लखनऊ। आईपीएल खत्म होने वाला है और विश्व कप शुरू होने में बस कुछ ही दिन बचे हैं। सभी टीमें कड़े अभ्यास में जुटी हुईं हैं। इस बार वर्ल्डकप इंग्लैंड और वेल्स में खेला जाएगा। विश्व कप का पहला मैच मेजबान इंग्लैड और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला जाएगा।
अभी तक इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड जैसी मजबूत टीमें विश्वकप जीतने से महरूम रही हैं। हालांकि इन टीमों का प्रदर्शन अन्य टूर्नामेंट्स में अव्वल दर्जे का रहता है लेकिन आईसीसी के टूर्नामेंटों में ये टीमें बचकानी साबित होती हैं।
इंग्लैंड
इंग्लैंड की टीम विश्वकप की प्रबल दावेदार मानी जा रही है और ऐसा उनके हालिया फॉर्म के आधार पर कहा जा रहा है। अभी तक इंग्लैंड ने आईसीसी की एक ट्रॉफी अपने नाम की है। पॉल कोलिंगवुड की कप्तानी में इंग्लैंड ने 2009 में ऑस्ट्रेलिया को हरा कर टी-20 विश्वकप अपने नाम किया था।
अगर विश्व कप में इंग्लैंड की प्रदर्शन की बात की जाए तो इंग्लैंड ने तीन बार विश्व कप का फाइनल खेला है लेकिन एक भी बार वो जीत नहीं पाया है। 2015 के विश्वकप में इंग्लैंड पहले ही दौर से बाहर हो गया था। इस बार इस मिथक को तोड़ने के लिए इंग्लैंड टीम पूरी तरह संतुलित नज़र आ रही है। कप्तान इयान मोर्गन की कप्तानी में इंग्लिश टीम ने पिछले कई वर्षों में काफी सुधार किया है और संतुलित नज़र आ रही है। यही कारण है कि उसे विश्व कप प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
इंग्लैंड टीम का टॉप आर्डर काफी मजबूत नजर आ रहा है। इंग्लैंड के पास जेसन रॉय, जोनी बेयरस्टो, कप्तान इयान मोर्गन और जो रूट जैसे दिग्गज शीर्ष क्रम के बल्लेबाज हैं। मिडल ऑर्डर में मोईन अली, जोस बटलर और बेन स्टोक्स जैसे धाकड़ बल्लेबाज व हरफनमौला खिलाड़ी है। वहीं गेंदबाजी की बात करें तो क्रिस वोक्स, लियाम प्लंकेट, मार्क वुड, डेविड विली और टॉम करन जैसे तेज गेंदबाज किसी भी टीम के बैटिंग आर्डर को तहस-नहस कर सकते हैं। वहीं स्पिन विभाग में आदिल रशीद और मोईन अली अपनी फिरकी में किसी भी बल्लेबाजों को फंसाने का दम रखते हैं। हर तरह से संतुलित दिख रही इंग्लैंड की टीम विश्वकप में कैसा प्रदर्शन करती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
दक्षिण अफ्रीका
कप्तान फॉफ डू प्लेसिस की कप्तानी में दक्षिण अफ्रीका विश्वकप में क्या गुल खिलाती है यह तो इंग्लैंड के खिलाफ 30 मई को होने वाला मुकाबला ही बता देगा। दक्षिण अफ्रीका पर विश्व कप में चोकर्स का टैग लगा है जो आज तक हट नहीं पाया है। दक्षिण अफ्रीका कभी भी विश्वकप के फाइनल तक नहीं पहुंचा है। सेमीफाइनल के आगे उसकी गाड़ी कभी बढ़ी ही नहीं है।
1999 विश्व कप का मुकाबला भला कौन भूला होगा। एलेन डोनॉल्ड की चूक आज भी दक्षिण अफ्रीका को कहीं न कहीं सुई की तरह चुभती होगी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी ओवर में दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए नौ रन चाहिए थे। डेमियन फ्लेमिंग के ओवर में लांस क्लूजनर ने लगातार दो चौके जड़कर मैच अपनी ओर मोड़ लिया। लेकिन अगली गेंद पर क्या होना था ये किसी को नहीं पता था। क्लूजनर शॉट खेलते ही रन के लिए दौड़ पड़े लेकिन डोनाल्ड रन को पूरा नहीं कर सके और रन आउट हो गए। रनरेट के आधार पर ऑस्ट्रेलिया को जीत दे दी गई।
फाइनल में पाकिस्तान को हराकर ऑस्ट्रेलिया 1999 विश्वकप का विजेता बना, यह भी विश्वकप इंग्लैंड में खेला गया था। इस हार से दक्षिण अफ्रीका विश्व कप में कभी भी उबर नहीं पाई और विश्वकप में उसका सफर सेमीफाइनल के आगे कभी बढ़ नहीं पाया। दक्षिण अफ्रीका अपने ऊपर से कभी भी चोकर्स का टैग हटा नहीं पाई। 2015 के विश्वकप के सेमीफाइनल में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ भी दक्षिण अफ्रीका मानो जीत के हार गई हो।
