।

अनार का निर्यात अप्रैल, 2022 से आरंभ होगा। अमेरिका से चेरी और अल्फाल्फा सूखी घास का आयात अप्रैल, 2022 से आरंभ होगा।

पिछले सप्ताह केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत ने दिसंबर 2021 में 37 बिलियन डॉलर का अब तक का सबसे अधिक निर्यात हासिल किया, जो दिसंबर 2020 की तुलना में 37% अधिक है। गोयल ने कहा कि इस वित्त वर्ष के अंत तक 400 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।

ये भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश के रटौल आम को मिला जीआई टैग, जानिए पाकिस्तान और भारत के बीच इस किस्म को लेकर क्यों चल रहा है विवाद

ये भी पढ़ें- आम की मल्लिका किस्म की खासियतें जानते हैं आप

Recent Posts



More Posts

popular Posts