दक्षिण अफ्रीका टीम की बात करें तो प्रोटियाज टीम काफी संतुलित नजर आ रही है। हां, एबी डिविलियर्स के संन्यास के बाद बल्लेबाजी पर थोड़ा असर जरूर पड़ेगा। लेकिन कप्तान फाफ डू प्लेसिस, हाशिम अमला, क्विंटन डि कॉक, जेपी डुमिनी, एडेन मार्करम, रासी वान डेर डुस्सेन और डेविड मिलर जैसे धाकड़ बल्लेबाज बल्लेबाजी को मजबूत बनाते हैं। वहीं फेहलुकवायो, ड्वेन प्रिटोरियस जैसे हरफनमौला खिलाड़ी टीम के मिडिल ऑर्डर को मजबूत करते हैं। तेज गेंदबाजी की बात करें तो कगिसो रबाडा, लुंगी एनगिडी, एनिच नॉर्टजे और डेल स्टेन विपक्षी टीम की बल्लेबाजी के खिलाफ़ खड़े रहेंगे। वहीं स्पिन गेंदबाजी विभाग में इमरान ताहिर और तबरेज शम्शी शानदार फॉर्म में हैं। आईपीएल 2019 में रबाडा के बाद इमरान ताहिर ने ही सबसे ज्यादा विकेट झटके हैं। इस बार भी दक्षिण अफ्रीका की पूरी कोशिश चोकर्स की टैग हटाने की होगी। लेकिन इंग्लैंड में किस टीम की तूती बोलेगी यह आने वाला वक्त ही बताएगा।
दक्षिण अफ्रीका ने अभी तक आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी ही जीती है। चैम्पियन ट्रॉफी भी जीते हुए दक्षिण अफ्रीका को कई वर्ष हो गए हैं। दक्षिण अफ्रीका अभी तक विश्वकप के फाइनल में नहीं पहुंचा है।
न्यूज़ीलैंड
कप्तान केन विलियम्सन की अगुवाई में न्यूज़ीलैंड टीम किसी भी टीम को हराने का माद्दा रखती है। विश्वकप में न्यूज़ीलैंड टीम हमेशा अंडरडॉग साबित हुई है।
कीवी टीम की संतुलन की बात करें तो केन विलियम्सन एक सुलझे हुए और कूल कप्तान हैं। टीम की बल्लेबाजी की बात करें तो केन विलियम्सन, मार्टिन गुप्टिल, रॉस टेलर, कोलिन मुनरो, टॉम लाथम जैसे धाकड़ बल्लेबाज हैं। मिडिल ऑर्डर में जेम्स नीशम, कोलिन डिग्रांडहोम जैसे हरफनमौला खिलाड़ी मौजूद हैं। वहीं तेज गेंदबाजी में टिम सऊदी, ट्रेंट बोल्ट और लौकी र्फग्यूसन जैसे दिग्गज गेंदबाज अपनी रफ्तार से किसी भी बैटिंग ऑर्डर को डिगा सकते हैं। स्पिन गेंदबाजी विभाग में मिशेल सेंटनर और ईश सोढ़ी को रखा गया है।
विश्व कप में न्यूजीलैंड टीम का रिकॉर्ड ठीक-ठाक रहा है। ये भी 2015 तक दक्षिण अफ्रीका की तरह सेमीफाइनल से आगे नहीं बढ़े हैं। लेकिन 2015 विश्व कप के सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर कीवी टीम ने फाइनल में प्रवेश किया था। हालांकि फाइनल में उसे ऑस्ट्रेलिया के हाथों एकतरफा हार का सामना करना पड़ा था।
आईसीसी टूर्नामेंट्स की बात करें तो न्यूज़ीलैंड भी एक बार आईसीसी ट्रॉफी जीती है। वर्ष 2000 में क्रिस केन्स के हरफनमौला खेल की बदौलत न्यूजीलैंड ने फाइनल में भारत को चार विकेट से हराकर ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था। तब से न्यूजीलैंड टीम ने अभी तक कोई भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीती है।
ये टीमें अभी तक बनीं हैं विश्वविजेता
1975 और 1979
क्लाइव लॉयड की कप्तानी में वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया को 17 और इंग्लैंड को 92 रनों से हराकर विश्वकप जीता। वेस्टइंडीज लगातार दो बार विश्व चैम्िपयन बना।
1983
कपिल देव की कप्तानी में भारत ने वेस्टइंडीज को 43 रन से हरा कर विश्वकप पर कब्जा किया।
1987
एलेन बॉर्डर की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 7 रन से हराकर विश्वविजेता बना।
1992
इमरान खान की कप्तानी में पाकिस्तान ने इंग्लैंड को 22 रनों से हराकर विश्व कप का ताज पहना
1996
अर्जुना रणतुंगा की कप्तानी में श्रीलंका ने ऑस्ट्रेलिया को सात विकेट से मात देकर विश्व कप जीता
1999
स्टीव वॉ की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को 8 विकेट से हराकर इतिहास रचा।
2003 और 2007
रिकी पोंटिंग की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 125 रनों से हराकर व श्रीलंका को 53 रनों से हराकर लगातार इतिहास रचा।
2011
महेन्द्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने श्रीलंका को 6 विकेट से हराकर 28 साल के सूखे काे खत्म कर विश्व िवजेता बना।
2015
माइकल क्लार्क की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने न्यूज़ीलैंड को सात विकेट से हराकर फिर विश्व कप जीतकर इतिहास रचा।
कौन टीम कितनी बार बनी है विश्व विजेता?
वेस्टइंडीज- 2 बार
ऑस्ट्रेलिया- 5 बार
भारत- 2 बार
पाकिस्तान- 1 बार
श्रीलंका- 1 बार
आईसीसी चैम्पियन ट्रॉफी विजेता
दक्षिण अफ्रीका- 1998
न्यूज़ीलैंड- 2000
भारत और श्रीलंका संयुक्त रूप से विजेता- 2002
वेस्टइंडीज- 2004
ऑस्ट्रेलिया- 2006
ऑस्ट्रेलिया- 2009
भारत-2013
पाकिस्तान- 2017
आईसीसी टी-20 विश्व कप विजेता
भारत- 2007
पाकिस्तान- 2009
इंग्लैंड-2010
वेस्टइंडीज-2012
श्रीलंका-2014
वेस्टइंडीज-2016